मैं अपने ससुर जी का लंड अपनी चूत में ले चुकी थी। हम दोनों ससुर बहू को चुदाई में बहुत मजा आया था। मेरे पति भी बहुत खुश थे मेरे कारनामे से! उसके बाद क्या हुआ?
कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि मैं अपने ससुर से चुद चुकी थी और बार बार चुदना चाह रही थी।
फिर मैंने पापाजी का लंड उसी कटोरे के रस में डाल दिया और उनके लंड से बहता हुआ रस मैंने चाट के साफ़ किया और फिर उनका लंड जोर जोर से चूसने लगी।
10 मिनट में पापाजी ने अपना माल मेरे मुँह और मेरे चेहरे पर निकाल दिया। पापाजी का सारा माल मैं चाट गयी।
फिर मैं पापाजी की गोदी में चढ़ के बैठ गयी। सब चिपचिपा हो रहा था। पापाजी मेरे बूब्स चूस रहे थे।
और तभी मेरे पति का कॉल आया। पापाजी डर गए और मुझे हटाने लगे।
मैंने कहा- आप बैठो और हमारी बातें सुनो।
मैंने पति का कॉल पिक करके उसे स्पीकर पर डाल दिया और पापाजी का मुँह अपने बूब्स पर लगा दिया।
पति बोले- सॉरी जान, कल ज्यादा हो गयी थी इसीलिए रात तुमसे झगड़ा हो गया। मुझे माफ़ कर दो, आगे से ऐसा नहीं होगा।
मैंने कहा- कोई बात नहीं!
फिर पति बोले- क्या कर रही हो जान?
मैंने कहा- कुछ नहीं … बस नंगी बैठी हूँ तुम्हारे पापाजी की गोदी में!
पापाजी ये बात सुनकर चौंक गए।
पति हंसने लगे, बोले- अच्छा फिर बताओ पापाजी का लंड बड़ा है या मेरा?
मैंने कहा- पापाजी का लंड आपसे ज्यादा मोटा है।
पति फिर हंसने लगे, बोले- बहुत मजाक हो गया। वैसे आज रात मछली बना लेना।
मैंने कहा- ठीक है।
फिर पति ने कॉल कट कर दिया।
पापाजी बोले- ये कैसी बातें करते हो तुम दोनों?
मैंने कहा- आपका बेटा ही करता है। वैसे लगता है कि हमारी बात सुनके आपका लंड भी खड़ा हो गया है।
पापाजी बोले- बहू, अब बर्दाश्त नहीं होता है यार!
तो मैंने कहा- आपको रोका किसने है?
पापाजी बोले- जाओ कंडोम ले आओ!
मैंने कहा- पापाजी, आप मेरे हो और आपके साथ चुदाई में मुझे कंडोम की जरुरत नहीं।
पापाजी बोले- बहू, अगर तुम प्रेग्नेंट हो गयी तो प्रॉब्लम हो जाएगी।
मैंने कहा- मैं तो चाहती हूँ कि मेरा पहला बेटे आपसे हो। वैसे भी आपके नालायक बेटे से तो कोई उम्मीद नहीं है। वैसे भी खून तो एक ही है!
पापाजी ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और वहीं बैठे बैठे मेरी चुदाई शुरू कर दी।
मैं जानती थी मेरे पति सब देख रहे थे और मज़े भी ले रहे थे। मुझे भी इस बात की खुशी थी कि पति की वजह से मुझे एक लंड घर में ही मिल गया।
ससुर बहू की यह दूसरी चुदाई 20 मिनट चली। फिर पापाजी मेरी चूत में ही झड़ गए। उनका लंड अभी भी मेरी चूत में था।
पापाजी बोले- बहू, तुमने मेरी लाइफ कम्पलीट कर दी है।
मैंने पापाजी से कहा- वैसे पापाजी, मम्मी के बाद में फर्स्ट लेडी हूँ या और भी थी?
पापाजी हंसने लगे, बोले- तुम्हें क्या लगता है?
मैंने कहा- आपकी चुदाई देखकर लगता है कि मैं पहली तो नहीं हूँ।
पापाजी बोले- बहू, बस एक सेक्स ऐसी चीज है जिसके बिना इंसान रह नहीं सकता है। वैसे सच ये है कि तुमसे पहले भी कई औरतों को चोद चुका हूँ।
मैंने कहा- किस किस को पापाजी?
वो बोले- कुछ कस्टमर की वाइफ थी और एक हमारी फैमिली से है।
मैंने पूछा- फैमिली में कौन है?
पापाजी बोले- तुम्हें वो पार्टी वाली बुआ याद है?
मैंने कहा- हाँ याद है।
“बस उसकी बहू को चोदता हूँ यार!”
अपने ससुर जी की यह बात सुनकर मैं समझ गयी थी कि ये बहुत बड़े चोदू हैं।
फिर पापाजी मुझे उठाके बाथरूम में ले गए, वहाँ हम दोनों ने शावर लिया और एक बार और चुदाई की।
फिर हम दोनों ने लंच किया। पापाजी ने मुझे पूरे दिन नंगी रखा। लंच के बाद पापाजी मेरे रूम में ही सो गए। शाम 6 बजे मेरी आँख खुली तो पापाजी सो रहे थे और उनका लंड खड़ा हुआ था।
मैंने उसे किस करके पापाजी का उठाया। पापाजी ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और बोले- बहू, मुझे आज रात तुम्हारी चुदाई करनी है।
तो मैंने कहा- मैं आ जाऊंगी।
पापाजी बोले- और अभिजीत का क्या करोगी?
मैंने कहा- वो जब सो जायेंगे, तब आऊंगी। वैसे भी वो रात में कभी नहीं उठते हैं।
पापाजी ने मुझे किस किया और रूम से चले गए। फिर मैंने अपने कपड़े पहन लिए और घर के सारे काम करने लगी।
फिर थोड़ी देर में पति आ गए और हम सबने शाम की चाय पी। पापा जी अभी भी मुझे घूर रहे थे। मेरे पति रूम में चले गए और पापाजी मुझे वहीं किस करने लगे। मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी।
तभी पति के आने की आहट से पापाजी अलग हो गए। फिर थोड़ी देर में पति मुझे रूम में ले गए।
मैंने पति से पूछा- कैसा लगा दिन में चुदाई देखकर?
मेरे पति बोले- मुझे तो यकीन नहीं हुआ कि पापा इतने ज्यादा एक्सपीरियंसड होंगे। वैसे आज रात भी तुम उनसे चुदाई करवाओगी।
मैंने कहा- हाँ!
पति बोले- ठीक है, मगर यह चुदाई मैं लाइव देखूंगा।
मैंने कहा- कैसे देखोगे?
पति बोले- पापाजी को गेस्ट रूम में लेकर आना। वहां मैं खिड़की से सारी चुदाई देख लूंगा।
मैंने कहा- ठीक है।
फिर रात के खाने के बाद मैंने पति से पूछा- क्या पहन कर जाऊं यार आज?
तो पति ने मुझे एक स्टॉकिंग पहनने के लिए कहा और कहा- ये पूरी फाड़ के चुदाई करवाना!
12 बजे रात मैंने पापाजी को मैसेज किया और उन्हें गेस्ट रूम में बुलाया। मेरे पति पहले से ही गेस्ट रूम की खिड़की पर आ गए थे। फिर थोड़ी देर में पापाजी भी रूम में आ गए। मुझे इस सेक्सी स्टॉकिंग में देखकर पापाजी का लंड उनके अंडरवियर में खड़ा हो गया था।
तभी पापाजी मुझे किस करने लगे। पापाजी का किस बहुत डीप था उनकी जीभ मेरे मुँह में घूम रही थी और मैं उनके लिप्स चूस रही थी।
पापाजी बोले- बहू आज तो तुम एकदम क़यामत लग रही हो!
मैंने कहा- पापाजी, सब आपके लिए है।
मेरे ससुर के हाथ बहू की गांड को दबा रहे थे और बाहर पति अपने लंड हिला रहे थे। फिर पापाजी ने मुझे नीचे झुका दिया और मेरी स्टॉकिंग उतारने लगे।
मैंने कहा- पापाजी उतारो मत, फाड़ दो इसे!
पापाजी ने वैसे ही किया। उन्होंने मेरी स्टॉकिंग पीछे से फाड़ दी। अब मेरी गांड पूरी खुल गयी थी।
फिर पापाजी ने पीछे से ही मेरी गांड में अपना मुँह लगा दिया और मेरी चूत चाटने लगे। मैं आगे झुकी हुई आहें भर रही थी और पापाजी मेरी चूत चाट रहे थे।
पापाजी बोले- बहू मज़ा तो आ रहा है ना?
मैंने कहा- पापाजी बहुत मज़ा आ रहा है। इतना मज़ा तो अभिजीत ने भी कभी नहीं दिया।
फिर पापाजी ने 10 मिनट मेरी चूत चाटी और मेरा पानी निकाल दिया।
अब पापाजी बेड पर बैठ गए और मैंने उनका अंडरवियर निकाल दिया। पापाजी ने भी मेरी ब्रा निकाल कर फेंक दी। अब मैं सिर्फ फटी हुई स्टॉकिंग में उनके सामने थी। मैं पापाजी का लंड चूसने लगी। पापाजी का लंड मैं बार बार थूक लगाकर गीला कर देती और अपने मुँह से निकल देती ताकि मेरे पति उसे देख सकें। मेरे पति भी मुझे ऐसा करते देख रहे थे।
फिर पापाजी बोले- बहू, मेरा बेटा सो गया था क्या? आज उसने तुम्हारी चुदाई नहीं की?
मैंने कहा- वो बहुत कम ही चुदाई करते हैं पापाजी। इसीलिए तो मेरी चूत अभी भी टाइट है।
पापाजी बोले- चिंता मत कर बहू! उसे सोने दे। अब से मैं तेरी चूत का ख्याल रखूँगा और एक महीने में इसकी पूरी चुदास निकाल दूंगा।
ससुर जी का लंड चूस के मैं उनके ऊपर आ गयी और किस करने लगी। फिर पापाजी ने मुझे लिटा दिया और मेरी कमर के नीचे तकिया रख दिया और मेरी चूत अब ऊपर आ गयी।
पापाजी बोले- बहू, तेरी चूत सच में बहुत अच्छी है एकदम चिकनी और गोरी … मन करता है इसे हमेशा चूसता रहूँ।
मैंने कहा- आज से ये चूत और मैं आपकी हूँ। जब आपका मन हो मुझे नंगी करके चोद लेना आप!
फिर मैंने पापाजी से कहा- क्या मैं आपको आपके नाम से बुला लूं?
तो पापाजी बोले- बहू, ये सही नहीं है। अगर मेरे बेटे के सामने गलती से ऐसा हो गया तो वो शक करेगा।
मैंने मन में सोचा ‘पापाजी कहाँ जानते हैं कि उनके बेटे ने ही मुझे उनके लंड के नीचे लिटाया है।’
पापाजी बोले- वैसे भी जब तू मुझे बोलती है ‘और जोर से करो पापाजी’ तो मुझे और ज्यादा मज़ा आता है।
मैंने कहा- फिर देर किस बात की पापाजी? अब घुसा दो ये मोटा मूसल लंड मेरे चूत में!
फिर पापाजी ने अपना लंड मेरी चूत घुसा दिया और हल्के हल्के धक्के लगाने लगे। मैं भी अब मोअन कर रही थी और ‘जोर से पापाजी … तेज तेज धक्के मारो पापाजी!’
मेरी बातों से और ज्यादा तेज से धक्के लगाने लगे और थोड़ी देर में मेरी चूत ने ढेर सारा पानी निकाल दिया। मगर पापाजी अभी भी लगे हुए थे।
फिर पापाजी ने अपने अंडरवियर से मेरी चूत का पानी साफ़ किया, मुझे कुतिया बनाया और पीछे से मेरी चूत में लंड डाल दिया और मेरी चुदाई करने लगे। पापाजी किसी पोर्नस्टार की तरह मेरी चुदाई कर रहे थे।
तभी पापाजी ने मेरी गांड में एक उंगली डाल दी और उसे अंदर बाहर करने लगे। मेरा मज़ा और ज्यादा हो गया था।
पापाजी बोले- बहू, कभी गांड में लंड लिया है?
मैंने कहा- पापाजी, बस आपके बेटे का लिया। अगर आप चाहें तो आप भी कर लेना!
पापाजी बोले- इस राउंड के बाद वहीं करूँगा।
मेरे ससुर के धक्के मेरी चूत में तेज होते चले गए और थोड़ी देर में उनका माल भी मेरी चूत में निकल गया।
फिर हम दोनों लेट गए।
पापाजी बोले- बहू। सच में रात में सेक्स का अलग ही मज़ा है।
मैंने कहा- हां पापाजी … और खासकर चुदाई करने वाला आप जैसा हो तो क्या बात है!
पापाजी बोले- बहू, अब तो हर दिन रात तुम्हारी चुदाई पक्की है।
मैंने पापाजी से कहा- अगर हो सके तो हम दोनों हनीमून पर चलें?
पापाजी बोले- चल तो सकते हैं अगर मेरा बेटा न हो घर में!
तो मैंने कहा- वो तो वैसे भी कहीं जाने वाले हैं। तो क्यों ना हम दोनों भी हनीमून पर मौज करके आते हैं।
पापाजी बोले- ठीक है बहू … मगर जाओगी कहाँ?
मैंने कहा- पापाजी आप बताओ?
पापाजी बोले- गोआ चलते हैं, वहाँ तुम्हें बिकिनी में भी देखूंगा।
मैंने कहा- जरूर पापाजी!
फिर पापाजी का लंड दुबारा खड़ा हो गया और मैं उसे चूसने लगी।
पापाजी बोले- बहू, थोड़ा घी ले आओ वरना तुम्हें दर्द होगा।
मैं जाकर घी ले आयी।
फिर पापाजी ने ढेर सारा घी अपने लंड पर लगा लिया और थोड़ा घी मेरी गांड के छेद पर लगाकर उसमें 2 उंगली घुसा दी। फिर उंगली अंदर बाहर करने लगे। जब मेरी गांड में चिकनाहट सही हो गयी तो उन्होंने अपना लंड मेरी गांड में घुसा दिया।
मेरी तो चीख निकल गयी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
पापाजी बोले- बहू, बस हो गया … थोड़ी देर में सही हो जायेगा।
फिर पापाजी हल्के हल्के मेरी गांड में धक्के लगाने लगे और कुछ टाइम बाद मुझे भी सही लगने लगा तो पापाजी ने अपने धक्के तेज कर दिए।
हर थोड़ी देर बाद पापाजी अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाल देते थे और मेरी गांड को देखते थे।
मैंने पापाजी से पूछा- क्या देख रहे हैं पापाजी बार बार?
वो बोले- बहू तुम्हारी गांड का छेद बड़ा हो गया है।
अब मैंने कहा- वो तो होना ही था पापाजी। आपका लंड कौन सा कम मोटा है।
फिर पापाजी ने 20 मिनट मेरी गांड मारी और अपना माल मेरी गांड में ही निकाल दिया।
मैंने टाइम देखा तो 2 बज रहे थे। मैंने कहा- पापाजी अब चलें रूम में?
पापाजी बोले- बहू, आज मेरे साथ ही सो जाओ।
फिर मैंने कहा- आप अपने रूम में चलो, मैं आपके सुपुत्र को चेक करके आती हूँ।
मैंने बाहर देखा तो वहाँ अभिजीत नहीं थे। पापाजी अपने रूम में चले गए और मैं अपने रूम में गयी तो पति मुझे देखकर बहुत खुश हुए। मेरे बूब्स पर पापाजी के दांतों के निशान थे। मेरी जाँघों और मेरी चूत पर पापाजी का माल लगा हुआ था।
पति ने मुझे डोगी स्टाइल में खड़ी कर दिया और मेरी गांड को देखने लगे। मेरी गांड का छेद अभी भी बहुत खुला हुआ था।
मेरे पति बोले- आज से मैं तुम्हें मम्मी बुलाया करूँगा।
मैंने कहा- ठीक है। और मैं आपको बेटा बोला करुँगी।
पति बोले- मम्मी, पापा ने तो आपकी रगड़ के चुदाई करी है।
मैंने कहा- हाँ बेटा, बहुत जोर से वैसे आपकी मम्मी आपके पापा के साथ सोने जा रही है। आप सो जाओ।
फिर मैंने पति को एक किस किया और मैं पापाजी के रूम में चली गयी, वहाँ जाकर हमारे बीच एक बार और चुदाई हुई फिर हम दोनों सो गए।
सुबह को मैंने पति को हनीमून वाली बात बताई तो वे बोले- चली जाओ, मैं भी तुम्हारी बहन के घर जा रहा हूँ। तुम्हारे जीजा जी भी कहीं बाहर गए हुए हैं।
फिर अगले हफ्ते मैं और पापाजी हनीमून पर गोआ चले गए और वहाँ हम दोनों ने बहुत चुदाई की।
गोआ से वापस आयी तो मुझे पता चला कि मैं प्रेग्नेंट हूँ। मैंने पति को भी ये बात बताई तो बोले- बधाई हो मम्मी, मेरा छोटा भाई आ रहा है।
फिर मैंने पापाजी को ये बात बताई तो वो भी बहुत खुश हुए।
आज इस बात को 2 साल हो चुके हैं और मैं पापाजी के बच्चे की माँ बन चुकी हूँ। मगर पति और पापाजी की चुदाई में कोई कमी नहीं हुई है।
कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि मैं अपने ससुर से चुद चुकी थी और बार बार चुदना चाह रही थी।
फिर मैंने पापाजी का लंड उसी कटोरे के रस में डाल दिया और उनके लंड से बहता हुआ रस मैंने चाट के साफ़ किया और फिर उनका लंड जोर जोर से चूसने लगी।
10 मिनट में पापाजी ने अपना माल मेरे मुँह और मेरे चेहरे पर निकाल दिया। पापाजी का सारा माल मैं चाट गयी।
फिर मैं पापाजी की गोदी में चढ़ के बैठ गयी। सब चिपचिपा हो रहा था। पापाजी मेरे बूब्स चूस रहे थे।
और तभी मेरे पति का कॉल आया। पापाजी डर गए और मुझे हटाने लगे।
मैंने कहा- आप बैठो और हमारी बातें सुनो।
मैंने पति का कॉल पिक करके उसे स्पीकर पर डाल दिया और पापाजी का मुँह अपने बूब्स पर लगा दिया।
पति बोले- सॉरी जान, कल ज्यादा हो गयी थी इसीलिए रात तुमसे झगड़ा हो गया। मुझे माफ़ कर दो, आगे से ऐसा नहीं होगा।
मैंने कहा- कोई बात नहीं!
फिर पति बोले- क्या कर रही हो जान?
मैंने कहा- कुछ नहीं … बस नंगी बैठी हूँ तुम्हारे पापाजी की गोदी में!
पापाजी ये बात सुनकर चौंक गए।
पति हंसने लगे, बोले- अच्छा फिर बताओ पापाजी का लंड बड़ा है या मेरा?
मैंने कहा- पापाजी का लंड आपसे ज्यादा मोटा है।
पति फिर हंसने लगे, बोले- बहुत मजाक हो गया। वैसे आज रात मछली बना लेना।
मैंने कहा- ठीक है।
फिर पति ने कॉल कट कर दिया।
पापाजी बोले- ये कैसी बातें करते हो तुम दोनों?
मैंने कहा- आपका बेटा ही करता है। वैसे लगता है कि हमारी बात सुनके आपका लंड भी खड़ा हो गया है।
पापाजी बोले- बहू, अब बर्दाश्त नहीं होता है यार!
तो मैंने कहा- आपको रोका किसने है?
पापाजी बोले- जाओ कंडोम ले आओ!
मैंने कहा- पापाजी, आप मेरे हो और आपके साथ चुदाई में मुझे कंडोम की जरुरत नहीं।
पापाजी बोले- बहू, अगर तुम प्रेग्नेंट हो गयी तो प्रॉब्लम हो जाएगी।
मैंने कहा- मैं तो चाहती हूँ कि मेरा पहला बेटे आपसे हो। वैसे भी आपके नालायक बेटे से तो कोई उम्मीद नहीं है। वैसे भी खून तो एक ही है!
पापाजी ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और वहीं बैठे बैठे मेरी चुदाई शुरू कर दी।
मैं जानती थी मेरे पति सब देख रहे थे और मज़े भी ले रहे थे। मुझे भी इस बात की खुशी थी कि पति की वजह से मुझे एक लंड घर में ही मिल गया।
ससुर बहू की यह दूसरी चुदाई 20 मिनट चली। फिर पापाजी मेरी चूत में ही झड़ गए। उनका लंड अभी भी मेरी चूत में था।
पापाजी बोले- बहू, तुमने मेरी लाइफ कम्पलीट कर दी है।
मैंने पापाजी से कहा- वैसे पापाजी, मम्मी के बाद में फर्स्ट लेडी हूँ या और भी थी?
पापाजी हंसने लगे, बोले- तुम्हें क्या लगता है?
मैंने कहा- आपकी चुदाई देखकर लगता है कि मैं पहली तो नहीं हूँ।
पापाजी बोले- बहू, बस एक सेक्स ऐसी चीज है जिसके बिना इंसान रह नहीं सकता है। वैसे सच ये है कि तुमसे पहले भी कई औरतों को चोद चुका हूँ।
मैंने कहा- किस किस को पापाजी?
वो बोले- कुछ कस्टमर की वाइफ थी और एक हमारी फैमिली से है।
मैंने पूछा- फैमिली में कौन है?
पापाजी बोले- तुम्हें वो पार्टी वाली बुआ याद है?
मैंने कहा- हाँ याद है।
“बस उसकी बहू को चोदता हूँ यार!”
अपने ससुर जी की यह बात सुनकर मैं समझ गयी थी कि ये बहुत बड़े चोदू हैं।
फिर पापाजी मुझे उठाके बाथरूम में ले गए, वहाँ हम दोनों ने शावर लिया और एक बार और चुदाई की।
फिर हम दोनों ने लंच किया। पापाजी ने मुझे पूरे दिन नंगी रखा। लंच के बाद पापाजी मेरे रूम में ही सो गए। शाम 6 बजे मेरी आँख खुली तो पापाजी सो रहे थे और उनका लंड खड़ा हुआ था।
मैंने उसे किस करके पापाजी का उठाया। पापाजी ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और बोले- बहू, मुझे आज रात तुम्हारी चुदाई करनी है।
तो मैंने कहा- मैं आ जाऊंगी।
पापाजी बोले- और अभिजीत का क्या करोगी?
मैंने कहा- वो जब सो जायेंगे, तब आऊंगी। वैसे भी वो रात में कभी नहीं उठते हैं।
पापाजी ने मुझे किस किया और रूम से चले गए। फिर मैंने अपने कपड़े पहन लिए और घर के सारे काम करने लगी।
फिर थोड़ी देर में पति आ गए और हम सबने शाम की चाय पी। पापा जी अभी भी मुझे घूर रहे थे। मेरे पति रूम में चले गए और पापाजी मुझे वहीं किस करने लगे। मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी।
तभी पति के आने की आहट से पापाजी अलग हो गए। फिर थोड़ी देर में पति मुझे रूम में ले गए।
मैंने पति से पूछा- कैसा लगा दिन में चुदाई देखकर?
मेरे पति बोले- मुझे तो यकीन नहीं हुआ कि पापा इतने ज्यादा एक्सपीरियंसड होंगे। वैसे आज रात भी तुम उनसे चुदाई करवाओगी।
मैंने कहा- हाँ!
पति बोले- ठीक है, मगर यह चुदाई मैं लाइव देखूंगा।
मैंने कहा- कैसे देखोगे?
पति बोले- पापाजी को गेस्ट रूम में लेकर आना। वहां मैं खिड़की से सारी चुदाई देख लूंगा।
मैंने कहा- ठीक है।
फिर रात के खाने के बाद मैंने पति से पूछा- क्या पहन कर जाऊं यार आज?
तो पति ने मुझे एक स्टॉकिंग पहनने के लिए कहा और कहा- ये पूरी फाड़ के चुदाई करवाना!
12 बजे रात मैंने पापाजी को मैसेज किया और उन्हें गेस्ट रूम में बुलाया। मेरे पति पहले से ही गेस्ट रूम की खिड़की पर आ गए थे। फिर थोड़ी देर में पापाजी भी रूम में आ गए। मुझे इस सेक्सी स्टॉकिंग में देखकर पापाजी का लंड उनके अंडरवियर में खड़ा हो गया था।
तभी पापाजी मुझे किस करने लगे। पापाजी का किस बहुत डीप था उनकी जीभ मेरे मुँह में घूम रही थी और मैं उनके लिप्स चूस रही थी।
पापाजी बोले- बहू आज तो तुम एकदम क़यामत लग रही हो!
मैंने कहा- पापाजी, सब आपके लिए है।
मेरे ससुर के हाथ बहू की गांड को दबा रहे थे और बाहर पति अपने लंड हिला रहे थे। फिर पापाजी ने मुझे नीचे झुका दिया और मेरी स्टॉकिंग उतारने लगे।
मैंने कहा- पापाजी उतारो मत, फाड़ दो इसे!
पापाजी ने वैसे ही किया। उन्होंने मेरी स्टॉकिंग पीछे से फाड़ दी। अब मेरी गांड पूरी खुल गयी थी।
फिर पापाजी ने पीछे से ही मेरी गांड में अपना मुँह लगा दिया और मेरी चूत चाटने लगे। मैं आगे झुकी हुई आहें भर रही थी और पापाजी मेरी चूत चाट रहे थे।
पापाजी बोले- बहू मज़ा तो आ रहा है ना?
मैंने कहा- पापाजी बहुत मज़ा आ रहा है। इतना मज़ा तो अभिजीत ने भी कभी नहीं दिया।
फिर पापाजी ने 10 मिनट मेरी चूत चाटी और मेरा पानी निकाल दिया।
अब पापाजी बेड पर बैठ गए और मैंने उनका अंडरवियर निकाल दिया। पापाजी ने भी मेरी ब्रा निकाल कर फेंक दी। अब मैं सिर्फ फटी हुई स्टॉकिंग में उनके सामने थी। मैं पापाजी का लंड चूसने लगी। पापाजी का लंड मैं बार बार थूक लगाकर गीला कर देती और अपने मुँह से निकल देती ताकि मेरे पति उसे देख सकें। मेरे पति भी मुझे ऐसा करते देख रहे थे।
फिर पापाजी बोले- बहू, मेरा बेटा सो गया था क्या? आज उसने तुम्हारी चुदाई नहीं की?
मैंने कहा- वो बहुत कम ही चुदाई करते हैं पापाजी। इसीलिए तो मेरी चूत अभी भी टाइट है।
पापाजी बोले- चिंता मत कर बहू! उसे सोने दे। अब से मैं तेरी चूत का ख्याल रखूँगा और एक महीने में इसकी पूरी चुदास निकाल दूंगा।
ससुर जी का लंड चूस के मैं उनके ऊपर आ गयी और किस करने लगी। फिर पापाजी ने मुझे लिटा दिया और मेरी कमर के नीचे तकिया रख दिया और मेरी चूत अब ऊपर आ गयी।
पापाजी बोले- बहू, तेरी चूत सच में बहुत अच्छी है एकदम चिकनी और गोरी … मन करता है इसे हमेशा चूसता रहूँ।
मैंने कहा- आज से ये चूत और मैं आपकी हूँ। जब आपका मन हो मुझे नंगी करके चोद लेना आप!
फिर मैंने पापाजी से कहा- क्या मैं आपको आपके नाम से बुला लूं?
तो पापाजी बोले- बहू, ये सही नहीं है। अगर मेरे बेटे के सामने गलती से ऐसा हो गया तो वो शक करेगा।
मैंने मन में सोचा ‘पापाजी कहाँ जानते हैं कि उनके बेटे ने ही मुझे उनके लंड के नीचे लिटाया है।’
पापाजी बोले- वैसे भी जब तू मुझे बोलती है ‘और जोर से करो पापाजी’ तो मुझे और ज्यादा मज़ा आता है।
मैंने कहा- फिर देर किस बात की पापाजी? अब घुसा दो ये मोटा मूसल लंड मेरे चूत में!
फिर पापाजी ने अपना लंड मेरी चूत घुसा दिया और हल्के हल्के धक्के लगाने लगे। मैं भी अब मोअन कर रही थी और ‘जोर से पापाजी … तेज तेज धक्के मारो पापाजी!’
मेरी बातों से और ज्यादा तेज से धक्के लगाने लगे और थोड़ी देर में मेरी चूत ने ढेर सारा पानी निकाल दिया। मगर पापाजी अभी भी लगे हुए थे।
फिर पापाजी ने अपने अंडरवियर से मेरी चूत का पानी साफ़ किया, मुझे कुतिया बनाया और पीछे से मेरी चूत में लंड डाल दिया और मेरी चुदाई करने लगे। पापाजी किसी पोर्नस्टार की तरह मेरी चुदाई कर रहे थे।
तभी पापाजी ने मेरी गांड में एक उंगली डाल दी और उसे अंदर बाहर करने लगे। मेरा मज़ा और ज्यादा हो गया था।
पापाजी बोले- बहू, कभी गांड में लंड लिया है?
मैंने कहा- पापाजी, बस आपके बेटे का लिया। अगर आप चाहें तो आप भी कर लेना!
पापाजी बोले- इस राउंड के बाद वहीं करूँगा।
मेरे ससुर के धक्के मेरी चूत में तेज होते चले गए और थोड़ी देर में उनका माल भी मेरी चूत में निकल गया।
फिर हम दोनों लेट गए।
पापाजी बोले- बहू। सच में रात में सेक्स का अलग ही मज़ा है।
मैंने कहा- हां पापाजी … और खासकर चुदाई करने वाला आप जैसा हो तो क्या बात है!
पापाजी बोले- बहू, अब तो हर दिन रात तुम्हारी चुदाई पक्की है।
मैंने पापाजी से कहा- अगर हो सके तो हम दोनों हनीमून पर चलें?
पापाजी बोले- चल तो सकते हैं अगर मेरा बेटा न हो घर में!
तो मैंने कहा- वो तो वैसे भी कहीं जाने वाले हैं। तो क्यों ना हम दोनों भी हनीमून पर मौज करके आते हैं।
पापाजी बोले- ठीक है बहू … मगर जाओगी कहाँ?
मैंने कहा- पापाजी आप बताओ?
पापाजी बोले- गोआ चलते हैं, वहाँ तुम्हें बिकिनी में भी देखूंगा।
मैंने कहा- जरूर पापाजी!
फिर पापाजी का लंड दुबारा खड़ा हो गया और मैं उसे चूसने लगी।
पापाजी बोले- बहू, थोड़ा घी ले आओ वरना तुम्हें दर्द होगा।
मैं जाकर घी ले आयी।
फिर पापाजी ने ढेर सारा घी अपने लंड पर लगा लिया और थोड़ा घी मेरी गांड के छेद पर लगाकर उसमें 2 उंगली घुसा दी। फिर उंगली अंदर बाहर करने लगे। जब मेरी गांड में चिकनाहट सही हो गयी तो उन्होंने अपना लंड मेरी गांड में घुसा दिया।
मेरी तो चीख निकल गयी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
पापाजी बोले- बहू, बस हो गया … थोड़ी देर में सही हो जायेगा।
फिर पापाजी हल्के हल्के मेरी गांड में धक्के लगाने लगे और कुछ टाइम बाद मुझे भी सही लगने लगा तो पापाजी ने अपने धक्के तेज कर दिए।
हर थोड़ी देर बाद पापाजी अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाल देते थे और मेरी गांड को देखते थे।
मैंने पापाजी से पूछा- क्या देख रहे हैं पापाजी बार बार?
वो बोले- बहू तुम्हारी गांड का छेद बड़ा हो गया है।
अब मैंने कहा- वो तो होना ही था पापाजी। आपका लंड कौन सा कम मोटा है।
फिर पापाजी ने 20 मिनट मेरी गांड मारी और अपना माल मेरी गांड में ही निकाल दिया।
मैंने टाइम देखा तो 2 बज रहे थे। मैंने कहा- पापाजी अब चलें रूम में?
पापाजी बोले- बहू, आज मेरे साथ ही सो जाओ।
फिर मैंने कहा- आप अपने रूम में चलो, मैं आपके सुपुत्र को चेक करके आती हूँ।
मैंने बाहर देखा तो वहाँ अभिजीत नहीं थे। पापाजी अपने रूम में चले गए और मैं अपने रूम में गयी तो पति मुझे देखकर बहुत खुश हुए। मेरे बूब्स पर पापाजी के दांतों के निशान थे। मेरी जाँघों और मेरी चूत पर पापाजी का माल लगा हुआ था।
पति ने मुझे डोगी स्टाइल में खड़ी कर दिया और मेरी गांड को देखने लगे। मेरी गांड का छेद अभी भी बहुत खुला हुआ था।
मेरे पति बोले- आज से मैं तुम्हें मम्मी बुलाया करूँगा।
मैंने कहा- ठीक है। और मैं आपको बेटा बोला करुँगी।
पति बोले- मम्मी, पापा ने तो आपकी रगड़ के चुदाई करी है।
मैंने कहा- हाँ बेटा, बहुत जोर से वैसे आपकी मम्मी आपके पापा के साथ सोने जा रही है। आप सो जाओ।
फिर मैंने पति को एक किस किया और मैं पापाजी के रूम में चली गयी, वहाँ जाकर हमारे बीच एक बार और चुदाई हुई फिर हम दोनों सो गए।
सुबह को मैंने पति को हनीमून वाली बात बताई तो वे बोले- चली जाओ, मैं भी तुम्हारी बहन के घर जा रहा हूँ। तुम्हारे जीजा जी भी कहीं बाहर गए हुए हैं।
फिर अगले हफ्ते मैं और पापाजी हनीमून पर गोआ चले गए और वहाँ हम दोनों ने बहुत चुदाई की।
गोआ से वापस आयी तो मुझे पता चला कि मैं प्रेग्नेंट हूँ। मैंने पति को भी ये बात बताई तो बोले- बधाई हो मम्मी, मेरा छोटा भाई आ रहा है।
फिर मैंने पापाजी को ये बात बताई तो वो भी बहुत खुश हुए।
आज इस बात को 2 साल हो चुके हैं और मैं पापाजी के बच्चे की माँ बन चुकी हूँ। मगर पति और पापाजी की चुदाई में कोई कमी नहीं हुई है।
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