हैलो भाइयो, ये कहानी एक नौकर की है, जिसका नाम रामू है। वो एक मध्य पूर्वी देश में एक अच्छे घर में नौकर है।
रामू अपना सब काम बहुत अच्छे से करता है। उसके काम से उसके मालिक भी बहुत खुश हैं। वो अपने मालिक को भैया और उनकी पत्नी को भाभी कहता है। रामू दिखने में एक सीधा सा सांवला लड़का है, जिसकी उम्र 26 साल है। वो 5 फुट 2 इंच लंबा है, पर उसके लंड का साइज़ 7 इंच का है।
उस घर में 3 लोग रहते हैं। एक मालिक, जिसका नाम रमेश है, उसकी पत्नी का आरिषा और उनका लड़का राहुल रहते हैं।
उनका परिवार काफ़ी खुश है। रमेश एक इंजीनियर हैं और आरिषा भाभी एक हाउस वाइफ हैं।
मैं आपको अब आरिषा भाभी के बारे में बता देता हूँ। वो एक 5 फिट की बिल्कुल गोरी फली फूली कली हैं, जिनकी उम्र 30 साल की है। आरिषा भाभी का फिगर साइज़ 34-30-38 का है। वो एक बहुत मस्त माल लगती हैं। काफ़ी लोग उनके हुस्न के दीवाने हैं, पर वो किसी को भी ज़्यादा भाव नहीं देती हैं।
आरिषा भाभी की लाइफ अच्छी चल रही थी, पर वो पिछले कुछ दिनों से उदास सी रहने लगी थीं। उनका पति उनकी ओर ज़्यादा ध्यान नहीं दे रहा था।
वो बेचारी अपनी परेशानी किसी और को बता भी नहीं पा रही थीं। भाभी को बदनामी का डर था, इसलिए वो शांत रहती थीं।
असल में बात ये थी कि रमेश अब आरिषा भाभी की चुदाई नहीं करता था और अगर कभी करता भी था, तो आरिषा भाभी उसकी चुदाई से संतुष्ट नहीं हो पाती थीं।
इस वजह से आरिषा भाभी काफी परेशान रहने लगी थीं। उन दोनों की लाइफ बस उनके बेटे राहुल के कारण ही चल रही थी। इस बात से उनके घर के नौकर रामू को कुछ शक हुआ और उसने एक दिन आरिषा भाभी से पूछा।
रामू- भाभी अगर आप बुरा ना मानें, तो मैं एक बात पूछ सकता हूँ?
आरिषा- हां बोलो रामू।
रामू- भाभी आप कुछ परेशान लग रही हैं … कुछ बात है क्या?
आरिषा- नहीं, कुछ बात नहीं है … तुमको ऐसा क्यों लग रहा है?
रामू- वो भाभी मैं देख रहा हूँ कि भैया भी आपसे सही से बात नहीं कर रहे हैं और आपका चेहरा उदास रहता है।
आरिषा- नहीं, ऐसा कुछ नहीं है … बस कुछ प्राब्लम है। तुम नहीं समझोगे। खैर … छोड़ो, मुझे एक कप चाय मिलेगी।
रामू- जी भाभी, अभी लाता हूँ।
कुछ देर के बाद रामू- लीजिए भाभी आप चाय पीजिए। जब तक में सफाई कर देता हूँ।
आरिषा- अरे रामू … आओ बैठो तुम भी चाय पी लो।
रामू- नहीं भाभी, मैं आपके साथ कैसे चाय पी सकता हूँ। मैं तो आपका नौकर हूँ।
आरिषा- क्यों नहीं पी सकते … और वैसे भी तुम अभी क्या कह रहे थे कि भाभी अगर कोई प्राब्लम हो, तो बताइए। तो फिर तुम मेरे दोस्त भी हुए ना।
रामू- वो भाभी …
आरिषा- वो मुझे कुछ नहीं पता। आओ बैठ जाओ। तुम इतना काम करते हो हमारा ख्याल रखते हो।
रामू- अच्छा भाभी ठीक है।
फिर ऐसे ही चलता रहा।
अब रामू और आरिषा आपस में कभी कभी बातें करने लगे।
आरिषा भाभी रामू को अपनी बातें बताने लगी थीं।
एक दिन आरिषा भाभी और रमेश की कुछ अनबन हो गई।
रमेश गुस्से में बड़बड़ाते हुए वहां से चला गया।
आरिषा भाभी रोने लगीं।
रामू ये सब देख रहा था।
वो आरिषा भाभी के पास आया और बोला- भाभी क्या हुआ … आज भैया इतने गुस्से में क्यों गए?
आरिषा- कुछ नहीं रामू, तुम अपना काम करो।
रामू- मैं अपना काम ही तो कर रहा हूँ भाभी … आपका ख्याल रखना भी तो मेरा ही काम है।
आरिषा- कुछ नहीं … बस ऐसे ही थोड़ी लड़ाई हो गई। बस बाकी तुम नहीं समझोगे।
रामू- भाभी आप मुझे बता सकती हैं और आप वैसे मुझे अपना दोस्त बोलती हो, तो बता दीजिए न मुझे!
आरिषा- क्या क्या बताऊं तुम्हें … एक रमेश है, जो मेरा पति होकर भी मुझसे सही से बात नहीं करता है। और एक तुम नौकर होते हुए भी मेरी इतनी फ़िक्र करते हो। बात ये है कि मैं रमेश को किसी भी बात पर कुछ भी कहूँ, वो सीधे मुँह जवाब ही नहीं देता है। एक औरत की अपने पति से कुछ इच्छा होती है, पर रमेश मुझसे अब ऐसे बर्ताव करता है, जैसे मेरा उस पर कोई हक ही नहीं है।
रामू- भाभी आप रोइए मत प्लीज़ … आप रोती हुई अच्छी नहीं लगती हैं।
आरिषा- अब मेरी जिंदगी में इन आंसुओं की बिना रह ही क्या गया है। अच्छा चलो अब बहुत देर हो गई है, तुम भी सो जाओ और मैं भी अपने रूम में जाती हूँ।
रामू- अच्छा भाभी जी ठीक है, पर आप रोना मत।
वो दोनों अपने अपने रूम में चले गए और सो गए।
इस वाकिये के बाद से उन दोनों की धीरे धीरे बात होती रही।
अब आरिषा भाभी रमेश की बातें रामू को बताने लगी थीं।
फिर एक दिन आरिषा भाभी और रमेश की फिर से लड़ाई हुई और रमेश घर से बाहर जाने लगा।
तभी आरिषा भाभी रमेश के पीछे दौड़ पड़ीं और वो फर्श पर फिसल कर गिर गईं।
मगर रमेश नहीं रुका और वो चला गया।
आरिषा भाभी के गिरने की आवाज़ सुन कर रामू दौड़ा हुआ आया।
रामू- अरे भाभी क्या हुआ … आप कैसे गिर गईं।
आरिषा- कुछ नहीं बस … वो पैर फिसल गया।
रामू ने आरिषा को उठाने की कोशिश की, पर आरिषा से सही से खड़ा नहीं हुआ गया। रामू ने आरिषा को अपनी गोदी में उठाया और उनको रूम में ले जाकर उसे बेड पर लिटा दिया।
रामू- भाभी बताओ क्या हुआ था … आप कैसे गिर गई थीं और आप दौड़ क्यों रही थीं?
आरिषा भाभी ने रोते हुए बताया- वो तुमको तो पता ही है रमेश के और मेरे झगड़े के बारे में … आज फिर से झगड़ा हुआ और वो बाहर जाने लगे। मैं उसे रोकने के लिए भागी … और गिर गई। पर वो देखकर भी नहीं रुका और चला गया।
रामू- भाभी, आप रोइए मत, आपको बहुत दर्द हो रहा होगा। मैं डॉक्टर को बुलाता हूँ।
आरिषा- रामू, तुम मेरा कितना ख्याल रखते हो। तुम मेरे लिए कितना करते हो और एक मैं फिर भी कुछ नहीं करती। अच्छा रामू तुम मेरी बात मानोगे?
रामू- हां बोलिए भाभी जी, मैं आपकी सारी बात मानूंगा।
आरिषा- अच्छा सुनो मेरे पैर और कमर में चोट लगी है। तुम बाम लगा दोगे?
रामू- अगर भाभी आपको कोई दिक्कत नहीं है, तो मैं लगा दूंगा।
आरिषा- मुझे कैसी दिक्कत … मुझे तो एक बंदा चाहिए ही है, जो मेरा ख्याल रखे। मुझे तुम मिल गए, ये मेरे लिए बड़ी अच्छी बात है।
रामू बाम की शीशी लेकर आया और उसने आरिषा के पैरों पर बाम मलनी शुरू कर दी।
आरिषा ने भी अपनी थोड़ी सारी ऊपर को उठा दी और रामू ने आरिषा के पैरों में ऊपर तक बाम लगा दी।
जब भाभी ने अपनी साड़ी ऊपर की, तो रामू आरिषा के चिकनी टांगों को देखता रह गया।
बिना बालों वाली आरिषा भाभी की टांगें देख कर रामू एकदम गर्म हो गया।
भाभी की टांगों पर एक भी बाल नहीं था।
अब रामू की नियत भी हल्की हल्की बिगड़ रही थी।
आरिषा- रामू … अब तुम मेरी कमर पर भी बाम लगा दो।
रामू- जी भाभी।
रामू ने आरिषा की कमर को छुआ तो उन दोनों के अन्दर करेंट दौड़ने लगा।
आज पहली बार रामू ने आरिषा को ऐसे छुआ था।
वो थोड़ा सा मदहोश होने लगा।
दूसरी तरफ आरिषा भाभी को काफ़ी दिनों बाद किसी ने ऐसे छुआ था, तो आरिषा भाभी भी पागल हो रही थीं।
रामू धीरे धीरे आरिषा भाभी की कमर पर बाम लगाते हुए हल्की सी दाब से मालिश करने लगा।
जिससे आरिषा भाभी और भी उत्तेजित हो रही थीं।
आरिषा भाभी रामू से मदहोश आवाज़ में बोलीं- रामू अच्छे से करो मालिश … आह बहुत आराम मिल रहा है।
रामू का भी बुरा हाल हो रहा था क्योंकि वो कुछ भी कर रहा तो उसे वासना चढ़ने लगी थी।
वो अपना कंट्रोल धीरे धीरे खोता जा रहा था।
फिर आरिषा भाभी पलट गईं और वो अपना चेहरा आगे करके रामू के सामने लेट गईं।
आरिषा भाभी ने अपनी साड़ी को पैरों से ऊपर उठाया और कामुक आवाज़ में बोलीं- रामू लो … मेरे पैरो पर आगे भी बाम लगा दो।
पर रामू अब भी उसकी बात नहीं समझ सका था। वो बेचारा सीधा था। पर हर मर्द को औरत की तलब होती है।
वो भी एक हट्टा-कट्टा मर्द था और उससे भी कहां तक कंट्रोल होता।
रामू अपनी हथेलियों से आरिषा भाभी की नर्म और मक्खन सी मुलायम जांघों पर बाम लगाते हुए मसाज करने लगा।
बाम लग जाने के बाद आरिषा भाभी बोलीं- रामू, मेरे कंधों पर भी बाम लगा दो। बहुत दुख रहा है।
राम- जी भाभी।
अब आरिषा ने अपना ब्लाउज कंधे से हल्का सा नीचे कर दिया और रामू बाम लगाने लगा।
बाम लगाते हुए रामू का हाथ गलती से भाभी के बड़े मम्मों को टच हो जा रहा था। जिससे आरिषा कामुक आवाज में आह बोल देतीं।
इस पर रामू ने पूछा- क्या हुआ भाभी! बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है क्या?
आरिषा- हां रामू।
रामू मस्ती से भाभी के नंगे कंधों के अन्दर हाथ डालता हुआ बाम लगाने लगा।
कुछ देर के बाद रामू उठा और बोला- भाभी, मैं ये बाम रख कर आता हूँ।
आरिषा भाभी रामू का हाथ पकड़ते हुए बोलीं- कहां जा रहे हो। तुम कहीं मत जाओ। आओ मेरे पास बैठो।
आरिषा भाभी ने अपने नौर रामू का खड़ा लंड देख लिया था।
रामू का लंड अभी उफान मार रहा था- भाभी मैं ये बाम रख कर आता हूँ।
आरिषा भाभी रामू का हाथ खींचते हुए बोलीं- रामू कहीं मत जाओ … आओ आगे आओ। तुमने मुझसे कहा था कि तुम मेरी हर बात मानोगे।
रामू- हां भाभी जी … चलो मैं ये बाम बाद में रख दूंगा।
भाभी- रामू तुम मेरी हर बात मानोगे न?
रामू जी- जी भाभी।
आरिषा भाभी – रामू तुमको पता है न एक औरत को अपने पति से क्या चाहिए होता है। पर मेरा पति है कि मुझे वो सब नहीं देता।
रामू- जी भाभी जी … पर …
इतने में आरिषा भाभी ने रामू का हाथ पकड़ कर अपने ऊपर को खींचा।
जिससे रामू बेड पर आरिषा के ऊपर ही गिर गया और आरिषा भाभी ने एकदम से अपने होंठ उसके होंठों से लगा दिए।
उन दोनों के होंठ आपस में मिल गए।
रामू थोड़ा पीछे को होने लगा, तभी आरिषा भाभी ने उसे कसके पकड़ लिया और बस वो दोनों एक दूसरे के होंठों का रस पीने लगे।
फिर 5 मिनट बाद वो दोनों अलग हुए।
आरिषा भाभी बोलीं- रामू, मुझे तुमसे काफ़ी उम्मीद है। तुम मुझे नाराज़ मत करना। आज तुम मुझे खुश कर दो। मैं आज सिर्फ़ तुम्हारी हूँ, तुम मेरा ख्याल रखोगे न!
रामू- जी भाभी जी।
आरिषा भाभी- तुम मुझे भाभी जी रमेश के सामने बोलना … आज के लिए तो मैं आरिषा हूँ … तुम्हारी पत्नी। तुम आज मेरे पति हो, बस मुझे खुश कर दो।
रामू ने ये सुनते ही समझ लिया कि आज इनाम मिलने का दिन है। रामू ने आरिषा भाभी को ज़ोर से पकड़ा और फिर से उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
अब वो दोनों मस्ती से एक दूसरे के होंठ चूसने लगे थे। वो अपनी जीभें एक दूसरे के मुँह में डालने लगे थे।
फिर रामू ने आरिषा भाभी का हाथ पकड़ा और उन्हें उठा लिया।
पहले आरिषा भाभी बेड पर बैठ गईं और रामू के कपड़े निकालने लगीं।
भाभी ने एक एक करके रामू के सारे कपड़े निकाल दिए। अब भाभी के सामने उनका नौकर रामू बस एक अंडरवियर में था।
रामू का 7 इंच का लंड उसके अंडरवियर से बाहर आने लगा था।
अपने नौकर रामू के लंड का गुलाबी सुपारा देख कर आरिषा भाभी की आंखों में चमक आ गई और वो अपनी कातिलाना नज़रों से रामू की तरफ देखने लगीं।
रामू ने अब आरिषा भाभी को खड़ा किया और उनकी साड़ी निकाल दी। फिर भाभी का ब्लाउज भी निकाल दिया।
अब आरिषा भाभी बस ब्रा और पेटीकोट में थीं।
रामू ने फिर से आरिषा भाभी को किस करना शुरू कर दिया। वो कभी आरिषा भाभी के चेहरे पर किस करता, कभी होंठों को चूमने लगता।
उसने आरिषा भाभी की गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया था जिससे आरिषा भाभी और भी पागल हो गईं।
भाभी बोलने लगीं- आअहह … अह रामू।
इन कामुक आवाजों को सुन कर रामू और भी उत्तेजित होने लगा और उसने भाभी को किस करते हुए उनका पेटीकोट निकाल दिया।
भाभी सिर्फ एक ब्रा पैंटी में रह गई थीं।
रामू ने भाभी को बेड पर धक्का दे दिया। भाभी बेड पर चित लेट गईं। रामू आरिषा के ऊपर आने लगा तो भाभी ने रामू की छाती पर अपना पैर रखा और नीचे किस करने का इशारा किया।
रामू ने आरिषा भाभी की टांगों पर किस करना शुरू कर दिया।
जिससे आरिषा भाभी मादक सिसकारियां लेने लगीं- आआअहह उहहहह रामू खा जाओ इन टांगों को … आह खा जाओ।
कुछ पल बाद रामू भाभी के ऊपर आ गया और आरिषा भाभी की चूचियों पर किस करने लगा। फिर भाभी की ब्रा के ऊपर से ही उनके स्तनों को चुम्बन करने लगा।
उसने कुछ पल बाद आरिषा भाभी की ब्रा निकाल दी।
अब आरिषा भाभी के टाइट 34 इंच के खुले हुए मम्मे रामू के सामने नंगे हो गए थे।
रामू भाभी के उन रसीले मम्मों पर झपट पड़ा और उन्हें चूसने लगा, अपने एक हाथ से एक दूध भींचने लगा।
इससे आरिषा भाभी और भी पागल हो रही थीं और रामू को बोल रही थीं- आह … खा जाओ इन्हें!
रामू ने कुछ देर भाभी के दोनों मम्मों के मस्ती से चूसा और मसला जिससे भाभी मदमस्त हो गईं।
अब रामू आरिषा भाभी की नाभि पर किस करने लगा और उनकी पैंटी निकाल दी।
भाभी की चुत बिल्कुल गीली हो चुकी थी। रामू ने भाभी की नंगी गोरी बिना बालों वाली चुत पर अपने होंठ लगा दिए। अपनी मदमस्त चुत पर एक गैर मर्द के होंठों का अहसास पाते हुए ही अपनी मुठ्ठियों में चादर को भींच लिया।
रामू ने भाभी की चुत पर किस किया और अपनी जीभ उनकी चुत में डाल दी।
अपनी चुत में नौकर की जीभ पाते ही आरिषा भाभी ने ‘आअहह ईएहह ।।’ की मादक सिसकारियां लेना शुरू कर दीं।
कुछ ही देर में भाभी रामू का सिर अपनी छूट पर दबाने लगीं।
रामू ने भाभी की चुत में अपनी जीभ अन्दर तक डाली और चाटने लगा।
देखते ही देखते आरिषा की चुत ने पानी छोड़ दिया, जिसे रामू पूरा पी गया।
भाभी छटपटा उठीं और अपना रस छोड़ कर निढाल हो गईं।
फिर रामू ने एक तकिया आरिषा भाभी की कमर के नीचे लगा दिया।
जिससे आरिषा भाभी की चुत ऊपर को उठ गई। अब रामू ने जल्दी से अपना अंडरवियर निकाला और अपना लंड हिलाने लगा।
आरिषा भाभी उसका लंड देख कर थोड़ा डर गईं … क्योंकि उन्होंने इतना बड़ा 7 इंच का मोटा लंड कभी अपनी चुत में नहीं लिया था।
उसने तो बस अपने पति का 5।5 इंच का लंड ही लिया था और वो भी पिछले 2 महीने से उसकी चुत के दर्शन नहीं कर पा रही थीं।
इससे आरिषा भाभी की चुत काफ़ी टाइट हो गई थी।
आरिषा भाभी अपने नौकर का लंड देख कर बोलीं- रामू प्लीज़ बहुत आराम से करना … तुम्हारा बहुत बड़ा है। नहीं तो मेरी चुत फट जाएगी, मैं मर जाऊंगी प्लीज़।
रामू मदहोश नजरों से भाभी की आंखों में देखता हुआ बोला- तुम टेंशन ना लो मेरी जान।
आरिषा उसके मुँह से जान सुकर खिल उठी और बोली- टेंशन कैसे ना लूं जानू। मेरी चुत में अभी तक इतना बड़ा लंड गया ही नहीं है। रमेश का लंड तुमसे काफी छोटा और पतला है। रुको मैं कुछ चिकनाई देती हूँ।
फिर भाभी ने रामू को तेल दिया, जिसे रामू ने भाभी की चूत और अपने लंड पर अच्छे से लगा लिया।
अब रामू ने आरिषा भाभी की चुत पर लंड फेरना शुरू कर दिया।
आरिषा लंड की गर्मी पाकर ‘आहह आह ।।’ करने लगीं और उनसे सहन नहीं हो रहा था।
भाभी रामू से बोलीं- रामू मुझसे नहीं रुका जा रहा है जल्दी से अपना लंड चुत के अन्दर डाल दो … मुझे नहीं पता, जो होगा देखा जाएगा।
आरिषा ने रामू का लंड पकड़ कर अपनी चुत पर सैट कर लिया। रामू ने भाभी की चुत की फांकों में अपने खड़े लौड़े का मुँह फंसाया और एक तगड़ा धक्का दे मारा जिससे रामू के लंड के आगे का हिस्सा भाभी की चुत में चला गया और उनके मुँह से एक चीख निकल गई।
रामू रुक गया और आरिषा भाभी को किस करते हुए उसने एक और धक्का दे मारा।
अब रामू का पूरा लंड आरिषा भाभी की चुत में घुसता चला गया।
आरिषा भाभी को अपने नौकर रामू के मोटे लंड से दर्द होने लगा और वो चिल्लाने लगीं- लंड बाहर निकालो … आह मैं मर गई। मुझे नहीं चुदना … मैं मर जाऊंगी।
उनकी दर्द भरी आवाजें सुनकर रामू रुक गया और आरिषा भाभी को किस करने लगा।
कुछ देर बाद रामू ने देखा कि आरिषा भाभी अब नॉर्मल हो रही हैं, तो उसने धीरे धीरे झटके मारने शुरू कर दिए।
अब आरिषा भाभी के मुँह से ‘आअहह उऊयई आआहह उउम्म्म ।।’ की आवाजें निकलने लगीं।
फिर कुछ देर बाद आरिषा भाभी जब रामू का साथ देने लगीं, तो रामू ने अपनी स्पीड बढ़ा दी।
इससे आरिषा भाभी चिल्लाने लगीं- आयऊ … उऊहह आअहह … आराम से हह आअहह रामू … मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ।
मगर रामू अब पूरी मस्त में था, वो अपने तेज तेज धक्के मारता रहा।
कुछ ही देर बाद आरिषा भाभी झड़ गईं पर रामू नहीं रुका।
वो अपने धक्कों की स्पीड और बढ़ाने लगा जिससे आरिषा भाभी दर्द में चिल्लाने लगीं।
रामू ने अब भाभी की एक ना सुनी और उन्हें ताबड़तोड़ चोदता रहा।
कुछ ही देर बाद आरिषा भाभी और रामू साथ साथ झड़ गए और बेड पर लेट गए।
आरिषा भाभी की चुत में दर्द हो रहा था … मगर वो आज संतुष्ट हो गई थीं।
वो दोनों नंगे ही लिपट कर सो गए।
Friends mera naam Vikram hai. Main ek middle class family se hoon aur Faridabad mein rehta hun. Mere ghar mein main, mummy, papa hain bas. Papa ka apna kaam hai. Main kabhi kaam pe papa ke saath to kabhi masti yahi mera kaam hai. Meri mom house wife hain. Ye kahani meri maa ki hai. Meri maa ka naam Sapna hai, unki age 48 years aur figure 36 34 38 hai.. Ab main kahani pe aata hun aapko jyada na pakate hue.Ye khani meri maa or mere facebook friend ki hai. Meri maa ek normal house wife thi is kahani se pehle. Ye kahani 3 month pehle ki hai. Karib 6.. Months pehle main aapne ek facebook friend ko apne ghar leke aaya tha or use apni mom dad se milaya tha. Wo humare ghar se karib 5 km door hi tha to hum dono mein bahut achchhi dosti ho gayi or us ka mere ghar aana jaana ho gaya. Wo kabhi kabhi mere na hone par bhi aane laga. Kabhi meri maa use market mein milti to wo maa ki help bhi kar deta tha. Dheere dheere wo maa se bahut close ho gaya or maa ne bhi use apna mobile nu...
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