मैं एक बार दिल्ली से भोपाल आ रहा था किसी काम से!
मैंने भोपाल एक्सप्रेस में स्लीपर कोच रिजर्व करवा लिया था।
9 बजे मैं स्टेशन आ गया और अपनी सीट S8-43 में आकर लेट गया।
1 घंटे के सफर के बाद अचानक से एक 25 साल की विवाहित महिला ने आकर मुझे जगा दिया।
वो बोली- यह सीट मेरी है.
मैंने उसकी टिकट चैक की तो पता चला उसकी सीट क्लीयर नहीं हुई।
ज्यादातर लोग सो रहे थे।
मैंने उससे पूछा- आप कहां जाओगी?
तो उसने कहा- भोपाल! भोपाल से 60 km दूर मेरा गांव है।
मैं भी नींद में था तो फिर से लेट गया।
तभी वो बोली- सुनिए, क्या मैं थोड़ी देर बैठ सकती हूं?
हां बोल कर में सो गया।
थोड़ी देर बाद टीटी आया उसने कहा- मैडम आपकी सीट क्लीयर नहीं हो पाएगी. आप इसी सीट में अड्जैस्ट करके सफर कर लीजिए।
अब मेरी नींद खुल चुकी थी।
टीटी चला गया था।
मैं अपनी सीट में बैठ गया और उससे बोला- आप ठीक से बैठ जाओ।
फिर हमने थोड़ी देर बात की.
वो बोली- आपका नाम क्या है?
मैंने कहा- राज शर्मा
उसने अपना नाम प्रिया बताया।
वो बोली- राज, मैं थोड़ी देर लेट जाऊं?
मैंने कहा- हां।
वो बोली- राज लाईट बन्द कर दो. वैसे भी सब सो गए हैं.
मैंने लाइट बंद कर दी.
फिर उसने एक बैग लिया और बाथरूम चली गई।
जब वापस आई तो उसने नाइटी पहन रखी थी.
प्रिया बोली कि उसे नींद नहीं आती है साड़ी में।
वो सीट पर लेट गई और मैं पैरों के साइड बैठ गया।
अब मेरे लौड़े और शरीर में करंट दौड़ने लगा।
मैं रात के सफर में बनियान और अंडरवियर नहीं पहनता था।
अब रात को 12 बज चुके थे और सब गहरी नींद में सो रहे थे।
मैं भी धीरे से सीट पर लेट गया.
तभी प्रिया का पैर मेरे चेहरे को लगा।
वो बोली- राज, तुम वहां मत लेटो पैरों की साइड … अच्छा नहीं लगता।
फिर मैं सीधा होकर उसके साथ आ गया.
थोड़ी देर बाद मेरा लौड़ा खड़ा हो गया।
अब मैंने अपना हाथ प्रिया के बूब्स पर रख दिया; वो कुछ नहीं बोली.
तो मैंने धीरे धीरे अपना हाथ चलाना शुरू कर दिया।
तभी उसने करवट बदल ली अब उसकी नाईटी पैरों से ऊपर चढ़ गई।
मैंने उसे कहा- थोड़ी खिसको, मैं किनारे पर हूं.
वो बोली- राज तुम मेरी तरफ खिसक जाओ।
अब मेरी हिम्मत धीरे धीरे बढ़ने लगी थी। मैंने उसकी नाईटी ऊपर करके उसकी जांघों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया।
उसे भी मज़ा आने लगा था, उसने अपनी टांगें मेरी कमर पर लपेट दी।
मैं समझ गया कि उसकी तरफ से हां है।
मैंने उसकी नाईटी में अपना हाथ डाल दिया उसके बूब्स मसलने लगा.
उसने ब्रा नहीं पहनी थी।
अब धीरे धीरे उसकी नाईटी ऊपर कमर तक कर दी. उसकी बिना बालों की चिकनी गुलाबी चूत गर्म हो गई थी।
मैं समझ गया कि वो साड़ी के साथ ब्रा और पैंटी भी उतार कर आई है।
उसने अपना हाथ मेरे लोवर में डाल कर लंड को सहलाना शुरू कर दिया।
अब दोनों गर्म हो गए थे.
मैंने बैग से चादर निकाल कर ऊपर डाल ली और उसकी नाईटी उतार दी.
उसने मेरे कपड़े उतार दिए. हम दोनों नंगे हो गए थे.
अब हम 69 की पोजीशन में आ गए और चूत लंड को चूसने लगे।
5 मिनट चूसने के बाद मैं उसके ऊपर आ गया और उसकी चूत में लन्ड को रगड़ने लगा उसकी सिसकारियां निकलने लगी।
चूत के पानी से लंड गीला हो गया मैंने उसके होंठों को बंद करके जोर का धक्का लगाया.
घू घू घू की आवाज के साथ वो छटपटाने लगी.
मैंने अपने लौड़े की रफ्तार बढ़ा दी और तेज़ तेज़ झटकों से चोदने लगा।
जब उसका दर्द कम हुआ तो मैंने अपने होंठ उसके होंठों से हटा दिया और उसके बूब्स मसलने लगा।
अब ट्रेन की रफ्तार और मेरे लौड़े की रफ्तार तेज होने लगी।
वो फुसफुसाती हुई बोली- राज चोदो मुझे … चोदो मुझे … आह आह हह उहह हह उम्मह आह!
मैंने लंड की रफ्तार और बढ़ा दी. उसकी उईई ईई ऊईई आहह की सिसकारियां निकलने लगी।
अब वो भी अपनी गांड चलाने लगी मैं लंड को अंदर तक पेलने लगा।
उसने बताया कि उसके पति से उसका झगड़ा है, वो मायके में रहती हैं और 3 माह से उसकी चुदाई नहीं हुई है।
मैंने देखा कि सब गहरी नींद में सो रहे थे.
तो मैंने उसे घोड़ी बनाया और चोदने लगा.
अब वो ज्यादा मजे लेकर चुदवा रही थी।
उसने बताया उसे लंड पर बैठ कर चुदवाने में मज़ा आता है।
मैं जल्दी से नीचे लेट गया और उसकी चूत को लंड में रखकर बैठा दिया वो उछल उछल कर लंड लेने लगी।
ऐसा लग रहा था जैसे वो मुझे चोद रही हो।
आज वो बहुत खुश थी और धीमे धीमे आहह आहह हह ऊईई ईई करते हुए पूरा लौड़ा अन्दर तक ले रही थी.
उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और गीला लौड़ा फच्च फच्च फच्च करके अंदर बाहर करने लगा।
अब मैंने उसे सीट पर लिटा दिया और ऊपर आकर चोदने लगा।
मैंने अपने लौड़े को फुल स्पीड से अंदर बाहर करना शुरु कर दिया और तेज़ तेज़ झटकों से मेरे लौड़े ने वीर्य छोड़ दिया.
उसकी चूत में लन्ड घुसा कर मैं वैसे ही लिपट कर सो गया।
1 घंटे बाद दोनों की नींद खुली तो फिर से मूड बन गया।
मैंने उसके मुंह में लंड डालकर घुसाना शुरू कर दिया और उसकी चिकनी गुलाबी चूत में उंगली डालने लगा।
अब मैं लेट गया और वो मेरे ऊपर लेट गई.
मैंने उसकी टांग को उठाया और लंड घुसा दिया अब वो कमर आगे पीछे करने लगी मैं भी धीरे धीरे झटके मारने लगा।
मैं उसकी चूचियां दबाने लगा और उसकी गर्दन पर चुम्बन करने लगा।
हम दोनों पूरे गरम हो चुके थे।
अब मैंने उसे नीचे लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया और उसकी चूत में लन्ड घुसा दिया और तेज़ तेज़ चोदने लगा.
अब मेरा लौड़ा सटासट सटासट अंदर बाहर करने लगा।
उसकी चूत में नशा था … जितना चोदो, उतना ही और मचल रही थी।
आहह … ओहह उहह उम्माह हह की आवाज से मेरा जोश बढ़ गया.
मैंने अपना लन्ड अन्दर तक पेलना शुरू कर दिया।
अब उसकी आवाज बंद हो गई और चूत ने पानी छोड़ दिया. अब लंड फच्च फच्च फच्च करके अंदर बाहर होने लगा।
मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और तेज़ी से चोदने लगा। अब लंड और जल्दी जल्दी अंदर बाहर होने लगा.
कुछ ही पल बाद मेरे लौड़े की रफ्तार रूकने सी लगी और तेज़ धार से वीर्य निकल पड़ा उसकी चूत में भर दिया।
ट्रेन में चुदाई का मजा लेकर थोड़ी देर वैसे ही लेटे रहे, फिर उसने नाइटी पहन ली. मैंने भी अपने कपड़े पहने और दोनों चिपक कर सो गए।
सुबह जब भोपाल आ गया तो एक सवारी बोली- उठ जाओ, भोपाल आ गया।
फिर जल्दी से प्रिया बाथरूम से साड़ी पहन कर आ गई मैंने दोनों के बैग उतार लिए।
मैंने उससे पूछा- कहाँ जाओगी?
वो बोली- कहां ले चलोगे?
मैंने पूछा- होटल चलें?
तभी उसकी मां का फोन आ गया. वो बोली- मैं शाम तक आंऊगी मुझे काम है।
मैं खुश हो गया और पास में एक होटल में एसी रूम ले लिया।
सबसे पहले दोनों बाथरूम गए और दोनों नंगे होकर साथ नहाये।
फिर दोनों बिस्तर पर आ गए और 69 की पोजीशन में एक दूसरे के यौनांग चूसने लगे।
अब हमें कोई रोकने वाला नहीं था।
मैंने अपने बैग में से कोल्ड क्रीम निकाली और उसकी गान्ड में क्रीम लगाने लगा.
वो बोली- नहीं राज!
लेकिन मैं नहीं माना और उसकी गान्ड में उंगली घुसा दी.
वह ऊईई ऊईई ऊईई ऊईई ऊईई की तेज आवाज निकालने लगी.
लेकिन होटल में कोई डर नहीं था।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी गान्ड में काफी सारी क्रीम भर दी.
फिर मैंने अपने लौड़े पर कंडोम लगाया और गांड में घुसा दिया.
उसकी तेज चीख निकली- ऊईई ऊईई ऊईई! मर गई … मर गई मम्मी! बचाओ बचाओ! मर गई बचाओ! मम्मी मम्मी मम्मी बचाओ!
मैंने लंड को तेज़ तेज़ अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
धीरे धीरे उसकी आवाज सिसकारियों में बदल गई उसे भी मज़ा आने लगा।
उसने बताया कि उसके पति ने कभी उसकी गान्ड में लन्ड नहीं घुसाया।
अब वो गांड आगे पीछे करने लगी. मैंने भी अपने लौड़े को तेज़ तेज़ करना शुरू कर दिया।
उसकी सिसकारियों से मुझे और जोश आ गया।
मैंने उसे बिस्तर से उठाकर सोफे पर झुका दिया और उसकी गान्ड में लन्ड घुसा दिया और तेज़ तेज़ चोदने लगा.
हम दोनों गरम हो गए थे और उसकी गान्ड की थप थप थप की आवाज से पूरा कमरा गूंज उठा।
अब मैंने उसकी गान्ड से लंड निकाल लिया और मैं सोफे में बैठ गया.
मैंने उसको लंड पर सामने मुंह करके बैठा दिया उसकी चूचियों को मसलने लगा और तेज़ तेज़ लंड अंदर बाहर करने लगा।
वो भी उछल उछल कर मस्त होकर चूत का दबाव लंड पर बनाने लगी।
अब मेरे लौड़े को जोश आ गया और रफ्तार तेज हो गई।
तब मैंने उसे उठाकर टेबल पर लिटा दिया और उसकी दोनों टांगों को चौड़ा कर के चोदने लगा.
‘आहह आहह आहह ऊईई ऊईई’ की आवाज करते हुए उसने पानी छोड़ दिया.
अब मैं लंड और जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा.
फच फच की आवाज और बढ़ गई।
मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर पटक दिया और ऊपर चढ़कर चोदने लगा और झटकों पे झटके लगाने लगा.
और तभी मेरे लौड़े ने वीर्य छोड़ दिया।
मैं उसके ऊपर लेट गया और दोनों चिपक कर लेट गए.
दोनों को नींद आ गई।
फिर शाम को दोनों घूमने निकल गए उसने अपनी मां को बोल दिया वो सुबह आ जाएगी. मैं भी खुश हो गया।
रात में हमने बीयर पी और 3 बार जमकर चुदाई का मज़ा लिया. मैंने दोनों तरफ से उसे चोदा।
Shahar wale uncle ko maa ki chut mil hi gayi Hello friends, main Rahul hoon, meri maa Seema ki agli story ke saath. Pichhle bhaag " Maa ko mila jawan lund se bharpoor maza " mein aapne padha ki kaise farm house mein kaam karne wale Raghu ne pehle meri maa ki jhat saaf ki, fir viagra khakar unki aisi chudai ki jaisi unke saath pehle kabhi nahin hui. Par meri maa ne bhi chudai ka bharpoor maja liya mano apne pati se chudai ki ho. Ab aage: Main aur meri maa jaise taise uncle ke ghar pahunch gaye. Ye wohi uncle hain jinhone mujhe aur meri maa ko shahar mein raat gujarne ke liye apna ghar diya tha par badle mein meri maa ko choda tha aur apne doston se chudwaya tha. Itna hi nahin inhone meri maa ki chudai ki video bhi banayi thi aur mujhe blackmail karke meri maa ko shahar laane par majboor kiya tha. Uncle apne ek room ke ghar mein khaana bana rahe the. Maine darwaja khat khataya to unhone mudkar dekha aur hume dekhkar khush ho gaye. Wo jhat se aaye aur meri maa ko gale laga
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