मेरा नाम आरव है और मेरी उम्र 22 साल है। मैं अहमदाबाद में रहता हूं, लेकिन पिछले दो साल से मुंबई में जॉब कर रहा हूं।
आज मैं आपके सामने कहानी प्रस्तुत कर रहा हूं। ये कहानी साल 2019 की दीवाली के कुछ दिन पहले की है।
मैं दीवाली के कुछ दिन पहले मुंबई से एक बस में बैठ गया। इस बस का ड्राइवर और उसका साथी मेरे अच्छे दोस्त थे और मैं हमेशा इसी ही बस में बैठता हूं। मैं इस बस के ऑफिस से अपना टिकट लेकर बस में बैठ गया था।
रात दस बजे बस का सफर शुरू हुआ … अब तक सभी यात्री बस में बैठ गए थे।
मैं ऊपर की वाली दो आदमियों वाली बर्थ पर बैठ गया था। मेरे बाजू वाली सीट एकदम खाली थी।
मुंबई में अंधेरी वेस्ट तक जब बस पहुंची, तो बस रुक गई।
मालूम हुआ कि किसी यात्री को कोई दिक्कत आ गई थी।
बाद में उस यात्री की यही दिक्कत, मेरी इस बस की यात्रा को बेहतरीन बनाने वाली घटना बन गई थी।
अंधेरी वेस्ट पर एक शादीशुदा औरत की बस मिस हो गई थी, वो बस भी इसी ट्रावेल्स एंजेसी की बस थी।
वो महिला इस बस में सवार हो गई।
चूंकि मेरी वाली बर्थ में एक आदमी की जगह खाली थी, तो बस का कंडक्टर यानि मेरा दोस्त मेरे पास आया।
उसने मेरी बर्थ वाले कंपार्टमेंट का दरवाजा ओपन किया और मुझसे बोला कि एक लेडीज सवारी है, उसकी बस मिस हो गयी है। आप अपनी बर्थ पर उन्हें जगह दे दीजिए।
जब वो मेरे पास आया, तो मैं अपनी बर्थ पर लेटा था और यूट्यूब पर एक वीडियो देख रहा था। उसकी बात सुनकर मुझे कोई ऐतराज नहीं था।
चूंकि पूरी बस फुल थी और सिर्फ मेरे बाजू वाली बर्थ खाली थी, तो उस महिला को कोई दिक्कत नहीं थी। ऐसा मुझे बस के कंडक्टर ने बताया था।
तभी वो महिला मेरी बर्थ के नजदीक आई, उसको देखकर मेरा मन खिल उठा था।
वो साड़ी पहने हुए एक खूबसूरत माल किस्म की औरत थी, जिसको देखकर मेरा दिल डोलने लगा था।
वो सच में बहुत ही हॉट आइटम थी। साड़ी में तो वो एकदम अप्सरा जैसी लग रही थी।
उन्होंने मुझे देखा और न जाने क्यों मुस्कुरा दी।
मैंने भी उन्हें देख कर स्माइल पास कर दी।
हम दोनों ने एक अनजाने से सुख की कामना करते हुए एक दूसरे को देखकर ख़ुशी जाहिर की थी।
मगर अभी कुछ भी साफ़ नहीं था कि ये कौन सा सुख था, जो हम दोनों को खुश कर रहा था।
मैंने भी अपने मन को काबू में किया और उस महिला को ऊपर आने का इशारा किया। वो ऊपर चढ़कर मेरे बाजू वाली बर्थ पर बैठ गईं। बस ने भी चलना शुरू कर दिया था।
उन्होंने ऊपर बैठ कर मुझे हैलो किया और मेरी तरफ हाथ बढ़ा दिया। मैंने भी उनकी तरफ हाथ बढ़ा दिया और हम दोनों हाथ मिलाकर एक दूसरे को अपना परिचय देते हुए बात करने लगे।
मैं- हैलो मेरा नाम आरव है और अहमदाबाद का रहने वाला हूँ। मैं इधर जॉब करता हूं।
औरत- हैलो … मेरा नाम सुगंधा है और मैं मुंबई में अपने पति के साथ रहती हूँ। अहमदाबाद में मेरा पीहर है।
मैंने उनसे कहा- ओके … तब तो मैं आपके शहर का ही हुआ।
सुगंधा भाभी हंस दीं- हां हम दोनों एक ही शहर के हैं।
सुगंधा भाभी की मुक्त हंसी से दिल खुश हो गया था और भाभी को देखकर मेरा मन डोलने लगा था। उनकी चितवन भी काफी कुछ कहने लगी थी।
मुझे भाभी से दोस्ती करने का मन कर रहा था। मैं सोच रहा था कि आज पूरी रात बाकी है और हम दोनों अहमदाबाद जाने वाले हैं। तब तक तो अच्छी खासी दोस्ती भी हो जाएगी और कुछ ‘ख़ास ।।’ भी हो जाएगा।
मैं दिखने में तो स्मार्ट और हैंडसम हूँ और अब तक तीन लड़की पटा चुका हूं। इन तीन में से अभी भी मेरे एक लड़की के साथ जिस्मानी रिश्ते हैं।
मैंने दो दिन पहले ही उसके साथ सेक्स किया था।
सुगंधा भाभी एकदम खूबसूरत और हॉट माल थीं। मेरे मन में अभी एक ही ख्याल चल रहा था कि काश एक बार सुगंधा भाभी के साथ सेक्स करने का मौका मिल जाए तो मजा आ जाए।
लेकिन यह सब इतनी जल्दी सम्भव नहीं था।
हालांकि कुछ भी हो सकता था तो मैंने भाभी से दोस्ती करने से शुरुआत करने का तय कर लिया था।
बस अपनी गति से चल रही थी और अभी तक हम मुंबई शहर से बाहर निकले नहीं थे। मैंने अपना पहला फॉर्मूला इस्तेमाल करने का तय किया। वो फॉर्मूला ये था कि जब भी कोई लड़की या औरत सामने हो, तो उससे जान पहचान बनाने के लिए सबसे पहले उसकी तारीफ करनी चाहिए, जिससे वो बात करने की पहल कर देगी।
मैं- वैसे आपको भाभी कहकर बुलाऊं, तो आपको कोई दिक्कत तो नहीं है न!
सुगंधा भाभी- तुम चाहो तो मुझे मेरे नाम से भी बुला सकते हो।
मैं- नहीं आप जैसी खूबसूरत महिला को मुझे भाभी बुलाना ही ठीक लगेगा।
सुगंधा भाभी ने हंस कर कहा- ठीक है जैसा तुम चाहो।
मैं- एक बात बोलूं भाभी … आप बुरा तो नहीं मानेंगी?
सुगंधा भाभी- अरे कहो न।
मैं- आपके हजबेंड सच में बहुत लक्की हैं।
सुगंधा भाभी- क्यों?
मैं- उनको आपके जैसी खूबसूरत बीवी जो मिली है।
सुगंधा भाभी- क्या मैं सच में इतनी खूबसूरत हूँ!
मैंने स्माइल पास करते हुए कहा- हां भाभी … आपके सामने तो हीरोईन भी शर्मिंदा हो जाए।
सुगंधा भाभी मुस्कराते हुए बोलीं- ऐसा क्या!
मैं- हां भाभी मैं सच कह रहा हूँ। वैसे आपके पति क्या करते हैं?
सुगंधा भाभी- वो भी जॉब करते हैं।
मैं- आपके पति साथ नहीं आए!
सुगंधा भाभी- उनको काम था … तो वो बाद में आएंगे।
मैं- आप भी जॉब करती हो?
सुगंधा भाभी- नहीं … मैं हाउस वाइफ हूँ।
मैं- आपको सच में फिल्मों में होना चाहिए था।
सुगंधा भाभी ने फिर मुस्कान बिखेरी- क्यों भला!
मैं- आप इतनी खूबसूरत हो न कि बस थियेटर में आग देंगी।
सुगंधा भाभी स्माइल करके बोलीं- थियेटर में आग लगेगी … तो कोई भी फिल्म नहीं देख पाएगा।
इस बात पर हम दोनों हंस पड़े।
हालांकि हमारी स्लीपिंग बर्थ का कंपार्टमेंट बंद था, तो कोई भी हमें देख नहीं सकता था।
लेकिन अभी हम बस में थे, तो धीमे स्वर में ही बातचीत कर रहे थे।
तेज आवाज से आसपास के लोगों को डिस्टर्ब भी हो सकता था और लोगों को किसी बात की गलतफहमी भी हो सकती थी।
मैं- क्या मैं एक बात और पूछ सकता हूँ आप बुरा तो नहीं मानेंगी। वैसे मुझे पूछना तो नहीं चाहिए, लेकिन मैं अपने मन में कोई बात रखना नहीं चाहता।
सुगंधा भाभी- हां पूछो न … क्या पूछना चाहते हो?
मैं- आपकी उम्र क्या है?
सुगंधा भाभी ने आंखें नचाते हुए कहा- तुम्हें क्या लगता है मेरी उम्र क्या होगी?
मैं- मुझे तो आप 29-30 साल की लगती हो।
सुगंधा भाभी- हां मेरी उम्र 33 है … वैसे तुम्हारी उम्र क्या है?
मैं- मेरी 22 है भाभी।
सुगंधा भाभी- हम्म … तो अब तक कितनी गलफ्रेंड बना ली हैं।
मैंने हंस कर बताया- भाभी अभी बस एक ही है।
सुगंधा भाभी- अरे तुम्हारे जैसे हैंडसम लड़के को देख कर लगता तो नहीं है कि तुम सच बोल रहे हो।
मैं- भाभी मैं सच कह रहा हूँ।
सुगंधा भाभी- ओके मुझे लगा कि तीन-चार होंगी।
मैं- भाभी आजकल एक तो मुश्किल से पटती है … तीन-चार कहां से सैट हो पाएंगी।
सुगंधा भाभी- सैट करने वाले में दम होनी चाहिए। खैर … तुम्हारी गर्लफ्रेंड कैसी दिखती है?
मैं- दिखने में तो अच्छी है … लेकिन वो आप जितनी खूबसूरत नहीं है।
सुगंधा भाभी- क्या यार कुछ भी कह देते हो। चलो मुझे अपनी गर्लफ्रेंड की फोटो दिखाओ।
मैंने भाभी को अपनी गलफ्रेंड की तस्वीर दिखाई। वो मेरी तरफ झुक कर मेरी जीएफ की तस्वीर देखने लगीं और फिर मेरी ओर देखने लगीं।
मैं- क्या हुआ भाभी!
सुगंधा भाभी- यह तुम्हारी गलफ्रेंड है?
मैं- हां क्या आप जानती हैं इसे!
सुगंधा भाभी- नहीं … वैसे दिखने में ये मुझसे भी ज्यादा खूबसूरत है।
भाभी को मैंने पहली बार साड़ी में देखा था, तो मैं इतना नहीं समझ सका था कि भाभी जी इतनी बिंदास होंगी। लेकिन भाभी एकदम मॉडर्न ख्यालत वाली थीं। फिर हम दोनों में मेरी जीएफ की सुन्दरता को लेकर चर्चा होने लगी।
मेरे पास बैग में बिस्किट का पैकेट था तो मैंने उसे निकाला और हम दोनों बिस्किट खाने लगे।
भाभी मुझसे मेरी गलफ्रेंड के बारे में पूछने लगीं और मैं उनको बताने लगा। ऐसे ही बातचीत करते हुए हमारी दोस्ती गहराने लगी थी।
आपस का संकोच काफी खत्म हो गया था।
हम दोनों के बीच बातचीत बढ़ रही थी और साथ में हम दोनों अब खुलकर बात कर रहे थे।
शायद भाभी को मैं अच्छा लगने लगा था।
मैं- आपसे मिलने के बाद मुझे एक बात का अफसोस जरूर हो रहा है।
सुगंधा भाभी- अरे अफसोस … कौन सी बात का?
मैं- यही कि काश आप मेरी जिंदगी में होतीं … तो मेरा जीवन धन्य हो जाता।
सुगंधा भाभी ने भी नॉटी होते हुए कहा- हां तुम मुझसे पहले मिले होते, तो शायद मैं तुमसे शादी कर लेती।
मैं- वैसे मैं तो अब भी तैयार हूँ … आप चाहो तो!
मैं भी उनके साथ मस्ती के मूड में बात करने लगा था।
भाभी भी मस्ती के मूड में बात करने लगी थीं।
ये एक अच्छा सगुन था।
सुगंधा भाभी- यार, अब तो ये पॉसिबिल नहीं है … मेरी शादी हो चुकी है। वैसे भी तुम्हारे पास आलरेडी एक गर्लफ्रेंड है।
मैं- वो तो है … लेकिन आपको मैं मना नहीं करूंगा।
सुगंधा भाभी- हम्म … देवर जी आप एक शादीशुदा औरत को फ़्लर्ट कर रहे हो।
मैं- फ़्लर्ट तो अनजान लोग करते हैं भाभी जी। अब तो आप हमारी दोस्त बन गई हो। ऊपर से हम दोनों एक ही शहर के हैं। वैसे मैंने सही बोला न?
सुगंधा भाभी- बोला तो सही है देवर जी।
अब हम दोनों के चेहरे पर मुस्कान थी।
तभी मेरी गलफ्रेंड का कॉल आ गया, तो मैंने फोन उठा लिया।
फिर भाभी के सामने मैं अपनी जीएफ से आधे घंटे तक खुल कर बात करता रहा।
इस बीच भाभी ने भी अपना फोन उठाया और उससे खेलने लगीं।
फिर बस एक जगह किसी स्टॉप पर रुक गई।
मैं- भाभी कोई स्टॉप आया है … चलो नीचे चलते हैं।
सुगंधा भाभी- नहीं, मुझे नहीं आना … तुम ही चले जाओ।
मैं- ठीक है … मैं हम दोनों के लिए कुछ लेकर आता हूँ।
भाभी ने हामी भर दी।
मैं बस से नीचे उतरा तो बस का कंडक्टर और ड्राईवर मिल गए। मैं उनके साथ उस ढाबे के अन्दर आ गया। हम तीनों ने चाय पी और वापस आते समय मैंने भाभी और अपने लिए नाश्ता और पानी की बोतल ले ली।
मैं वापस बस में आ गया।
फिर जब मैं भाभी के साथ बर्थ पर बैठकर नाश्ता कर रहा था, तब मेरी नजर सुगंधा भाभी के कातिलाना मम्मों पर पड़ गई। उनका पल्लू ढलका हुआ था, जिससे उनकी चूचियों की कातिल दरार मेरे लंड को और मन विचलित करने लगी थी।
भाभी के कातिलाना मम्मों को देखकर मेरा मन उनके मम्मों को अभी के अभी दबाने का कर रहा था। काश ऐसा हो जाता तो बड़े मजे से मैं सुगंधा भाभी के मम्मों को सहला कर मजा ले लेता।
कुछ ही देर में मेरी कामुकता जोर पकड़ने लगी और सुगंधा भाभी के सेक्सी फिगर को देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा था। मेरे मन में बस एक ही ख्याल आ रहा था कि एक बार सुगंधा भाभी के साथ सेक्स करने का मौका मिल जाए।
मैंने भाभी के नाश्ता कर लिया और हम दोनों पानी पीने लगे।
फिर कुछ देर ऐसे ही बैठे रह कर बात करने लगे।
सुगंधा भाभी ने मेरी जीएफ की चर्चा वापस छेड़ दी थी- वैसे तुम दोनों कितने समय से रिलेशन में हो?
मैं- करीब एक साल से।
सुगंधा भाभी- गुड … तो अब तक सेक्स भी कर चुके होगे।
सेक्स की चर्चा सुनकर मेरे लंड में हलचल होने लगी थी।
सुगंधा भाभी अब मुझसे खुलकर बात कर रही थीं, जो मेरे लिए भी अच्छा था।
इससे मुझे थोड़ी सी उम्मीद नजर आने लगी थी कि भाभी के साथ चुदाई न सही तो हाथ फेरने को तो मिल ही जाएगा।
मैं- हां … अब आग और पेट्रोल साथ होंगे तो ये तो हो ही जाएगा।
भाभी हंस दीं।
मैं- भाभी आपने तो लव मैरिज की होगी न।
सुगंधा भाभी- नहीं, हमारी अरेंज मैरिज है। वैसे तुमने क्या सोचा है?
मैं- किस बारे में!
सुगंधा भाभी- अपनी गलफ्रेंड से शादी करने वाले हो … या सिर्फ ब्वॉयफ्रेंड तक ही सीमित रहोगे।
मैं- भाभी, अभी कुछ सोचा नहीं है … लेकिन हां मेरा मन है कि उसके साथ शादी जरूर करूंगा।
हम दोनों के बीच बातचीत से हम दोनों की नजदीकियां बढ़ रही थीं … और हम दोनों के चेहरे पर मुस्कान थी।
मैं- वैसे अहमदाबाद में आप कहां रहती हो?
सुगंधा भाभी स्माइल करके बोलीं- क्यों शादी की बात करने आने वाले हो?
मैं- उसकी बात क्या करना … आप चाहो तो हम दोनों अभी ही शादी कर लेते हैं।
मेरी बात सुनकर सुगंधा भाभी मुस्करा दीं और खिलखिला कर बोलीं- बिना फेरे के शादी कैसे होगी।
लड़की खुल कर हंसी … तो समझो पूरी फंसी।
मुझे भाभी की मुक्त हंसी से आधा सिग्नल तो मिल गया था।
अब मुझे आखिरी फॉर्मूला इस्तेमाल करना था।
मैं- आप जितनी खूबसूरत हो, उससे भी ज्यादा आपका दिल खूबसूरत लग रहा है भाभी।
सुगंधा भाभी- हम्म … ये तुम्हें कैसे पता!
मैं- मुझे पूरा यकीन है।
सुगंधा भाभी- ऐसा क्या?
मैं- हां भाभी ऐसा है।
वो मेरी आंखों में आंखें डालकर देखने लगीं।
अब हम दोनों रोमांटिक बातें करने लगे थे। बिना फेरे की शादी कैसे हो सकती है। इस बात की चर्चा करने लगे।
भाभी की आंखों में वासना दिखने लगी थी और वो बड़ी कामुक नजरों से मुझे देखने लगी थीं।
मैंने भी भाभी से बिना कुछ बोले, उन्हें देखना शुरू कर दिया था।
कुछ देर पहले एक दूसरे की नजरों को मिलाने में और अब एक दूसरे की आंखों में झांकने के मायने बदल गए थे।
इस समय सुगंधा भाभी के चेहरे पर सेक्सी मुस्कान दिख रही थी। मैं समझ गया था कि सुगंधा भाभी के साथ नजदीकियां बढ़ाने का अब ही सही समय आ गया था।
इसके दो परिणाम हो सकते थे। एक तो ये कि सुगंधा भाभी या तो मुझे अपने ऊपर चढ़ने का मौका देंगी … या तो कुछ कहासुनी के बाद यहीं से बात खत्म हो जाएगी।
मैं भी भाभी से माफ़ी मांग कर बात खत्म कर दूंगा।
लेकिन मुझे अपने अनुभव के आधार पर ये ज्यादा लग रहा था कि भाभी मेरी गोद में आ ही जाएंगी।
गोद में न भी आएं तब भी मुझे इतना तो यकीन हो गया था कि वो मुझ पर गुस्सा नहीं होंगी।
फिर मैंने सोचा कि जो होगा, वो अगले कदम से पता चल जाएगा।
मैं अब अपना फाइनल कदम उठाने के मूड में आ गया था।
कुछ ही देर में हम दोनों की नजरें एकदम से ऐसे जम सी गई थीं जैसे भाभी को मुझमें कोई शिकार दिख गया हो।
मैंने हिम्मत करके अपने होंठ आगे बढ़ाए और भाभी के गुलाबी होंठों पर किस कर दिया।
मेरे किस पर सुगंधा भाभी ने कुछ नहीं कहा बल्कि उन्होंने भी मेरे होंठों को अपने होंठों से चूम लिया।
अब हम दोनों हीरो-हीरोइन की तरह एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे थे।
मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि तीन घंटे पहले हम दोनों एक दूसरे के लिए एकदम अंजान थे और अभी बहुत ज्यादा नजदीक आ चुके थे।
करीब एक मिनट तक हम दोनों अपना होश खोकर किस करते रहे। फिर रुक कर एक दूसरे के सामने देखने लगे। अभी हम दोनों के चेहरे पर अलग भाव दिख रहे थे। मैं खुद को ज्यादा कन्ट्रोल नहीं कर पा रहा था।
हम दोनों का ये कम्पार्टमेंट बंद था और रात गहरा जाने के कारण बस के सभी यात्री गहरी नींद में सो रहे थे। अभी रात के करीब एक बजने वाले थे।
मैं फिर से सुगंधा भाभी के गुलाबी होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में ले लिया था और उनको चूमने लगा।
भाभी भी मेरा साथ देने लगी थीं।
सुगंधा भाभी शादीशुदा थीं … लेकिन फिलहाल मेरे इतनी नजदीक आ चुकी थीं कि वो चाहकर भी मना नहीं कर सकती थीं।
तभी मैंने भाभी के होंठों को चूमते हुए अपना एक हाथ उनके कातिलाना मम्मों पर रख दिया और भाभी के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके मम्मों को सहलाने लगा।
इससे सुगंधा भाभी गर्म होने लगी थीं।
हम दोनों की दिल की धड़कनें भी बढ़ती जा रही थीं … क्योंकि इस समय हम दोनों एक दूसरे के पार्टनर को चीट कर रहे थे।
जैसे मैं अपनी गलफ्रेंड को चीट करते हुए सुगंधा भाभी के होंठों को चूम रहा था, उनके कातिलाना मम्मों को सहला रहा था … और वैसे ही सुगंधा भाभी अपने पति को धोखा दे रही थीं।
सुगंधा भाभी के गुलाबी होंठों को चूमकर और उनके कातिलाना मम्मों को सहलाते हुए मेरा लंड टाइट होने लगा था।
तभी भाभी ने मेरे हाथ को पकड़कर रोक दिया। हम दोनों एक दूसरे की ओर देखने लगे थे।
मैंने भाभी की तरफ देखा तो उनकी आंखों में एक अजीब सी कशमकश दिखाई दे रही थी।
भाभी न तो मुझे रोकना चाहती थीं और न ही मुझे चोदने के लिए आगे बढ़ने दे रही थीं।
Shahar wale uncle ko maa ki chut mil hi gayi Hello friends, main Rahul hoon, meri maa Seema ki agli story ke saath. Pichhle bhaag " Maa ko mila jawan lund se bharpoor maza " mein aapne padha ki kaise farm house mein kaam karne wale Raghu ne pehle meri maa ki jhat saaf ki, fir viagra khakar unki aisi chudai ki jaisi unke saath pehle kabhi nahin hui. Par meri maa ne bhi chudai ka bharpoor maja liya mano apne pati se chudai ki ho. Ab aage: Main aur meri maa jaise taise uncle ke ghar pahunch gaye. Ye wohi uncle hain jinhone mujhe aur meri maa ko shahar mein raat gujarne ke liye apna ghar diya tha par badle mein meri maa ko choda tha aur apne doston se chudwaya tha. Itna hi nahin inhone meri maa ki chudai ki video bhi banayi thi aur mujhe blackmail karke meri maa ko shahar laane par majboor kiya tha. Uncle apne ek room ke ghar mein khaana bana rahe the. Maine darwaja khat khataya to unhone mudkar dekha aur hume dekhkar khush ho gaye. Wo jhat se aaye aur meri maa ko gale laga
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