दोस्तो, मैं आपका दोस्त यतीन्द्र एक बार फिर आपको अपने स्टूडेंट की मम्मी सलोनी भाभी की चुत चुदाई की कहानी के सागर में डुबोने आ गया हूँ।
स्टोरी के पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि मैं भाभी से पूछ रहा था कि उनकी और उनके पति के बीच चुदाई कितने अंतराल में होती है और वो मुझे सीधी बात न बता कर गोल मोल बातें कर रही थीं।
मैंने उनसे आग्रह किया कि प्लीज़ आप अपने पति के साथ सेक्स के बारे में बताएं।
तो उन्होंने मुझे बताया कि हम दोनों 15-20 दिन के औसत से ये सब करते हैं। पर कभी कभी 2 महीने तक का भी अंतर बन जाता है। अभी मुझे डेढ़ महीने से ऊपर हो गया है।
मैंने उनसे आगे पूछा- क्या अभी तक कभी भी अपनी चुत नहीं चुसवाई है?
इस पर भाभी शर्मा गईं और बोलीं- नहीं, मैंने बोला तो है कि वो गंदी जगह होती है।
मैंने बोला- आप अभी स्नानघर में जाकर अपनी चुत साबुन से धोकर आइए, मैं आपकी चुत चूसूंगा, फिर देखिए आपको कितना अच्छा लगेगा।
इस पर उन्होंने अपने दोनों हाथों से अपना मुँह छुपा लिया और बोलीं- तुम बहुत हॉट हो यार ।। अभी भी तुम्हारी पेंट में तंबू बना हुआ है।
इस पर मैंने अपना खड़ा लंड देखा और भाभी हंसने लगीं।
मैंने बोला- भाभी, आपने इसको तड़पते हुए छोड़ दिया है। ये भी बेचारा क्या करे!
भाभी बोलीं- इसकी तड़प का इलाज तुम खुद करो, मेरे पास इसका इलाज नहीं है।
इस पर मैं बोला- भाभी, इसका इलाज अब तो बस आप ही कर सकती हैं।
इतने में दरवाज़े की घंटी बजी, शायद अरुण आ गया था।
नौकरानी ने गेट खोला और वो अरुण को लेकर ऊपर आ गई।
अरुण का और भाभी का कमरा पहले माले पर था। भाभी ने नौकरानी को अरुण के आने तक नीचे रहने की सख्त हिदायत दे रखी थी, जो मुझे बाद में पता चली।
दोस्तो, मैं आपको भाभी के फिगर के बारे में बताना भूल गया। उनकी लंबाई 5 फुट 3 इंच थी। कमर 32 इंच, चुचे 36 इंच और उनका वजन लगभग 65 किलो के आसपास था। भाभी का शरीर ना मोटा था, ना पतला ।। बिल्कुल मेरी तरह औसत था। भाभी की गांड थोड़ी बाहर निकली हुई थी।
भाभी आज भी 20-22 साल की लड़की जैसी दिखती थीं। उनका जिस्म गदराया हुआ था और उनके चूचों जैसे चुचे, मैंने सिर्फ़ ब्लू फिल्म्स के वीडियोज में ही देखे थे। ना छोटे ना बड़े और ना ही लटके हुए ।। बिल्कुल तने हुए एक तोतापरी आम के आकार के थे। मैं उनके एक चुचे को अपने मुँह में पूरा डाल लेता था।
खैर ।। अरुण आ गया था, तो मैं उसे पढ़ाने लगा।
उस दिन में अरुण को पढ़ाते समय भी मैं सलोनी भाभी के सेक्सी शरीर के बारे में ही सोच रहा था।
अरुण को गणित के कुछ प्रश्न हल करने को देकर मैं सलोनी भाभी के कमरे में जाकर उनसे फिर से लिपट गया और पीछे जाकर उनके चूचों को मसलने लगा। सलोनी भाभी के मुँह से ‘आह आह ।।’ की मीठी आवाजें निकल रही थीं और वो मुझे रोकना चाह रही थीं।
मैं उनके सामने आ गया और उनको कमरे के दरवाज़े के पास ले जाकर दरवाज़े को बंद कर दिया। फिर भाभी को दरवाज़े से चिपका कर उनके सूट को ऊपर कर मैं घुटनों के बल बैठ गया और उनके दूध पीने लगा।
मैं उनके चूचों को बेइंतेहा चूसे जा रहा था। भाभी की सांसें और आहें भरने की आवाज़ तेज़ हो गई थीं। उन्होंने मुझे अपने से दूर कर दिया।
मुझे भी होश आया कि अरुण और नौकरानी घर में ही हैं। मैं अपना खड़ा लंड लेकर वापस अरुण के कमरे में आ गया।
कुछ देर बाद भाभी भी वहां आ गईं और बोलीं- कुछ लोगों का अपने आप पर नियंत्रण ही नहीं है।
मैं उनकी बात समझ गया था और सर नीचे किये अरुण को पढ़ाता रहा।
फिर उधर से वापस अपने किराए के कमरे में आ गया। रात को मैंने सलोनी भाभी से फोन पर बात की। मेरी और सलोनी भाभी के बीच हुए फोन पर बातचीत कुछ इस तरह से हुई थी।
मैं- मुझे कल दो घंटे का समय चाहिए।
सलोनी- नहीं मिल सकता।
मैं- आपके पति आपको संतुष्ट नहीं कर पाते हैं, तब भी आप मुझसे मिलना नहीं चाह रही हैं।
सलोनी- मुझे मेरे पति से कोई शिकायत नहीं है। वो मुझे चाहते हैं। शादी के शुरू के दिनों में हमने बहुत सेक्स किया है।
आगे उन्होंने बताया- मैं ये भी जानती हूँ कि वो बाहर की औरतो के साथ भी पैसे देकर सेक्स करते हैं और मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है। आजकल उनका पानी बहुत जल्दी निकल जाता है, पर वो कोई बड़ी बात नहीं है। अगर आप रोजाना सेक्स ना करके बहुत दिनों के अंतर पर सेक्स करोगे, तो ये स्वाभाविक है। वो एक अच्छे साथी हैं। उम्मीद करती हूँ, तुम बार बार उनके बारे में नहीं कहोगे।
मैं- आपको आज कैसा लगा?
सलोनी- मुझे बहुत अच्छा लगा, पर तुमने अरुण के सामने मेरे रूम में आकर मुझको बहुत गर्म कर दिया था। उस समय मैंने बड़ी मुश्किल से अपने आपको संभाला।
मैं- कल का दिन मैं आपके लिए बहुत स्पेशल बनाना चाहता हूँ। मुझे कल 2 घंटे का समय दीजिए ना?
सलोनी- मैं कामवाली को कल आधे दिन में घर भेज देती हूँ। अगर वो चली जाएगी, तो मैं तुम्हें फोन करूंगी। अरुण के स्कूल के टाइम तुम्हें आना होगा।
“अब मैं तुमसे कुछ पूछूं?”
मैं- क्यों नहीं यार … बोलिए न!
सलोनी- मैंने तुम्हें आज एक घंटे पहले बुलाया था, पर तुम बीच में ही रुक गए थे। मैंने तुम्हें मेरे नीचे तुम्हारी जीभ लगाने को मना किया था, तुम्हारी पैंट में खड़ा तंबू लगाने के लिए नहीं।
मैं- भाभी मैं समझता हूँ कि सेक्स एक अनुभूति है ।। फीलिंग है ।। जुड़ाव है, जो दो साथियों की रजामंदी से होता है। जब तक दोनों साथी एक दूसरे के दिल के भाव नहीं समझेंगे, तब तक ये जुड़ाव संभव नहीं है। दोनों साथियों को चाहिए कि वो अपने आनन्द के साथ साथ अपने साथी के आनन्द और खुशी का ख्याल रखें। जब आपने मुझे आपके नीचे के कपड़े उतारने से पहले रोक दिया, तो मैं आपकी रजाबंदी के बिना कैसे आगे बढ़ सकता था!
सलोनी- यार तुम इतनी सी उम्र में इतने मैच्योर कैसे हो गए हो? कितनी अच्छी अच्छी बातें कर लेते हो, तुम्हारी इन्ही बातों पर तो मैं फिदा हो गई हूँ। एक बात बताओ, ये इतना अनुभव कहां से आया? अभी तक कितनी लड़कियों के साथ सेक्स कर चुके हो?
मैं- भाभी ये सब मेरे अन्दर की फीलिंग्स हैं, जो अन्तर्वासना पर पढ़ी सेक्स कहानियों और अलग अलग साइट्स पर सेक्स वीडियोज को देख देख कर विकसित हुए हैं। बाकी मेरा अभी तक खुद का किसी भी लड़की के साथ कोई अनुभव नहीं है।
सलोनी- जिस तरह से तुमने आज मेरी चुचियों के निपल्स को चूसा है ।। और जिस तरह से तुमने मेरी सिस्कारियां निकाली हैं, उससे मुझे तो तुम्हारी बातों पर विश्वास नहीं होता कि तुमने किसी से सेक्स नहीं किया है। अच्छा एक बात बताओ, अगर मैं तुम्हारे लिए अनजान होती ।। और तुमसे मेरे साथ सेक्स करने को बोलती ।। तो क्या तुम नहीं करते?
मैं- भाभी, सच बोलूं, तो आपसे कोई भी सेक्स करने को तैयार हो जाएगा, तो मैं कैसे मना कर सकता था … मैं ज़रूर करता। क्योंकि आप हो ही इतनी सुन्दर और सेक्सी। पर आप सोचिए, आप अपना शरीर तो मुझे सौंप देतीं, पर जब तक आप मुझे समझती नहीं, जानती नहीं, तब तक क्या आप अपनी आत्मा मुझे सौंप सकती थीं!
सलोनी ने हंसते हुए कहा- हम्म ।। जी बाबा जी, आपकी बात मैं बिल्कुल समझ गई। आप मुझे भाभी ना बुला कर मेरे नाम से बुलाएं बाबा जी।
मैं- सलोनी, हर इंसान के जीवन में टेंशन और परेशानियां होती हैं, पर मैं चाहता हूँ कि जब आप मेरे साथ हों, तो आप शत प्रतिशत मेरी हों ।। शरीर से, आत्मा से, दिल से, दिमाग़ से। मैं आप में खो जाना चाहता हूँ।
सलोनी- जो हुकुम मेरी जान।
मेरा सभी पाठकों से भी अनुरोध है, जब आप अपने साथी के साथ बेड पर हों, तो आप अपने साथी की खुशी के अलावा और कोई भी चीज़ अपने दिल दिमाग़ में ना रखें। अगर आप ऐसा करने में कामयाब हुए, तो आपकी ज़िंदगी और रिश्ते में बहुत सुधार होंगे।
मेरा कमरा सलोनी भाभी के घर से 3 किलोमीटर की दूरी पर था। अगले दिन सलोनी भाभी का 11 बजे फोन आया उस समय मैं मार्केट में था। उन्होंने मुझे 12 बजे तक अपने घर पर पहुंचने को बोला।
मैंने मार्केट से मालिश वाला चमेली का तेल और कंडोम का पैकेट खरीदा। फिर 11:45 पर मैं सलोनी भाभी के घर पहुंच गया। घर का मुख्य दरवाज़ा खुला हुआ था।
मैं अन्दर आया और दरवाज़े को बंद करके पहले माले पर पहुंच गया। मैंने देखा कि सलोनी भाभी कहीं नज़र नहीं आ रही थीं। मैंने भाभी के कमरे से जुड़े हुए स्नानघर में पानी के गिरने की आवाज़ सुनी, तो मैं उधर ही बैठ कर सलोनी भाभी का इंतज़ार करने लगा।
कोई 5 मिनट बाद सलोनी भाभी बाथरूम से एक छोटा सा तौलिया लपेटे हुए बाहर आईं। ये तौलिया उनके चूचों पर बंधा हुआ था।
उनकी दूध सी गोरी टांगें, मोटी मोटी जांघें और उभरी हुए आधी गांड को खुली देख कर मेरी हालत खराब हो रही थी।
वो मुझे देख कर शर्मा गईं और मुझे कमरे से बाहर जाने को बोला।
मैंने सलोनी भाभी से कहा- आप सिर्फ़ पैंटी पहन लीजिए, बाकी ऐसे ही रहो। मैं आज आपके पूरे शरीर की मालिश करने वाला हूँ।
सलोनी भाभी ने आंखें फैलाते हुए पूछा- बॉडी मसाज आता है तुम्हें?
मैं- नहीं, पर मैंने बहुत सी वीडियो देख कर सीखा है। मैं इसमें अनुभवी नहीं हूँ पर ट्राइ ज़रूर करूंगा, तुम कोई पुरानी चादर फर्श पर बिछा लो और लेट जाओ।
सलोनी- तुम बाहर अरुण के रूम में जाओ। पांच मिनट बाद अन्दर आ जाना।
मैं बाहर चला गया और 3-4 मिनट में वापस आया, तो देखा सलोनी भाभी ने चादर बिछा दी थी और तौलिए में लिपटी मेरी जान उस चादर पर लेटी हुई थी। मैंने सलोनी भाभी को उल्टा लेटने को बोला, तो वो पेट के बल लेट गईं।
मैंने भाभी का तौलिया हटा दिया और खुद पैंट और टी-शर्ट उतार कर अपने साथ लाया हुआ शॉर्ट्स पहन कर सलोनी भाभी की टांगों की तरफ बैठ गया। मैं भाभी के पंजों पर थोड़ा सा तेल डाला और हाथ से थोड़ा दवाब बना कर उनके पंजे से टख़नों तक की मालिश करने लगा।
अब मैं ऐसे ही ऊपर घुटनों तक ढेर सारा तेल डाल कर सलोनी भाभी की टांगों की मालिश करने लगा। मैंने भाभी के पांव को उठा कर नीचे हाथ डाल कर पूरे पांव की अच्छे से मालिश की।
सलोनी भाभी आंख बंद करे हुई लेटी थीं।
भाभी के घुटनों की मालिश के बाद मैं सीधा उनकी पीठ पर आ गया और यहां मैंने भाभी को थोड़े ज़्यादा दबाव से मेरे हाथ के अंगूठों और हथेली से दबा कर मालिश दी।
इस पर सलोनी भाभी ने बोला- आराम से!
फिर मैंने भाभी के कंधों और हाथ की मालिश भी अच्छे से की, बहुत से पॉइंट दबा कर मालिश की, तो भाभी को बड़ा अच्छा लगा।
अब मैं वापस उनकी टांगों पर आ गया और भाभी की पैंटी उतारने की कोशिश की, जिसमें सलोनी भाभी ने अपने पांव उठा कर मेरा साथ दिया। मैंने सलोनी भाभी की जांघों को मुक्का मसाज दी।
अब मैंने सलोनी भाभी की गांड पेर ढेर सारा तेल लगा कर हाथों को गोल गोल घुमाकर मालिश कर दी। मैंने धीरे से भाभी के चूतड़ों को फैलाया और अपनी नाक उनकी चुत तक पहुंचा दी।
इस बार भाभी के मुँह से ‘सीयी ई ।।’ की आवाज़ निकल गई।
मैंने अपने मुँह से सलोनी भाभी की चुत से दो इंच दूर से फूंक मारी, तो उनकी गांड का छेद ऊपर नीचे होने लगा।
भाभी की गांड कभी खुल रही थी, तो कभी टाइट हो रही थी।
सलोनी भाभी वासना से तड़प रही थीं।
मैंने सलोनी भाभी को सीधा होने को बोला, तो भाभी सीधी होकर पीठ के बल लेट गईं और मुझसे बोलीं- जादूगर, एक प्रार्थना है।
मैंने कहा- क्या?
भाभी अपनी चुत की तरफ इशारा करते हुए बोलीं- तुम वादा करो कि मेरी ये नहीं चूसोगे?
मैंने हंसते हुए बोला- ये ।। क्या नहीं चूसूंगा?
सलोनी भाभी ने अपने दोनों हाथ अपने मुँह पर रखते हुए कहा- तुम मेरी ‘सी ।।’ नहीं चूसोगे।
मैंने बोला- ओके वादा, आपकी मर्ज़ी के खिलाफ मैं कुछ नहीं करूंगा ।। बस आपको यदि कुछ अच्छा लगे तो आप भी मुझे रोकना मत।
भाभी ने हामी भर दी।
मैं उनसे मीठी मीठी सेक्सी बातें करते हुए भाभी के पांवों और हाथों की हल्के हाथ से मालिश कर रहा था।
सलोनी भाभी के शरीर पर उनके हाथों के बगलों और चुत को छोड़ कर कहीं भी बाल नहीं थे। चुत के बाल तो सलोनी भाभी ने आज ही नहाते टाइम काटे थे।
आज मुझे भाभी को चोदने का पूरा मौक़ा मिला था। मैं भी भाभी की चुदाई को पूरे मजे से करना चाहता था। स्टोरी का अगला भाग चुत लंड की लम्बी लड़ाई से लबरेज होगा।
Shahar wale uncle ko maa ki chut mil hi gayi Hello friends, main Rahul hoon, meri maa Seema ki agli story ke saath. Pichhle bhaag " Maa ko mila jawan lund se bharpoor maza " mein aapne padha ki kaise farm house mein kaam karne wale Raghu ne pehle meri maa ki jhat saaf ki, fir viagra khakar unki aisi chudai ki jaisi unke saath pehle kabhi nahin hui. Par meri maa ne bhi chudai ka bharpoor maja liya mano apne pati se chudai ki ho. Ab aage: Main aur meri maa jaise taise uncle ke ghar pahunch gaye. Ye wohi uncle hain jinhone mujhe aur meri maa ko shahar mein raat gujarne ke liye apna ghar diya tha par badle mein meri maa ko choda tha aur apne doston se chudwaya tha. Itna hi nahin inhone meri maa ki chudai ki video bhi banayi thi aur mujhe blackmail karke meri maa ko shahar laane par majboor kiya tha. Uncle apne ek room ke ghar mein khaana bana rahe the. Maine darwaja khat khataya to unhone mudkar dekha aur hume dekhkar khush ho gaye. Wo jhat se aaye aur meri maa ko gale laga
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