Skip to main content

Posts

Showing posts from May, 2021

भाभी की चुदाई दूधवाले से करवा दी

 ये सेक्स कहानी दो साल पुरानी है, जब भाई की वाइफ यानि भाभी मेरे घर दस दिन के लिए आई थीं और मैंने अपनी भाभी की चुदाई दूधवाले भैया से करवा दी थी। हम दोनों ननद भाभी आपस में एकदम खुली हुई थी तो बस बैठ कर सेक्स के विषय में बातें कर रहे थे। भाभी बोलीं- यार तूने कहा था कि तेरे दूधवाले का बहुत बड़ा है … मुझे भी मिलवा दे उससे … अब तेरे भैया में पहले जैसा दम नहीं रहा। मेरी भाभी की इतनी कामुक बातों को सुनकर आपका लंड खड़ा हो गया होगा। तो चलिए पहले आप सभी से भाभी का परिचय करवा देती हूँ … बल्कि आप खुद ही भाभी से उनका परिचय ले लीजिएगा। नमस्ते दोस्तो … मेरा नाम मोहिनी है। मेरा ये नाम बदला हुआ है। मेरी उम्र 27 साल की है, वजन 56 किलो है, हाइट 5 फिट 6 इंच है। मैं देखने में बहुत गोरी हूँ। फिगर साइज़ 34-29-37 का है। अब तक में 9 लोगों से चुदाई करवा चुकी हूँ और दसवां लंड अनिषा के घर पर दूधवाले का लेने वाली हूँ। दूध वाले का लंड 9 इंच लम्बा था। मैंने उसे कैसे पटाया था, ये सब आपको इस सेक्स कहानी में बताऊंगी। पति को कुछ काम से बाहर जाना था … और सास ससुर जी रिश्तेदार के घर पर गए हुए थे। वो भी 10-12 दिन बाद ही आने

नेता की बीवी की चूत चुदाई- 3

 हैलो फ्रेंड्स, मैं यतीन्द्र एक बार फिर आपको सलोनी भाभी की चुदाई की कहानी के तीसरे भाग को लेकर हाजिर हूँ। कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि मैंने भाभी को नंगी कर दिया था और उनकी मालिश का मजा ले रहा था। अब आगे : मैंने अपने तेल से सने हाथों को अपने पेट पर रगड़ दिया और भाभी के पेट के दोनों तरफ अपने घुटने रख कर बैठ गया। फिर मैं झुक कर सलोनी भाभी के एक चूचे को चूसने लगा और दूसरे के निप्पल को अपनी दो उंगलियों के बीच में हल्के से दबाते हुए पूरे हाथ से दबाने लगा। इससे सलोनी भाभी बहुत गर्म हो गईं और पागलों की तरह मेरे बालों में हाथ डाल कर मेरे सर को अपने मम्मों पर दबाने लगीं। मैंने 10 मिनट तक सलोनी भाभी के चुचे चूस चूस कर लाल कर दिया। भाभी के चूचों का लिसलिसा सा रस पीते हुए मैंने उनके भूरे रंग को निप्पल को गुलाबी कर दिया। सलोनी भाभी ‘आह … आह … और इस्स ।।’ की आवाजें निकालते हुए पागल होने लगीं और बोलीं- यार, तू इस खेल में पूरा जादूगर है। मैं सलोनी के पेट पर चुंबन करते हुए नीचे की तरफ बढ़ने लगा और चुत के पास अपने होंठों से फूंक मार कर सलोनी भाभी को तड़पाने लगा। फिर मैं नीचे हुआ और उनके पांव के

नेता की बीवी की चूत चुदाई- 2

 दोस्तो, मैं आपका दोस्त यतीन्द्र एक बार फिर आपको अपने स्टूडेंट की मम्मी सलोनी भाभी की चुत चुदाई की कहानी के सागर में डुबोने आ गया हूँ। स्टोरी के पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि मैं भाभी से पूछ रहा था कि उनकी और उनके पति के बीच चुदाई कितने अंतराल में होती है और वो मुझे सीधी बात न बता कर गोल मोल बातें कर रही थीं। मैंने उनसे आग्रह किया कि प्लीज़ आप अपने पति के साथ सेक्स के बारे में बताएं। तो उन्होंने मुझे बताया कि हम दोनों 15-20 दिन के औसत से ये सब करते हैं। पर कभी कभी 2 महीने तक का भी अंतर बन जाता है। अभी मुझे डेढ़ महीने से ऊपर हो गया है। मैंने उनसे आगे पूछा- क्या अभी तक कभी भी अपनी चुत नहीं चुसवाई है? इस पर भाभी शर्मा गईं और बोलीं- नहीं, मैंने बोला तो है कि वो गंदी जगह होती है। मैंने बोला- आप अभी स्नानघर में जाकर अपनी चुत साबुन से धोकर आइए, मैं आपकी चुत चूसूंगा, फिर देखिए आपको कितना अच्छा लगेगा। इस पर उन्होंने अपने दोनों हाथों से अपना मुँह छुपा लिया और बोलीं- तुम बहुत हॉट हो यार ।। अभी भी तुम्हारी पेंट में तंबू बना हुआ है। इस पर मैंने अपना खड़ा लंड देखा और भाभी हंसने लगीं। मैंने बोला- भाभी, आ

नेता की बीवी की चूत चुदाई- 1

 मेरा नाम यतीन्द्र सिंह है। मेरी उम्र 26 साल है, लंबाई पूरी 6 फीट की और वजन 75 किलो है। मैं दिल्ली में रहता हूँ। यह स्टोरी मेरे और एक विवाहित महिला के बीच के संबंधों की है। मैं आशा करता हूँ कि आप लोगों को पसंद आएगी। बात आज से 3 साल पहले की है। तब मैं सरकारी नौकरी के परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखता हूँ। इसलिए मेरे घर वाले मेरा खर्च ज़्यादा दिनों तक नहीं उठा सकते थे। मैंने खुद अपना खर्च उठाने की सोच कर होम ट्यूशन देने की सोची। मैंने अपने इस काम के लिए विज्ञापन करने के लिए कुछ पर्चे छपवाए। मैंने और मेरे एक दोस्त ने मिलकर ये विज्ञापन बहुत सी जगह पर चिपकाए। अगले दिन मुझे एक महिला का फोन आया, जो अपने 8वीं कक्षा के बच्चे को मुझसे पढ़वाना चाहती थी। मैंने उनसे उनके घर आने के लिए कह दिया। उस महिला ने अपना पता मुझे दे दिया … फोन नम्बर तो आ ही गया था। अगले दिन मैं उस महिला के दिए हुए पते पर पहुंच गया। ये किसी राजनीतिक पार्टी के बड़े नेता का आलीशन बंगला था। यहां मेरी मुलाक़ात बच्चे के माता-पिता से हुई। उस बच्चे का नाम अरुण था। कुछ औपचारिक बातों के बात मैंने अ

सुपरवाईज़र की बीवी ने मेरे लंड से प्यास बुझाई

 मैं राज शर्मा हूं और गुड़गांव में एक कंपनी में काम करता हूं। मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. मुझे चूत मारने का कुछ ज्यादा ही शौक है. जिस कंपनी में मैं काम करता हूं वहां पर मेरे सुपरवाइजर से मेरी अच्छी बनती थी. उसको सभी खन्ना कहकर बुलाते थे. वो मेरे काम से हमेशा संतुष्ट रहते थे और कंपनी में हमेशा मेरी मदद करते थे। खन्ना जी की उम्र 45 साल थी। मैं एक दो बार उनके घर भी जा चुका था. इसलिए उनकी बीवी से भी मेरी थोड़ी जान पहचान थी. नायिका उसकी बीवी ही है जिसका नाम आपको कहानी में अंदर पता चलेगा. उसकी बीवी 35 साल की थी. उन पति पत्नी की उम्र में फासला थोड़ा ज्यादा था. बीवी तो उनकी मस्त माल थी. बड़े बड़े बूब्स, भारी गांड, गोरी त्वचा, 34-30-34 का फिगर. जिसको देखकर किसी का भी लंड मचलने लगे। जब वो चलती थी तो उनकी गांड ऐसे मटकती कि नज़र हटाने का मन नहीं करता था। खन्ना जी के घर में उनकी बूढ़ी मां और उनका एक बेटा था। बेटा स्कूल जाया करता था और उनकी माता जी की नजर बहुत कमजोर हो चुकी थी. उनको देखने में दिक्कत होती थी. वो किसी को ठीक से पहचान नहीं पाती थी. ज्यादा पास जाने पर ही पहचान पाती थी. एक दिन

पार्क में मिली लेडी को पटा कर चोदा

 मेरा नाम परम है, मैं चंडीगढ़ में रहता हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि आपको यह गर्म कहानी अच्छी लगेगी। यह हॉट आंटी चुदाई कहानी लॉकडाउन से पहले की है। मैं शाम को अक्सर पार्क जाया करता था, इस बहाने से घूमना भी हो जाता, साथ में मस्त मस्त आंटियों और भाभियों को ताकना भी हो जाता था। वहां पार्क में कुछ दिनों से एक मस्त आंटी घूमने आने लगी थीं। आंटी देखने में गोल मोल सी माल किस्म की आइटम थीं, पर उनकी उम्र 35-40 के आस-पास की थी। कसम से उनके बड़े बड़े तरबूज देख कर बार बार उनको देखने का मन करता था। वैसे भी मुझे गोल मटोल माल ताकना बहुत पसंद हैं। मोटे मोटे मम्मों हाथ में लेकर दबाने और चूसने का मज़ा ही अलग है। पार्क में जिस समय आंटी एक्सरसाइज़ करती थीं, तो उनकी छातियां ऐसी हिलती थीं, जैसे कोई मदमस्त हथिनी उछल रही हो। आंटी की कमर से लेकर पिछवाड़े तक वो कयामत ही कयामत थीं। दोस्तो, मैं मानता हूँ कि पतली कमर … पतली फिगर का अलग मजा है मगर मोटे और भरे हुए फिगर का मजा कुछ ज्यादा ही अलग होता है। कुछ दिन तक तो मैं आंटी को देखता रहा। फिर धीरे धीरे करके मैंने उनके पीछे जाकर उनके घर तक जाना शुरू कर दिया। आंटी रोज रोज

अफसर की बीवी ने चपरासी से चुत गांड चुदवाई- 2

 हैलो साथियो, मैं मानस पाटिल आपको अपने कहानी में स्वागत करता हूँ। अब आगे : मानस का लौड़ा पकड़ कर सोनम खड़ी हुई और लौड़ा खींचते हुए उसने मानस को वॉशबेसिन के पास लाकर खड़ा कर दिया। फिर खुद अपनी बड़ी गांड उस वाशबेसिन पर रखकर अपनी टांगें फैलाते हुए बोली- आ जा मेरे सांड … आज कल्याण कर दे मेरे इस जवानी का … चोद-चोद के निहाल कर दे मुझे अपने इस फौलादी लंड से। मैडम का आर्डर मिलते ही मानस ने अपनी पैंट, जो उसके पैरों में अटकी थी उसे और अपना अंडरवियर को उतार कर बाजू में रख दिया। तभी उस गर्माई हुई अमीर रंडी ने उसका अंडरवियर लिया और उसे सूंघने लगी। सोनम की चुत देख कर मानस का लौड़ा फ़नफ़ना कर आग उगलने लगा। उसने सोनम की दोनों टांगें अपने कंधे पर रख कर लंड का सुपारा उस रंडी सोनम की गीली चुत पर रख दिया। उस अंडरवियर को सूंघने में सोनम इतनी व्यस्त थी कि उसको मानस का गर्म लौड़ा अपनी चुत पर महसूस नहीं हुआ। सोनम वाकयी में एक सुन्दर अप्सरा जैसे दिख रही थी। उसका गोरा बदन, बड़े और भरे हुए चूचे, गदराया हुआ जिस्म … और गीली टपकती चुत देख कर मानस ने पहले तो प्यार से उसे देखा और अगले ही पल एक दमदार शॉट मार दिया। उस एक ही झटके

अफसर की बीवी ने चपरासी से चुत गांड चुदवाई- 1

 नमस्कार दोस्तो, मैं मानस पाटिल मुंबई से हूँ. मगर मैं पिछले बारह सालों से लंदन का निवासी हूँ. एक दिन भरी दोपहर को छुट्टी के दिन सोनम अकेली शॉपिंग करके अपने पति के ऑफिस पहुंची. पर उसका पति अभी भी मीटिंग रूम में बिजी था. ये देख कर सोनम का गुस्सा सर से ऊपर चला गया था. वो मन ही मन बड़बड़ाने लगी कि वो अपने इस टुच्चे पति का कर भी क्या सकती थी. ना तो साला बदन की आग बुझा पाता था और ना ही कभी घुमाने लेकर जाता. उसको तो बस उसका ऑफिस और पैसा … ये दो ही चीजें प्यारी थीं. पसीने से भीगी हुई सोनम कुछ देर के लिए वहीं सोफे पर बैठ गयी और उसने जी भर के पानी पीकर अपना सूखा गला तर किया. फिर कुछ ही देर में ऑफिस के एयर कंडीशन ने उसका सारा पसीना गायब कर दिया. शायद उसका पसीना उसकी प्यासी चुत की तरह खुद ब खुद बह गया था. अब सोनम को बाथरूम जाने की जरूरत महसूस हुई. पूरा ऑफिस सुनसान था, बस केबिन में उसका पति और कुछ लोग थे. सोनम को तो यह भी पता नहीं था कि टॉयलेट कहां पर है. उसने अपना पर्स और शॉपिंग के बैग वहीं एक कोने में रख दिए और खुद ही टॉयलेट ढूंढने का फैसला किया. कुछ दो दिन बड़े बड़े केबिन छोड़ कर उसको टॉयलेट का साइन

चलती बस में खूबसूरत भाभी के साथ चुदाई- 2

 मैं आरव एक बार फिर से सुगंधा भाभी की चुत चुदाई की कहानी लेकर आपके सामने हाजिर हूँ। कहानी के पिछले भाग में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं चलती बस में भाभी को गर्म कर रहा था। उनकी चूचियों को मसल रहा रहा और उनके होंठों को चूस चूम रहा था। तभी भाभी ने मुझे रोक दिया और मेरी आंखों में झांकने लगीं। अब आगे : सुगंधा भाभी सेक्सी स्माइल के साथ थोड़ा शर्मा रही थीं। मैं- तो क्या ख्याल है! सुगंधा भाभी- किस बारे में! मैं- सेक्स के बारे में। सुगंधा भाभी- नहीं। मैं- मुझे लगा कि आप तैयार हो। सुगंधा भाभी- अभी हम बस में हैं और आसपास सभी लोग हैं। मैं- सभी लोग सो रहे हैं भाभी … और कम्पार्टमेंट में हमें कोई नहीं देख सकता। सुगंधा भाभी- नहीं … रिस्क ज्यादा है। भाभी की बात से मुझे ये अहसास तो हो गया था कि उनका भी चुदने का मन है लेकिन इस समय हम दोनों बस में हैं … तो वो डर रही हैं। दूसरी तरफ मेरा बहुत मन कर रहा था और अभी भाभी सेक्स के लिए तैयार नहीं थीं। मुझे सुगंधा भाभी को सेक्स के लिए किस तरह से मनाना है, वो मुझे अच्छी तरह से पता था। मैं- कोई बात नहीं भाभी … लेकिन हम रोमांस तो कर ही सकते हैं। मेरी इस बात पर भाभी ने स