ये सेक्स कहानी दो साल पुरानी है, जब भाई की वाइफ यानि भाभी मेरे घर दस दिन के लिए आई थीं और मैंने अपनी भाभी की चुदाई दूधवाले भैया से करवा दी थी।
हम दोनों ननद भाभी आपस में एकदम खुली हुई थी तो बस बैठ कर सेक्स के विषय में बातें कर रहे थे।
भाभी बोलीं- यार तूने कहा था कि तेरे दूधवाले का बहुत बड़ा है … मुझे भी मिलवा दे उससे … अब तेरे भैया में पहले जैसा दम नहीं रहा।
मेरी भाभी की इतनी कामुक बातों को सुनकर आपका लंड खड़ा हो गया होगा। तो चलिए पहले आप सभी से भाभी का परिचय करवा देती हूँ … बल्कि आप खुद ही भाभी से उनका परिचय ले लीजिएगा।
नमस्ते दोस्तो … मेरा नाम मोहिनी है। मेरा ये नाम बदला हुआ है। मेरी उम्र 27 साल की है, वजन 56 किलो है, हाइट 5 फिट 6 इंच है। मैं देखने में बहुत गोरी हूँ। फिगर साइज़ 34-29-37 का है। अब तक में 9 लोगों से चुदाई करवा चुकी हूँ और दसवां लंड अनिषा के घर पर दूधवाले का लेने वाली हूँ। दूध वाले का लंड 9 इंच लम्बा था। मैंने उसे कैसे पटाया था, ये सब आपको इस सेक्स कहानी में बताऊंगी।
पति को कुछ काम से बाहर जाना था … और सास ससुर जी रिश्तेदार के घर पर गए हुए थे। वो भी 10-12 दिन बाद ही आने वाले थे।
मेरी प्यारी ननद अनिषा ने मेरे पति से कहा कि भाभी को मेरे पास छोड़ कर आप अपना काम निपटा लो … फिर मुझे लिवा जाना। अब मेरा मुन्ना भी एक साल का हो गया था। तो अनिषा बोली- इसी बहाने मुन्ना को भी देख लूंगी।
इस पर मेरे पति बोले कि ठीक और उस दिन जाने की तैयारी की। हम दोनों सुबह 5 बजे अनिषा के घर के लिए निकल गए।
मैं अनिषा के घर 4 बजे पहुंच गई। हम दोनों गले मिले, फिर चाय नाश्ता हुआ, थोड़ा आराम करने के बाद जीजू भी आ गए, वो भी मुझे देख कर बहुत खुश हुए।
फिर रात को बातें करते हुए पता चला कि जीजू भी काम से बाहर जाने वाले हैं। रात को खाना खाकर थोड़े बातें करने के बाद सब सोने चले गए।
सुबह पति 7 बजे बस से अपने काम के लिए निकल गए। जीजू भी दिन में घर से बाहर जाने वाले थे, पर गए नहीं। ऑफिस में काम था इसलिए वो दोपहर को काम से जाने वाले थे। इस तरह सभी का हाल चाल पूछने में जीजू घर पर एक दिन ऐसे ही बीता।
दूसरे दिन हम दोनों ननद भाभी चाय नाश्ता करके छत पर बैठे बातें करते हुए समय पास कर रहे थे।
उस समय अनिषा बोली- भाभी क्या बात है … आपके चेहरे पर बहुत निखार आ गया है, लगता भाई कुछ ज़्यादा ही रात को खुश कर रहे हैं?
मैंने कहा- नहीं यार … आज कल आपके भैया के बिजनेस पर ज़्यादा ख्याल दे रहे हैं … और तू बता … तेरा कैसा चल रहा है।
अनिषा बोली- मैं आजकल सहेली के ससुर जी … और दूध वाले से सेक्स के मजे कर रही हूँ।
मैंने पूछा, तो अनिषा ने मुझे सब बता दिया कि कैसे सहेली के ससुर को पटाया और वनिता ने इस काम में मदद की थी।
मैं बोली- वाह यार, तेरे मजे हैं, पति ने ही घर में चुदाई का जुगाड़ करवा दिया है … जाते वक्त बता कर भी जाते हैं कि घर पर कोई नहीं है, आप आ जाना।
तब अनिषा बोली- वैसे भाभी अगर आपका मन हो, तो पति से बोल दूं कि आपको भी चोद कर जाएं।
इस पर हम दोनों हंस दिए।
जीजू भी तैयार होकर आ गए और चाय नाश्ता करके बोले- आज मैं 3 बजे दो हफ्ते के लिए काम से बाहर जाने वाला हूँ।
इस पर अनिषा बोली- ठीक है, मैं बैग तैयार रखती हूँ … आप घर कितने बजे तक आओगे?
जीजू बोले- मैं दो बजे तक आ जाउंगा।
अनिषा- ठीक है, तो हम लोगों को भैंस के तबेले पर छोड़ देना, वहां से दूध और भैंस का चीक भी लेना है।
जीजू बोले- वाह क्या बात है … अपनी भाभी का बहुत ख्याल रख रही हो।
हम सब हंस दिए।
जीजू 9 बजे चले गए। उनके जाने के बाद दूधवाला दूध लेकर आया।
अनिषा बोली- भाभी, आप दूध ले लो।
मैं बर्तन लेकर गई। मैं उस टाइम नाइटी में ही थी … और अन्दर कुछ नहीं पहने थी। मैं मुन्ना को दूध पिला कर आई थी, सो मेरी नाइटी एक बटन खुला हुआ था और इसका गला भी बड़ा सा था, जिससे मेरे बड़े बड़े चूचे साफ़ दिख रहे थे।
मैंने झुक कर दूध लिया, तो मैं समझ गई कि दूधवाले ने मेरे दूध देख लिए हैं।
वो बोला- मेमसाब कहाँ हैं?
तब अनिषा बोली- क्यों?
वो बोला- कुछ हिसाब करना है।
तब अनिषा ने अन्दर से आवाज दी- ठीक है … बैठो मैं आती हूँ।
वो घर में अन्दर आ गया और मेरी ओर देखने लगा।
तब अनिषा मेरे कान में बोली- भाभी देख लो।
मैं मुस्कुरा दी।
तब अनिषा उसके पास गई और बोली- बोलो कितना हुआ?
तो बोला- मेहमान कौन हैं?
अनिषा बोली- भाभी हैं मेरी … चाहिए इनकी?
वो बोला- मिलेगी तो क्यों नहीं लूंगा।
अनिषा बोली- ठीक है दोपहर को आना और हिसाब कर लेना।
वो ये सुनकर बोला कि आप ही उधर आ जाना … आप चीक लेने की कह रही थीं।
मैंने ओके कहा, तो वो चला गया।
अनिषा बोली- भाभी जी चलो आज दोपहर में इसके तबेले से दूध और चीक ले आते हैं।
मैं बोली- ठीक है।
फिर घर का सभी कम निपटा कर तैयार हो गए।
अनिषा ने घाघरा चोली मुझे दे दी और बोली- लो भाभी आप ये पहन लो।
मैं बोली- अरे इसमें मुन्ना को दूध पिलाने में दिक्कत होगी।
अनिषा बोली- कुछ नहीं होगा … इसी से काम बनेगा। बस आप अन्दर कुछ मत पहनना।
तो मैंने वैसे ही किया।
जीजू दो बजे घर आए, खाना खाकर बोले- चलो चलता हूँ, मुझे देर हो रही है। वैसे भी वो दूध जल्दी निकल लेते हैं … चीक मिलने में दिक्कत होगी।
हम वहां 2:30 बजे पहुंचे, तो दूधवाले ने हम दोनों को देखा। वो मुस्कुरा दिया और बोला- मेम साहब आप … इधर?
तब जीजू मुझसे बोले- ठीक है आप लोग दूध लेकर वापस चले जाना।
ये कह कर जीजू वहां से कार लेकर चले गए। वहां कुछ भैसे थीं और दूध वाला तबेले में अन्दर कुछ ऊपर की तरफ दो डबलबेड के जितनी बड़ी एक खटिया बिछी हुई थी। उसके एक तरफ बड़े बड़े गद्दे व कुछ सामान था।
अनिषा बोली- भाभी चलो ऊपर बैठते हैं। जब तक ये दूध निकाल देंगे।
मैं बोली- ठीक है।
हम दोनों साइड से ऊपर चढ़ गए और दूधवाले ने मुन्ना को ऊपर चढ़ा दिया।
लेकिन दूधवाले ने नीचे से मेरी चुत देख ली थी, वो बोला- मेमसाहब आपकी नाइटी से संगम घाट दिख रहा है।
यह कहते हुए वो हंसने लगा और कूद कर ऊपर आ गया।
वो दूध का कार्ड हाथ में देते हुए बोला- हिसाब अभी करोगी या बाद में?
तब अनिषा बोली- भाभी जी से पूछ लो।
मैं बोली- अभी ही कर लो।
वो बोला- ठीक है।
दूध वाला मेरे पास आ गया और मुन्ना को अनिषा के पास देते हुए बोला- ठीक है।
उसने कार्ड मेरे हाथ में दे दिया और मेरी जांघों पर हाथ फेरने लगा।
अनिषा मुन्ना को खिलाते हुए बोली- देखो बेटा, तेरी मम्मी कैसे हिसाब करती है।
मुन्ना हंस रहा था।
दूधवाला मेरे करीब आकर मेरे पैरों को सहलाने लगा।
अनिषा बोली- भाभी जी, हिसाब सही से करना … मैं भी हूँ यहीं।
तब मैं बोली- हां यार, तेरा पति खुद ही तुझे इधर छोड़ गया है, मैं सब देख लूंगी।
दूधवाला मेरे मम्मों को दबाने लगा और बोला- साली मस्त पटाखा हो … आज तक ऐसा माल नहीं देखा है।
ये कहते हुए मेरे घाघरा को ऊपर करके मेरी रानों को सहलाने लगा … और दबाने लगा। मुझे किस करने लगा।
अनिषा मुन्ना को दिखाते हुए उससे कह रही थी- देख बेटा … अब तेरी मां चुदने वाली है … फिर बुआ भी चुदेगी।
तब मैं दूधवाले से बोली- भैया, ज़रा जल्दी करो … कोई आ जाएगा।
वो बोला- मेमसाहब कोई नहीं आएगा … आप बिंदास रहो।
वह मेरे मम्मों को दबाने लगा और किस करने लगा।
अनिषा बोली- अरे भैया सिर्फ ऊपर ऊपर से ही करोगे क्या? अन्दर बहुत सारा खजाना है, उसे कब लूटोगे?
दूधवाले ने मेरी घाघरा और चोली उतारी और मेरे मस्त शरीर को देखता रह गया।
वो बोला- आंह … क्या माल हो साली … आज तो तेरी चुदाई में मजा आ जाएगा।
तभी मैंने उसकी धोती खींच दी।
उसका शेर अभी सोया हुआ था … तब भी बहुत बड़ा था।
अनिषा ने मुझे आंख मारी। दूधवाले ने अपना 6 इंच का लंड मेरे मुँह में डाल दिया और मैं लंड चूसने लगी।
इसी बीच वो मेरी गांड और चुत में उंगली करने लगा।
मैं कामुक आवाजें करने लगी ‘अह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… आंह।।’
अनिषा ने अपनी दोनों टांगें लंबी की और घाघरा ऊपर किया। मैंने सब देख लिया और समझ गई कि अब ये भी चुदवाने वाली है।
दूधवाला भी उसकी चुत देख कर बोला- वाह, आज तो दो चुत चोदने को मिलेंगी।
अब तक उसका लंड 9 इंच का हो गया था और लंबा रॉड की तरह कड़क ही गया था। फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गया और लंड को चुत में सैट करने लगा।
अपनी चुत की गीली फांकों पर मोटे लंड के सुपारे का स्पर्श पाते ही मेरे मुँह से सिस्कारियां निकलने लगीं- आंहाह … बहुत गर्म है।
वो धीरे धीरे लंड अन्दर पेलने लगा। मेरी मुट्ठियां भिंच गईं। उसका लंड बहुत बहद था मेरी चुत की धज्जियां सी उड़ने लगी थीं। उसने पूरा लंड अन्दर किया और मुझे चूमते हुए मेरी चूचियों को मसलने लगा। मैं उससे चुदाई के लिए कहा … तो वो लंड अन्दर बाहर करने लगा।
मुझे भी बहुत मजा आने लगा था, वो मुझे गालियां देते हुए ज़ोर ज़ोर से गांड पर चपत मारते हुए बोला- साली तेरी जवानी तो बड़ी मस्त है।
फिर दूधवाला नीचे आ गया और उसने मुझे लंड की सवारी करने को बोला। मैं भी उसके लंड पर बैठ गई और गांड उछालने लगी। वो मेरे मम्मों को दबाने लगा और काटने लगा। निप्पलों को चूस चूस कर मेरा दूध पीने लगा।
मैं ‘उन्ह … आंह।।’ करते हुए उससे चुदने लगी। कुछ देर बाद उसने मुझे नीचे लिटा दिया और मेर ऊपर चढ़ गया। अब वो जम कर चोदने में लग गया था।
मेरा दो बार पानी निकल चुका था।
तभी वो बोला- पानी किधर निकालूँ?
अनिषा बोली- अन्दर ही छोड़ दो।
उसने ढेर सारा गाड़ा वीर्य मेरी चुत में ही छोड़ दिया और मेरे बाजू में लेट गया।
अनिषा ने मेरी चुत और उसका लंड चूस कर साफ कर दिया और मुन्ना को मेरे ऊपर छोड़ दिया। मुन्ना मेरे निप्पल चूसने लगा।
अनिषा ने दूध वाले का लंड चूसकर उसे तैयार किया और चुत फैलाते हुए बोली- आ जाओ मेरे राजा भैया … अब मेरी भी प्यास बुझा दो।
फिर उसने मेरे सामने ही अनिषा की गर्म चूत में अपना मूसल सैट कर दिया। अनिषा के इशारा करते ही उसने एक ज़ोर से धक्का मार दिया।
अनिषा ‘उन्ह … आंह।।’ करके चिल्लाई।
उसने चुदाई चालू कर दी।
अब तक मैं वैसे ही बिना कपड़ों के लेटी थी।
थोड़ी देर चुत चुदाई करने के बाद वो रुक कर हट गया। अनिषा ने उसे धक्का देकर लिटाया और उस पर सवार हो गई। अनिषा उसे अपने चूचे दिखाने लगी।
वो अनिषा के दूध चूसने और दबाने लगा।
अनिषा ‘उन्ह … आंह।।’ की आवाज करने लगी।
फिर उसने अनिषा को रुकने को कहा। वो बोला- साली बड़ी मस्त चुदाई करती है … चल अब कुतिया बन जा और पीछे से ले।
अनिषा कुतिया बन गई और दूधवाला पीछे से चुत में लंड डाल कर चोदने लगा।
अनिषा ‘उन्ह … आंह।।’ करने लगी। कुछ ही देर में उसने अनिषा की चुत में ही पानी छोड़ दिया और उसी पर निढाल पड़ा रहा।
फिर मैं बोली- देख मुन्ना, अब तेरी बुआ भी चुद गई।
कुछ टाइम बाद हम दोनों तैयार हुए अपने कपड़े आदि पहने।
कुछ देर हम तीनों ने बातें की और रात का प्रोग्राम तय हुआ। फिर हम लोग घर आ गए।
तब अनिषा बोली- भाभी, कैसा लगा दूधवाले का?
तो मैं बोली- मस्त था यार।
हम दोनों ने रात की तैयारी की। खाना बनाना वगैरह सब हो गया था। रात का खाना होने के बाद हम दोनों सभी काम निपटा कर तैयार हो गए। मुन्ना भी सो गया था।
फिर दूधवाला रात को 9 बजे आया, तब मैं नाइटी पहने हुए थी।
अनिषा दूध वाले को देख कर बोली- आ जाओ … अन्दर आ जाओ।
वो अन्दर आ गया।
तब अनिषा ने दरवाजा बंद कर दिया और दूधवाले को इशारा कर दिया।
वो मेरी गांड को दबाने लगा और बोला- साली बड़ी मस्त माल हो। दोपहर से ही तुझे दुबारा चोदने का सोच रहा हूँ।
तब मैं बोली- सच्ची … मुझे भी बड़ी आग लगी है … अब देर न करो।
तब वो बोले- हां मेरी बुलबुल … चल जल्दी से बेड पर आ जा।
मैं बोली- नाइटी आप उतारोगे या मैं ही उतार दूँ।
अनिषा बोली- भाभी, मैं उतार देती हूँ।
हम तीनों ने कपड़े उतार दिए और बेड पर लेट गए। हम दोनों के बीच में दूधवाला था। एक साइड मैं … और दूसरी ओर अनिषा थी। इस समय मेरे बूब्स उसकी छाती से दब रहे थे।
हम सब बातें करने लगे।
वो बोला- अनिषा तो मेरी बीवी है, इसकी चुत चोदने में बहुत मजा आया था।
अनिषा हंसने लगी।
फिर वो मुझसे बोला- तुम तो परी हो … आपका पति आपका ख्याल नहीं रखता।
तभी अनिषा उठ कर उसका लंड चूसने लगी और मैं उसे किस करने लगी। वो मेरे मम्मों को दबाने लगा।
वो बोला- बहुत मस्त संतरे हैं तेरे …
मेरे मम्मों से जो दूध आ रहा था … वो उसे चाट लेता। इस तरह से उसने मेरी चुत और अनिषा की चुत को दो दो बार मारी।
सारी रात चुदाई का खेल चला। वो सुबह 5 बजे घर से चला गया। उसके बाद मैं वहां दस दिन तक रुकी।
मैंने अनिषा को बोला- तू तो यहीं पर है जब तक मैं इसके मजे लूंगी।
अनिषा भी बोली- ठीक है।
फिर दूध वाले ने एक दिन मेरी गांड में जीभ डाली और बहुत देर तक चाटी। मुझे बहुत अच्छा लगा। उस रात उसने दो बार मेरी गांड भी मारी। मुझे बहुत दर्द हुआ, पर मजा भी बहुत मिला।
Mere parivaar mein main, mera chhoṭa bhai, maa aur pitaji hain. Mere pitaji dubai mein ek safai company mein kaam karte hain. Main graduation 1st year me hun aur mera chhota bhai 11vi class mein. Humari aarthik sthiti ke kaaran mere pitaji kadi mehanat karte hain aur parivaar se door Dubai mein rahte hain. Meri maa 40 saal ki hain. Meri maa ka naam Savita hai aur unk lambai 5 feet 5 inch hai. Wo gori hain lekin thodi moti hain. Unhein saadiyon kaa bahut shauk hai. Wo bistar par jaane se pehle nighty pahanti hain. Meri graduation ki wajah se humein shahar mein shift hona pada. Yahan hum ek apartment mein rahte hain. Ab kahani par aate hain, mere sabse achchhe dost ka naam Rajeev hai. Uske pita ji business karte hain aur wo bhi aksar school ke baad apne pitaji ki madad karta hai. Hum padhai ek saath karte hain. Ek din hum donon mere ghar par padh rahe the aur shaam ke kareeb 7 baje the. Meri maa hamesha shaam ko prarthana ke samay se pahle snaan karti hain. Prarthana karne ke baad maa hu...
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