नमस्कार दोस्तो, मैं मानस पाटिल मुंबई से हूँ. मगर मैं पिछले बारह सालों से लंदन का निवासी हूँ.
एक दिन भरी दोपहर को छुट्टी के दिन सोनम अकेली शॉपिंग करके अपने पति के ऑफिस पहुंची.
पर उसका पति अभी भी मीटिंग रूम में बिजी था.
ये देख कर सोनम का गुस्सा सर से ऊपर चला गया था.
वो मन ही मन बड़बड़ाने लगी कि वो अपने इस टुच्चे पति का कर भी क्या सकती थी. ना तो साला बदन की आग बुझा पाता था और ना ही कभी घुमाने लेकर जाता.
उसको तो बस उसका ऑफिस और पैसा … ये दो ही चीजें प्यारी थीं.
पसीने से भीगी हुई सोनम कुछ देर के लिए वहीं सोफे पर बैठ गयी और उसने जी भर के पानी पीकर अपना सूखा गला तर किया.
फिर कुछ ही देर में ऑफिस के एयर कंडीशन ने उसका सारा पसीना गायब कर दिया.
शायद उसका पसीना उसकी प्यासी चुत की तरह खुद ब खुद बह गया था.
अब सोनम को बाथरूम जाने की जरूरत महसूस हुई.
पूरा ऑफिस सुनसान था, बस केबिन में उसका पति और कुछ लोग थे.
सोनम को तो यह भी पता नहीं था कि टॉयलेट कहां पर है.
उसने अपना पर्स और शॉपिंग के बैग वहीं एक कोने में रख दिए और खुद ही टॉयलेट ढूंढने का फैसला किया.
कुछ दो दिन बड़े बड़े केबिन छोड़ कर उसको टॉयलेट का साइन बोर्ड दिखाई दिया.
सोनम अपने पैर तेज चलाने लगी और टॉयलेट की तरफ बढ़ने लगी.
पर तभी उसको टॉयलेट के अन्दर से कुछ आवाजें सुनाई दीं.
ये आवाजें किसी की मादक सिसकारियों की थीं.
इस सिसकारियों को सुनकर उसकी जिज्ञासा बढ़ गयी.
तो उसने बिना कुछ आवाज किए धीरे से पुरुष टॉयलेट का दरवाजा खोला और छुपकर अन्दर झांकने लगी … ताकि उसको कोई देख ना ले.
पहले तो उसे कुछ दिखाई नहीं दिया. उसने पूरा दरवाजा खोल के अपनी जिंदगी में पहली बार किसी पुरुष टॉयलेट में प्रवेश किया था.
अपनी इसी सोच के चलते उसका बदन कांपने भी लगा था. मगर कामुक आवाजों के चलते उसकी वासना बढ़ गई थी और रोमांटिक भाभी की वासना जाग उठी, उसकी चुत में लंड के लिए कुछ चिंगारियाँ भी भड़क गई थीं.
तभी एक आवाज ने उसका ध्यान अपनी प्यासी चुत से हटा दिया.
अन्दर आते ही उसको पता चल गया कि कोई मोबाइल पर चुदाई का वीडियो देख रहा था और शायद लौड़ा हिला रहा था.
क्योंकि उस आदमी की सांसें बड़े जोरों से चल रही थीं.
उस सुनसान ऑफिस में सोनम जैसी चुदक्कड़ औरत उन सांसों को झट से पहचान गई थी.
वो बिना कोई आवाज किए उस टॉयलेट के दरवाजे के तरफ बढ़ी और उसने कोने से अन्दर झांक कर देखा.
तो कोई चपरासी टाइप दिखने वाला आदमी अपनी पैंट निकाल कर पूरा नंगा उस टॉयलेट सीट पर बैठा था.
उसके एक हाथ में मोबाइल था और दूसरे हाथ में उसका तना हुआ लंड सटासट आगे पीछे हुआ जा रहा था.
जैसे ही सोनम का ध्यान उसके दूसरे हाथ की तरफ गया. कुछ पल तो सोनम अपनी ख़ुद की सांस लेना भूल गयी.
अपने मन में उसने लंड देख कर सोचा- ये क्या मजाक है, इतना बड़ा लंड भी किसी भारतीय का होता है क्या? ये तो किसी भी औरत की चुत और गांड ऐसे फाड़ेगा कि दुबारा सिलने लायक नहीं बचेगी.
उस चपरासी का काला मूसल लौड़ा देख कर उसकी चुत ने अपना आपा खो दिया था.
चुत सोनम की डिज़ायनर पैंटी को भिगोने लगी थी और इसका अहसास सोनम को भी हो रहा था.
पर उसका ध्यान अभी भी उस काले लौड़े से हट नहीं रहा था.
जैसे तैसे उसने अपना होश संभाला और ये सोचने लगी कि आज कुछ भी हो जाए. इस जालिम दुनिया और पति की चिंता किए बिना वो इस काले हब्शी लौड़े से अपनी चुत की आग मिटाकर रहेगी.
समाज और विवाह की सारी रेखाएं बांध कर उसने मन के एक कोने में रख दीं और हिम्मत करके वो जोर से उस चपरासी को देख कर चिल्लाई- ओए बहनचोद … ये क्या चल रहा है साले कुत्ते … ये काम करने आता है यहां पर मादरचोद? रुक … आज तो तेरी खैर नहीं हरामी … आज तो तू गया पुलिस स्टेशन!
सोनम ने चिल्लाते हुए उस चपरासी की क्लास लगा दी.
अचानक ऐसे किसी के चिल्लाने की वजह से उस चपरासी का मोबाइल उसके हाथ से नीचे गिर गया और वो अपने दोनों हाथों से अपना लौड़ा और पैंट सँभालने की कोशिश करने लगा.
सोनम झट से उसके पास गयी और उसकी कॉलर पकड़ कर उसने चपरासी को उस टॉयलेट से बाहर खींचते हुए बोली- साले भोसड़ी के … ये सब करने आता है यहां पर? चल आज तेरी सारी गर्मी निकालती हूँ.
सोनम की धमकी सुन कर उस चपरासी ने अपने हाथ जोड़े और वो सोनम से माफ़ी मांगने लगा- मैडम, गलती हो गयी आगे से नहीं होगा मैडम, प्लीज गरीब की नौकरी पर लात मत मारो, आप जो चाहें, मैं करने के लिए तैयार हूँ … पर किसी को मत बोलो, प्लीज मैडम.
सोनम देख रही थी कि इस सबके दौरान भी उस चपरासी का लंड जरा भी ढीला नहीं हुआ था, वो अब भी खड़ा था.
हाथ जोड़ने कारण उसकी पतलून उसके पैरों में गिर चुकी थी और सोनम के सामने उसका लौड़ा चमक रहा था.
सोनम भी तिरछी आंखों से उसके लौड़े की झलकियां कई बार ले चुकी थी और उसकी गीली चुत अन्दर ही अन्दर उसको बोल रही थी कि रंडी अब ये नाटक बंद कर और ले ले ये लौड़ा मेरे अन्दर.
सोनम ने भी ज्यादा भाव ना खाते हुए उसकी कॉलर छोड़ी और सीधा उसके लौड़े को पकड़ लिया.
मूसल लौड़े को अपने कोमल हाथों से मरोड़ के उसने गुस्सैल आवाज में कहा- क्या क्या करेगा बहनचोद? देख तो भोसड़ी के तेरा लौड़ा कैसे खड़ा है … शर्म नहीं आती? नाम क्या है तेरा?
चपरासी बोला- जी, मानस नाम है मेरा … और मैं सच कह रहा हूँ मैडम, आप जो बोलेंगी, मैं वो करूंगा. पर प्लीज ये किसी को मत बताना.
सोनम ने उसके बाल खींचे और उसको जमीन पर बैठने का हुकुम देते हुए कहा- ठीक है कुत्ते, चल आज दिखा दे कितनी गर्मी है तेरे इस लौड़े में, बैठ नीचे और चाट चाट कर साफ़ कर मेरी ये गीली चुत … बहनचोद तेरा ये लौड़ा देख कर मेरी ये रंडी चुत कैसे टपक रही है. चल जल्दी से इसे चूस ले कुत्ते.
उस चपरासी की तो जैसे लॉटरी लग गई हो … वो आंखें खोलकर सोनम को देखने लगा.
उसको अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि चुदाई की इतनी बढ़िया सामान आज खुद उसके पास चलकर आई है.
सोनम के कोमल हाथों में कुछ पल के लिए ही सही, पर उसका लौड़ा जरूर हाथों से सहलाया जा चुका था.
आज सोनम ने नीले कलर का वन-पीस बिना बांहों का ड्रेस पहना था.
नीचे हाई हिल्स की सेंडल्स, कानों में लम्बे झुमके, आंखों में काजल था.
इस रूप में वो बिल्कुल किसी पोर्न फिल्म की हीरोइन दिख रही थी. एक हाथ से उसने मानस के बाल पकड़ रखे थे तो दूसरा हाथ से वो खुद की ड्रेस को ऊपर कर रही थी.
एक पल बाद सोनम की पारदर्शी पैंटी मानस के सामने आ गयी और सोनम ने उसका मुँह अपनी जांघों में दबा कर दांत पीसते हुए कहा- चल भोसड़ी के, निकाल अपनी जीभ और चाट मेरी भोसड़ी … कुत्ते आज तो मैं तेरे मुँह में मूतूंगी … हरामी के पिल्ले.
मानस बिना किसी परेशानी के उस गोरी मैडम की गीली चुत, उसकी पैंटी के ऊपर से चाटने लगा.
वो अपनी जीभ चारों तरफ घुमाकर मजा लेने लगा.
उसने कुछ ही पलों में सोनम को मैडम से रंडी बना दिया. खुद एक हाथ से उसने सोनम की पैंटी सरका दी और उस गोरी गुलाबी चुत को देखता ही रह गया.
बहुत देर तक उसने चुत चाटी.
जब सोनम को मजा आना बंद हुआ तो उसने अपनी आंखें खोलीं और उस चपरासी को देखा.
मानस बड़े मन से वो उसकी नाजुक गीली फुद्दी देखने में मग्न था.
तभी सोनम ने उसके गाल पर जोर से एक थप्पड़ रसीद कर दिया और कहा- बहनचोद, देखता ही रहेगा या कुछ और भी कुछ करेगा चूतिये?
फिर से उसके बाल खींच कर सोनम ने उसका मुँह अपनी फुद्दी में दबा दिया और अपने पैर थोड़े फैला दिया ताकि मानस की ख़ुरदुरी जीभ उसकी चुत की अच्छे से मालिश कर सके.
मानस ने भी सोनम की गांड पर हाथ रख दिए और खुद अपना मुँह उसकी जांघों में घुसा कर किसी भूखे कुत्ते की तरफ लप-लप करके उस रईस जवान रंडी मैडम की चुत पीने लगा.
सोनम की गीली फुद्दी का रस अब उस चपरासी के मुँह का स्वाद बढ़ा रहा था और इधर सोनम अपने नामर्द पति से परेशान अपनी चुत को शांति मिलने पर आंखें बंद करके स्वर्ग सुख ले रही थी.
खड़े खड़े चुत चूसने में और चुसवाने में उन दोनों को थोड़ी परेशानी हुई, तो मानस ने सोनम की ड्रेस पूरी ऊपर की. फिर उसकी गांड पकड़ कर उठाया और वॉशबेसिन की स्लैब पर बिठा दिया.
अब दोनों ने एक दूसरे को देखा और दोनों एक साथ मुस्कुरा दिए.
चपरासी ने बिना कुछ बोले सोनम के गुलाबी होंठों पर अपने होंठ चिपका दिए और दूसरे ही पल दोनों किसी हवस भरे इंसानों की तरह एक दूसरे के होंठ पीने लगे.
मानस के हाथ अब सोनम की चूचियां उसकी ड्रेस के ऊपर से ही मसल रहे थे और सोनम के हाथ मानस के बालों में घुस चुके थे.
बड़ी देर तक दोनों ने एक दूसरे की जीभ चूस चूस कर एक दूसरे की थूक को भी चाट लिया.
पर अब ये सब यहीं पर करना थोड़ा रिस्की था. ये बात मानस के समझ में आ गयी थी. क्योंकि मीटिंग में बैठे लोगों में से कोई भी यहां आ सकता था.
कुछ देर उसने सोचा और उसके दिमाग की बत्ती जल उठी.
उसने सोनम से कहा- मैडम, यहां पर कबड्डी खेलना थोड़ा रिस्की है, क्यों ना हम लेडीज टॉयलेट में चलने? क्योंकि आज कोई भी लेडी मीटिंग में नहीं है, यहां पर कभी भी कोई भी आ सकता है.
मानस के शातिर दिमाग को देख कर सोनम उस पर फ़िदा हो गयी.
उसने फिर से मानस की चुम्मी लेकर कहा- हां मेरे शेरू … अब तो तू जहां मुझे ले जाएगा, मैं तेरे पीछे भाग भाग कर आऊंगी.
सोनम ने अपनी ड्रेस ठीक की.
उधर मानस ने बाहर झांक कर देखा, तो वहां कोई नहीं था.
उसने सोनम को इशारा करके उसको पहली मंजिल पर बने लेडीज टॉयलेट में भेज दिया और खुद मीटिंग रूम की तरफ चला गया.
मीटिंग रूम का दरवाजा खटखटा कर उसने अन्दर के बड़े साहब को बोला- साहब, मैं खाना लेने जा रहा हूँ. एक घंटे में आऊंगा, आपको अभी कुछ चाहिए हो तो मैं ले आऊं?
इस पर सबने खाना लाने के लिए मना कर दिया और उससे मीटिंग के बाद ऑफिस बंद करने की हिदायत देकर बाहर जाने को कह दिया.
अब मानस के पास कोई काम नहीं था. उसे सिर्फ सोनम की चुत दिख रही थी.
वो भागता हुआ पहली मंजिल पर बने लेडीज टॉयलेट में घुस गया.
जैसे ही वो अन्दर घुसा तो उसके होश उड़ गए. सोनम पूरी नंगी होकर अपनी चुत रगड़ रही थी.
उसकी नजर जैसे ही मानस पर गयी, उसने मानस को आंख मारी और अपने होंठ दांतों से चबा दिए.
सोनम की इस अश्लील अदा को देख कर मानस झट से अन्दर आया और उसने सोनम की गीली रस टपकाती चुत पर हमला कर दिया.
वह टॉयलेट सीट पर बैठी थी. मानस ने उसके दोनों पैर अपने कंधे पर रखवा दिए और उसकी चिकनी जांघें सहलाते हुए वो उसकी चुत का रसपान करने लगा.
उसके ऐसे हमले से सोनम ख़ुद की सिसकारियां रोक ना सकी और मानस का सर उसने और जोर से अपनी चुत पर दबा कर कहा- चूस मेरे राजा, पूरा घुस जा मेरी इस मादरचोद रंडी फुद्दी में, झाड़ दे मुझे … आह बड़े दिनों के बाद आज कोई मेरी इस निगोड़ी चुत को चूस रहा है … अह्हह आआह ह्ह ह्म्म्म चूस्स कुत्ते चूस!
वो ना जाने क्या क्या बोले जा रही थी. उसकी आवाजें किसी बाजारू रंडी की तरह निकल रही थीं.
सोनम आज एक चपरासी से अपनी अमीर चुत की प्यास बुझवा रही थी.
चपरासी की जीभ से चल रही चुत की मालिश की मस्ती में डूबी सोनम की अचानक लम्बी चीख निकल गयी क्योंकि मानस ने अपनी तीन उंगलियां उसकी खुली हुई भोसड़ी में घुसा दी थीं.
वो जोर जोर से उनको अन्दर बाहर करने लगा था.
सोनम की फुद्दी का मटर का दाना फूलकर किसी मूंगफली के दाने जैसे सूज गया था और पूरा लाल होकर अपनी मालकिन की आग बयान कर रहा था.
मानस ने आव देखा ना ताव … सोनम की चुत के मटर जैसे दाने अपने दाँतों से हल्के से चबा दिया. बस यही इस पल की आखिरी घड़ी साबित हुई थी जब सोनम चीख पड़ी थी.
ऐसे आक्रामक तरीके से किसी ने पहली बार सोनम की फुद्दी चूसी और काटी थी जो वो बर्दाश्त नहीं कर सकी थी.
मानस के मुँह को अपनी जांघों से दबाए रखते हुए उसने लगभग अपना सारा मूत और अपनी फुद्दी का चिपचिपा पानी उस चपरासी के मुँह पर फेंक दिया था.
अब मानस का मुँह और उसकी शर्ट दोनों उस पानी से भीग चुके थे. मानस की शर्ट तो भीग कर उसके छाती से चिपक गयी थी.
उसका पूरा मुँह उस पानी से भीग कर चमक रहा था और ये यही बयां कर रहा था कि आज सोनम बरसों बाद ऐसे खाली हुई है.
अब तो उसको खुद को ऐसे लग रहा था जैसे किसी ने उसके शरीर से सब कुछ खींच कर बाहर निकाल लिया है.
सोनम का पूरा बदन बड़ी जोर से कांप रहा था, उसकी आंखें और मुँह तो खुल गया था … पर वो अपने मुँह से चूं भी नहीं निकाल पा रही थी.
यहां पर मानस अपना एक हाथ से लौड़ा हिला हिला कर उसे और गर्म कर रहा था मानों जैसे किसी लड़ाई पर जाने से पहले अपनी तलवार को धार लगा रहा हो.
सोनम की तरफ देख के उसने झट से उसके खुले हुए मुँह में अपना लंड पेल दिया और जोर जोर उसका मुँह चोदने लगा.
अब बारी मानस की थी.
उस अमीरजादी रंडी के बाल खींचकर उसने अपने हाथों में लिए और पूरी ताकत से वो सोनम का मुँह अपने लौड़े पर दबा रहा था.
अत्यधिक लम्बा काला और खीरे सी मोटाई वाला वो सख्त डंडा सोनम के हलक तक घुस चुका था.
सोनम के मुँह की लार अब उस काले लंड को चमका रही थी. उसके मुँह से अब बस घॉक घॉक और छौक-छौक जैसी आवाजें बाहर आ रही थीं.
झड़ने की वजह से सोनम के शरीर में कमजोरी आ गयी थी. मगर वो मानस का कोई प्रतिकार किए बिना उसका काला लंड किसी बाजारू रंडी की तरह चूस रही थी.
अब तो उसे भी उस लौड़े की खुशबू ने पागल कर दिया और वो खुद एक हाथ से उसे सहलाने लगी थी.
कभी वो उसके बड़े बड़े गोटे सहलाती, तो कभी लंड पर अपने कोमल हाथ की उंगलियां चलाने लगती.
करीब दस मिनट तक मानस ने जमकर सोनम के मुँह को चोदा.
जितना सोनम ने मानस को जलील किया था, कुछ वैसा ही मानस ने भी सोनम को गालियां दे दे कर सड़कछाप रंडी बना दिया था.
‘चूस मादरचोद रंडी, आज तेरी मां चोद दूंगा बहनचोदी.. साली बड़े घर की बाजारू रांड … आज देख इस चपरासी के लौड़े का कमाल … कल से तेरे पति का लौड़ा ना तो तेरे चुत के काबिल रहेगा … और ना तो तेरी इस गोरी गांड के.’
सोनम के मुँह से निकलता थूक अब मानस के गोटे और उसकी जांघों को भिगो रहा था, पर उन दोनों को किसी बात की फ़िक्र जैसे थी ही नहीं.
मानस उसको रंडी बना चुका था, उसको पूरी नंगी करके किसी टॉयलेट में अपना लौड़ा चुसवा रहा था.
सोनम भी किसी सड़कछाप रंडी की तरह उस चपरासी के लौड़े के लिए पागल हो चुकी थी.
अब तो वो खुद उस लौड़े को अपनी हलक तक ले कर चूस रही थी; उसके बड़े बड़े टट्टे चूस रही थी. लंड की चमड़ी हटा कर उसने मानस के लौड़े की टोपी ऐसे चूसी कि मानस की भी आह्ह निकल गयी.
वासना की आग में आज एक बड़े घर की अमीर औरत पूरी नंगी होकर किसी टॉयलेट में एक चपरासी का लौड़ा चूस रही थी.
मानस भी उस नंगी सोनम के नंगे चूचे मसल मसल कर लाल कर रहा था.
उसकी चूचियों के निप्पलों को मरोड़ मरोड़ के मानस ने चुत की आग और बढ़ा दी थी. ताकि चुदने के समय सोनम और भी मस्त रंडी बनकर अपनी चुत और गांड बिना किसी चीख-चिल्लाहट से उसके काले लौड़े से चुदवा सके.
सोनम की चुदासी और निगोड़ी चुत में अब भी बड़ी आग बाकी थी.
टॉयलेट में पूरी नंगी बैठी उसकी चुत से अभी भी बूंद बूंद पानी निकल कर जमी पर गिर रहा था.
पर अब ज्यादा देर करना गलत साबित हो सकता था क्योंकि उसका पति अपनी मीटिंग खत्म करके उसको ढूंढ लेता.
यही सोच कर उसने मानस का लंड अपने मुँह से बाहर निकाला और उसके टट्टे दबाकर कहा- भोसड़ी के, आगे भी कुछ करेगा या बस मुँह ही चोदेगा … डाल दे अब ये मादरचोद लौड़ा मेरी भोसड़ी में हरामी … चोद मुझे और बना ले अपनी रंडी.
अब मानस ने भी मन बना लिया था.
Friends mera naam Vikram hai. Main ek middle class family se hoon aur Faridabad mein rehta hun. Mere ghar mein main, mummy, papa hain bas. Papa ka apna kaam hai. Main kabhi kaam pe papa ke saath to kabhi masti yahi mera kaam hai. Meri mom house wife hain. Ye kahani meri maa ki hai. Meri maa ka naam Sapna hai, unki age 48 years aur figure 36 34 38 hai.. Ab main kahani pe aata hun aapko jyada na pakate hue.Ye khani meri maa or mere facebook friend ki hai. Meri maa ek normal house wife thi is kahani se pehle. Ye kahani 3 month pehle ki hai. Karib 6.. Months pehle main aapne ek facebook friend ko apne ghar leke aaya tha or use apni mom dad se milaya tha. Wo humare ghar se karib 5 km door hi tha to hum dono mein bahut achchhi dosti ho gayi or us ka mere ghar aana jaana ho gaya. Wo kabhi kabhi mere na hone par bhi aane laga. Kabhi meri maa use market mein milti to wo maa ki help bhi kar deta tha. Dheere dheere wo maa se bahut close ho gaya or maa ne bhi use apna mobile nu...
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