मैं राज शर्मा हूं और गुड़गांव में एक कंपनी में काम करता हूं। मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. मुझे चूत मारने का कुछ ज्यादा ही शौक है.
जिस कंपनी में मैं काम करता हूं वहां पर मेरे सुपरवाइजर से मेरी अच्छी बनती थी. उसको सभी खन्ना कहकर बुलाते थे. वो मेरे काम से हमेशा संतुष्ट रहते थे और कंपनी में हमेशा मेरी मदद करते थे।
खन्ना जी की उम्र 45 साल थी। मैं एक दो बार उनके घर भी जा चुका था. इसलिए उनकी बीवी से भी मेरी थोड़ी जान पहचान थी. नायिका उसकी बीवी ही है जिसका नाम आपको कहानी में अंदर पता चलेगा.
उसकी बीवी 35 साल की थी. उन पति पत्नी की उम्र में फासला थोड़ा ज्यादा था. बीवी तो उनकी मस्त माल थी. बड़े बड़े बूब्स, भारी गांड, गोरी त्वचा, 34-30-34 का फिगर. जिसको देखकर किसी का भी लंड मचलने लगे।
जब वो चलती थी तो उनकी गांड ऐसे मटकती कि नज़र हटाने का मन नहीं करता था। खन्ना जी के घर में उनकी बूढ़ी मां और उनका एक बेटा था।
बेटा स्कूल जाया करता था और उनकी माता जी की नजर बहुत कमजोर हो चुकी थी. उनको देखने में दिक्कत होती थी. वो किसी को ठीक से पहचान नहीं पाती थी. ज्यादा पास जाने पर ही पहचान पाती थी.
एक दिन खन्ना जी कंपनी के काम से चंडीगढ़ गये थे. मेरी तबियत ठीक नहीं लग रही थी तो मैंने छुट्टी कर ली और रूम पर रूक गया।
दिन में करीब 11 बजे मेरा फोन बजा.
खन्ना जी का ही कॉल था- हैलो राज, कहां हो?
मैंने कहा- मैं रूम पर हूं।
खन्ना- तू जल्दी से मेरे घर पहुंच.
मैंने कहा- क्या बात है सर?
वो बोले- तेरी भाभी किचन में फिसल गई है और चोट लग गई है. घर में अम्मा के अलावा कोई नहीं है. तू जल्दी जा और अस्पताल में दिखवा दे।
मैंने कहा- ठीक है, मैं अभी जाता हूं.
फिर मैंने जल्दी से कपड़े पहने और तैयार होकर घर से निकल गया.
मैं ऑटो से जल्दी उनके घर पहुंचा।
जाकर मैंने गेट से आवाज दी- भाभी, मैं राज … गेट खोलो.
अंदर से आवाज आई- गेट में जोर से धक्का मारो, खुल जाएगा।
मैं गेट खोलकर अंदर आ गया और गेट वापस बंद कर दिया।
मैंने कहा- भाभी कहां हो?
वो बोली- अंदर आओ.
मैं रूम में घुसा तो अम्मा लेटी थी।
फिर दूसरे रूम में गया।
भाभी बिस्तर पर लेटी थी और दर्द से कराह रही थी।
मैंने कहा- कैसे हुआ?
वो बोली- किचन की सफाई करते हुए गिर गई।
मैंने कहा- खन्ना जी का फोन आया था, आप अस्पताल चलो!
वो बोली- नहीं, वहां अलमारी में दवा रखी है, वो लगा दो. उसी से आराम आ जायेगा, मैं अस्पताल नहीं जाऊंगी. मुझे फालतू की दवाई नहीं खानी है.
मैंने अलमारी खोली और दवा ढूंढने लगा.
मेरे हाथ में कंडोम का पैकेट आ गया।
मैंने उसे रख दिया और दवा लेकर बेड पर आ गया.
मैंने पूछा- भाभी कहां दर्द हो रहा है?
उसने अपनी साड़ी ऊपर कर दी। उसकी जांघों पर लाल निशान थे. मैं दवा धीरे धीरे मलने लगा।
अब मेरा लंड खड़ा होने लगा।
मैंने कहा- भाभी दवा साड़ी में लग रही है।
वो बोली- हां लग तो रही है लेकिन थोड़ा बचाकर मालिश करो.
मैं मालिश करता रहा लेकिन बार बार दवा साड़ी पर लग रही थी.
वो बोली- रुको, मुझे ही करने दो.
मैं बोला- अरे नहीं, मैं कर देता हूं. खन्ना जी ने आपके लिए ही तो भेजा है मुझे.
वो बोली- तो फिर ऐसे तो मेरी साड़ी खराब हो रही है. साड़ी मैं उतार भी नहीं सकती हूं तुम्हारे सामने.
मैं बोला- कोई बात नहीं, मैं साड़ी बचाकर कर देता हूं.
फिर उसने साड़ी और ऊपर कर ली. उसको थोड़ा अजीब तो लगा क्योंकि उसकी पैंटी मुझे साफ दिख रही थी.
पैंटी देखने के बाद मेरे लंड की हालत और खराब हो गयी. मेरा लंड पैंट में अलग से झटके लेने लगा. हो सकता है कि शायद भाभी ने मेरा उछलता हुआ लंड देख भी लिया हो क्योंकि उसके बाद वो साड़ी उतारने के लिए तैयार हो गयी.
उसने फिर साड़ी व पेटीकोट दोनों निकाल दिये. मैं मुंह घुमाए खड़ा था और भाभी ने पेट से लेकर जांघों तक एक कपड़ा डाल लिया.
अब उसकी जांघें ऊपर तक नंगी थीं. केवल उसकी पैंटी वाली जगह तक ही कपड़ा ढका हुआ था.
मैं उसकी भरी गोरी गोरी जांघों को सहला सहलाकर दवा लगाने लगा। अब उसको मेरे हाथों की मालिश अच्छी लगने लगी थी. उसके चेहरे पर आनंद और हल्की उत्तेजना के भाव थे.
मेरा हाथ भाभी की जांघों पर उसकी चूत के पास तक पहुंच रहा था. मुझसे अब रुकना मुश्किल हो रहा था. भाभी भी शायद गर्म हो रही थी. अब उसने कपड़े को हल्का सा और ऊपर कर दिया.
मुझे फिर से उसकी पैंटी दिखने लगी. फिर उसने कपड़ा थोड़ा और ऊपर कर लिया. अब उसकी झांटों तक का एरिया मुझे दिख रहा था. शायद भाभी सिग्नल दे रही थी.
मैंने भी थोड़ी हिम्मत की और जांघ मसलने के बहाने उंगलियों को पैंटी के अंदर तक ले जाकर वापस ले आया. उसने कुछ नहीं कहा. अब तो मैं और पागल हो गया. अब मेरा लक्ष्य भाभी की चूत को छूना था.
अबकी बार मेरी उंगली सीधी उसकी चूत को छू गयी और भाभी ने आंखें बंद कर दीं. उसने कपड़े को पूरा हटा दिया और अपनी जांघें खोल कर आराम से आंखें बंद करके लेटते हुए बोली- लो, आराम से कर लो.
इशारा मैं समझ गया था.
मैंने अब बार बार भाभी की चूत को छूना शुरू कर दिया.
वो गर्म होने लगी और एकदम से उसने मेरे हाथ को चूत के पास पकड़ लिया और उसको चूत पर दबा दिया.
बस फिर क्या था … मैं अब बेकाबू हो गया.
मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी में घुसा दिया और दूसरे हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा।
वो अब सिसकारने लगी- आह्ह … राज … ओह्ह … ये क्या कर रहे हो!
मैंने कहा- वही जो आप चाहती हो.
वो बोली- तो फिर ऊपर आ जाओ ना … इतनी दूर क्यों हो.
कहते हुए वो अपने बूब्स दबाते हुए मचलने लगी.
मैंने उसका ब्लाउज और ब्रा खोल लिये, उसके मम्में आजाद कर दिये.
उसने मेरे लोवर में हाथ डालकर लंड को पकड़ लिया और मसलने लगी।
मैंने उसकी चूत में उंगली घुसा दी और अंदर-बाहर करने लगा।
वो सिसकारने लगी ‘आह्ह … आह्ह … ऊईई ऊईई’ करके आवाजें करने लगी.
मैंने कहा- धीरे से भाभी जी … आपकी अम्मा जी सुन लेंगी.
वो बोली- उनकी चिंता मत करो। तुम करते रहो. बस मजा आ रहा है.
फिर उसने मुझे नंगा कर दिया और लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी.
बहुत मस्त लौड़ा चूस रही थी वो. मैं तो पागल सा हो उठा. मैं लंड से मुंह को चोदने लगा और उसकी चूचियों को दबाने लगा।
उसने लंड को जमकर चूसा. फिर मेरे मुंह में अपनी चूत रखकर उछालने लगी.
मैं जीभ घुसा घुसाकर चूत चाटने लगा।
मैंने उसे बिस्तर पर पटक दिया और ऊपर आ गया। मैं अपने लौड़े को चूत के होंठों पर रगड़ने लगा और चूत के रस से लंड को चिकना कर दिया।
अब मैं और नहीं रुक सकता था. मैं भाभी की चुदाई करने के लिए तड़प गया था. फिर मैंने एक झटके में पूरा लंड अंदर घुसा दिया और वो जोर से चिल्लाई- उईई … आईई … आह्ह … निकाल ले … मर जाऊंगी मैं!
तभी मैंने उसके होंठों को चूसना शुरु कर दिया और लंड को रोक दिया। थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ तो मैंने लंड को अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया.
वो आह्ह … आह्ह … की सिसकारियों के साथ चुदने लगी और कहने लगी- हां … चोद दे … आज मेरी चूत में पूरा लंड घुसा दे. मेरी चूत को फाड़ दे.
उसकी चुदास देखकर मैंने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी और गपागप गपागप लंड अंदर बाहर करने लगा।
उसकी आंखों में चमक आ गई और अब वो लंड का मज़ा लेने लगी।
वो बोली- राज, तुम मुझे ऐसे ही चोदो, मुझे चिल्लाने दो, तुम रूकना नहीं। मेरे पति के लंड मे ताकत नहीं है, तेरा लौड़ा … आह्ह आअह् … तेरा लौड़ा … चोदो मुझे राज … आह्ह … चोदते रहो.
मैंने कहा- अब तुम मेरे लंड पर बैठोगी?
वो बोली- हां बैठूंगी.
फिर वो लंड पर थूक लगा कर बैठ गई. लंड सटाक से चूत में घुस गया.
वो आह्ह आह्ह करते हुए लंड पर उछलने लगी और साथ में उसकी चूचियां भी उछलने लगीं.
मेरे लंड पर उछल उछल कर वो अपनी गांड पटक रही थी.
वो बोली- मेरा पति बुड्ढा है. उसके लंड में दम नहीं है. वो मेरी चूत को ठंडी नहीं कर पाता है. आज से मेरी चूत में तुम्हारा लंड राज करेगा।
मैं उसकी चूत में लन्ड रगड़ने लगा और उसकी सिसकारियां बहुत तेज़ हो गईं. उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
अब फच्च फच्च … की आवाज के साथ लंड उसकी चूत में अंदर बाहर हो रहा था.
हम दोनों पसीने में लथपथ हो गये थे. मैंने उसको गोद में उठा लिया और वो हॉल में चलने के लिए कहने लगी.
मैं बोला- अम्मा आ गयी तो?
वो बोली- तुम बहुत डरते हो. कुछ नहीं होगा. तुम चलो बाहर!
मैं उसे गोद में उठाकर हॉल में ले आया. मेरा लौड़ा पूरा गीला हो चुका था।
मैंने कहा- अब क्या करना है?
वो बोली- राज तुम मुझे जैसे चाहो चोदो, मैं आज से तुम्हारे लौड़े की गुलाम हूं।
फिर मैंने उसे सोफे पर लिटा दिया और दोनों पैर उठाकर लंड घुसाया और उसके ऊपर चढ़ गया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा. अब उसकी आवाजों से पूरा हॉल गूंजने लगा।
मैंने चुदाई और तेज़ कर दी. उसकी जांघों पर पसीना भर गया और फच्च फच्च की आवाज आने लगी।
वो बोली- राज तुम मुझे हमेशा ऐसे ही चोदोगे?
उसको कस कर धक्के देते हुए मैंने कहा- हां, ऐसे ही चोदूंगा.
थोड़ी देर बाद मैंने उसे उठाकर घोड़ी बना दिया और चोदने लगा.
अब वो अपनी गांड को पीछे करने लगी और धक्के लगाने लगी।
हम दोनों बहुत मजा लेने लगे.
मैंने कहा- आप बहुत खूबसूरत हो.
वो बोली- ये क्या तुमने आप … आप … लगा रखा है. मुझे सपना कहो.
फिर मैं उसको और तेजी से चोदने लगा. वो भी मुझे झटके देने लगी. अब दोनों में जैसे चुदाई की रेस चल रही थी.
उसकी एक बार फिर से चीख निकली और उसकी चूत ने फिर पानी छोड़ दिया.
मैंने भी झटकों की रफ्तार तेज कर दी और तेजी से लंड को अंदर-बाहर करने लगा. अब मेरा लौड़ा मेरे काबू से निकल गया उसकी चूत को मैंने वीर्य से भर दिया।
मैंने लंड निकाल लिया और उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया.
फिर मुझे अपने बदन से चिपका कर वो सोफे पर लेटी रही. दोनों पसीने से लथपथ हो गये थे और थोड़ी देर बाद उठे. फिर हम बाथरूम में साथ नहाने लगे।
दोनों ने एक दूसरे को साबुन से साफ किया। फिर हम दोनों रूम में आ गए.
वो किचन से बादाम का दूध लाई और मुझे पिलाने लगी। अब मैं कपड़े पहनने लगा तो उसने मेरे कपड़े छुड़ाकर फेंक दिए.
मैंने उसको हैरानी से देखा तो वो बोली- इतनी आसानी से नहीं जाने दूंगी. फिर उसने मेरे मुंह में अपनी चूची लगा दी. मैं उसकी चूची पीने लगा. उसने फिर एक चॉकलेट ली और मेरे लंड पर लगा दी.
अब वो मेरे लंड को चूसने लगी. उसने लंड को चूसकर लाल कर दिया. अब मैंने उसे उल्टा लिटा दिया और उसकी गान्ड के छेद को चाटने लगा. उसकी गान्ड टाइट थी।
मैंने अलमारी से वैसलीन उठाई और गांड के छेद में भर दी और उंगली डालने लगा। वो ऊईई इईई … ऊईई करने लगी. उसकी गांड का छेद खुलने लगा.
फिर मैंने लंड पर थूक लगाया और गांड के छेद पर टिका दिया.
अब मैंने उसकी गांड में एक जोर का धक्का मारा तो उसकी चीख निकल पड़ी और लंड उसकी गांड को चीरता हुआ अन्दर घुस गया। मैं रूक गया और उसकी गर्दन को चूमने लगा।
उसका चेहरा लाल हो गया और दर्द आंखों से बाहर आने लगा। फिर मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और तेल में डुबा दिया. फिर उसकी गांड में तेल डाला.
मैंने फिर से लंड को गांड पर टिकाया और अंदर धकेल दिया. लंड अबकी बार फिसलकर गच्च से अंदर चला गया. वो कराहटों के साथ सपना अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी।
कुछ देर बाद उसको चुदाई में मजा आने लगा. अब दोनों ही चुदाई का मज़ा लेने लगे और धक्के पर धक्के मारने लगे।
मैंने कहा- खन्ना जी तुम्हारी गांड चोदते हैं क्या?
वो बोली- वो बुड्ढा क्या चोदेगा? उसके लन्ड में दम नहीं है। बस चार झटके मारकर सो जाता है और मुझे तड़पने के लिए छोड़ देता है।
अब मैं जोर जोर से झटके मारने लगा और वो खुद अब मज़ा लेकर चुदाई करवाने लगी।
मैंने उसे जमकर चोदा और फ़िर उसकी गान्ड में लन्ड का पानी छोड़ दिया. वो बहुत खुश हुई. उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और होंठों को चूसने लगी।
अब उसके बेटे के आने का टाइम हो गया. हमने कपड़े पहने और हॉल में आ गए। मैं अपने रूम में आ गया और सो गया।
मैं चुदाई करके थक चुका था इसलिए मुझे गहरी नींद आ गयी.
फिर उसका 8 बजे फोन आया कि राज घर आ जाओ.
मैं समझ नहीं पाया कि अभी तो मैं आया था. फिर से ये बुला रही है?
खैर, मैं पहुंचा तो वो गेट पर खड़ी थी। वो मुझे रूम में ले गई. उसका बच्चा अम्मा के साथ सो रहा था।
फिर से हमारी चुदाई चालू हो गई और रात में तीन बार मैंने उसकी गान्ड मारी और एक बार उसकी चूत में पानी छोड़ा।
मैं सुबह जब जागा तो उसका बेटा स्कूल जा चुका था।
फिर मैंने उसको किचन में, बाथरूम में, हॉल में और सीढ़ियों में लिटाकर जमकर चोदा और शाम को रूम पर आ गया।
उसके बाद जब भी मौका मिलता सपना मुझे घर बुला लेती और अपने बिस्तर पर ले जाती.
दोस्तो, इस तरह से मैंने अपने बॉस की हॉट बीवी सेक्स का मजा लिया. वो मेरे लंड से चुद चुदकर मेरी दीवानी हो गयी.
Shahar wale uncle ko maa ki chut mil hi gayi Hello friends, main Rahul hoon, meri maa Seema ki agli story ke saath. Pichhle bhaag " Maa ko mila jawan lund se bharpoor maza " mein aapne padha ki kaise farm house mein kaam karne wale Raghu ne pehle meri maa ki jhat saaf ki, fir viagra khakar unki aisi chudai ki jaisi unke saath pehle kabhi nahin hui. Par meri maa ne bhi chudai ka bharpoor maja liya mano apne pati se chudai ki ho. Ab aage: Main aur meri maa jaise taise uncle ke ghar pahunch gaye. Ye wohi uncle hain jinhone mujhe aur meri maa ko shahar mein raat gujarne ke liye apna ghar diya tha par badle mein meri maa ko choda tha aur apne doston se chudwaya tha. Itna hi nahin inhone meri maa ki chudai ki video bhi banayi thi aur mujhe blackmail karke meri maa ko shahar laane par majboor kiya tha. Uncle apne ek room ke ghar mein khaana bana rahe the. Maine darwaja khat khataya to unhone mudkar dekha aur hume dekhkar khush ho gaye. Wo jhat se aaye aur meri maa ko gale laga
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