Skip to main content

सोते पति के सामने भाभी की चुत चुदाई- 3

 दोस्तो, कहानी के पीछे भाग में आपने जाना था कि भाभी मुझे बता रही थीं कि उन्हें एक मर्द की तलाश थी जो उन्हें रगड़ कर चोद सके. वो मुझे उस मर्द के रूप में काफी दिनों से ताड़ रही थीं.
मैंने उनकी सब बातें सुनी और उनसे कुछ सवाल करने का सोचा.

फिर मैंने भाभी से पूछा कि आपने जब मेरा लंड अन्दर लिया तो क्यों रो रही थीं. क्या आपके पति ने आपको कभी नहीं चोदा था या उनका लंड छोटा था.

उन्होंने अपने पति को जवाब से अलग करते हुए मुझे बताया कि शुरू के 2 मिनट बाद से … जब तुम्हारा लंड चुत के अन्दर तक गया. उस समय मेरे पेट के अन्दर मुझे दर्द होने लगा था और मैं तभी से रो रही थी.

भाभी के जवाब से मुझे पता चला कि अपने लौड़े ने तो भाभी के पेट के अन्दर तक खलबली मचा दी.

मैंने उनसे फिर से उनके पति के साथ हुई चुदाई के लिए पूछा.

तो भाभी बोलीं- मैं बहुत दिनों बाद एक मजबूत और कड़क मर्द से मिली हूँ. शादी के बाद अनिकेत ने मेरे साथ कुछ खास नहीं किया. आज मैं बहुत खुश हूं क्योंकि तुम मेरे लिए सही मर्द हो. बस मैं अनिकेत के लिए इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहती हूँ. उसे इस समय याद करके मैं अपना मजा खराब करना नहीं चाहती हूँ.

मैं इस वक्त अन्वेषी भाभी के चेहरे पर एक अगल ही सुख देख रहा था.

अब मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में करके कुछ मिनट तक चोदा, फिर दीवार से लगा कर भी चुदाई की और इसके बाद भाभी के पैर हवा में करके चुदाई की.

ऐसे भाभी को काफी देर तक चोदने के बाद मैंने अपने लंड का पूरा पानी अन्वेषी भाभी की चूत में ही निकाल दिया.

इसी बीच भाभी भी दो बार झड़ चुकी थीं. हम दोनों ही काफी थक गए थे तो यूं ही नंगे लिपट कर सो गए.

सुबह अन्वेषी भाभी ने उठते ही मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया और लंड को कड़क करके उसके ऊपर चढ़ गईं.

मैं भी उनकी चुत में लंड का मजा लेने लगा. देर तक भाभी मेरे लंड पर उछलती रहीं.
इस बार पता नहीं भाभी ने क्या खाया था कि उन्होंने मेरे लंड को पछाड़ दिया और मुझे झड़ने पर मजबूर कर दिया.
मगर तब भी भाभी नहीं रुकीं.

जब मेरी हिम्मत टूट गई तो मैंने उनको रोका.
उन्होंने अपने हाथों से मुझे मना कर दिया और बोलीं- बस कुछ मिनट और दम साध लो … मैं भी आने ही वाली हूँ.

इधर मैं काहे की दम साधता, मैं तो झड़ ही चुका था.
वो मुझे किस करने लगीं और पांच मिनट तक लंड पर उछलती रहीं, फिर वो भी झड़ गईं. उनका पानी और मेरा पानी दोनों मिल चुके थे जो मेरे लंड और उनकी चुत को लिसलिसा कर रहा था.

फिर करीब एक घंटे तक मैं भाभी के बाजू में लेटा रहा.
सुबह 9 बजे के पहले में अपने रूम पर आ गया.
मेरे जाते ही भाभी का बेटा सोम भी जाग गया.

उसी दिन अनिकेत 3-4 दिन की छुट्टी लेकर घर आ गया.

उस दिन अन्वेषी रात की चुदाई की वजह से अच्छे से चल नहीं पा रही थी, फिर भी भाभी ने हिम्मत बांध कर अनिकेत को कुछ महसूस नहीं होने दिया.

अगले दिन रात में भाभी ने अनिकेत को दारू पिला कर उससे खुद को चुदवाया.
उस चुदाई में अनिकेत ने करीब दस मिनट तक अन्वेषी की चुदाई की और अनिकेत झड़ गया. उस दिन अनिकेत ने इतनी दारू पी ली थी कि वो तुरन्त ही गहरी नींद में सो गया.

उसी समय भाभी ने मुझे मैसेज किया कि अभी घर आ जाओ.
मैंने पूछा- क्यों?
भाभी ने बोला- ये तो कुछ ही मिनट में करके झड़ गया और सो गया. मैं यहां गर्म हुई पड़ी हूँ.

मुझे एक डर सा लगा. मैंने कहा कि अनिकेत जग गया तो मैं तो भाग कर आ जाऊंगा, मगर आप फंस जाओगी. फिर मुझसे कुछ मत कहना.

वो कहने लगीं कि यदि उसने देख लिया और ज्यादा कुछ कहा, तो साले से तलाक ले लूंगी, लेकिन तुम जल्दी से आ जाओ, मैं तुम्हारी गारंटी लेती हूं … तुम्हें कुछ नहीं होगा.

भाभी जानती थीं कि वो नहीं जागेगा, इसका मतलब भाभी ने दारू में कुछ मिला दिया था.

मैं भाभी के घर गया, भाभी ने दरवाजा खोल कर रखा था.

मेरे आते ही भाभी मुझे उसी रूम में ले गईं जहां अनिकेत सो रहा था.

भाभी ने देर न करते हुए मेरे लंड को निकालकर चूसना शुरू कर दिया.

लंड तन कर घोड़ा हो गया, तो वो कहने लगीं कि ज्यादा समय नहीं है जानू, तुम जल्दी मेरी आग शांत कर दो.

मैं भी आज में सेक्स टाइम बढ़ाने वाली टेबलेट खा कर आया था.

अन्वेषी भाभी उसी बेड पर लेट गई. मैंने लंड को चूत पर रखकर भाभी को चोदना शुरू किया.
वो ‘आह आह आ ईई आराम आराम से करो ..’ करने लगीं.

मैंने एक हाथ उसके मुँह पर रखा ताकि अन्वेषी भाभी आवाज ज्यादा न निकाल पाएं.
चुदाई तेज हुई तो धक्कों की वजह से बेड हिलने लगा था लेकिन इससे अनिकेत पर कुछ असर नहीं हो रहा था.

कुछ समय बाद अनिकेत करवट बदलने लगा, तो मुझे अन्वेषी भाभी के पीछे लेटना पड़ा और रुकना पड़ा.

अब मेरी स्थिति तो ‘फ़टे में टांग ..’ की तरह सी थी.

यदि अनिकेत जाग गया तो मैं तो बिल्कुल बिना कपड़ों के उसकी पत्नी को चोदते पकड़ा जाता.
बस अच्छी बात ये थी कि कमरे में अंधेरा था.

भाभी मेरे लंड को अपनी गांड के छेद पर अच्छी तरह से महसूस कर रही थीं.
उसी स्थित में मैंने भाभी का एक पैर उठा कर लंड चूत में डालना चाहा लेकिन मेरा सिर ऊपर होने के करण में देख नहीं सकता था तो लंड को चुत के अन्दर डालने में सफल नहीं हुआ.

तभी अन्वेषी भाभी ने अपने हाथ से लंड को पकड़ कर अपनी चूत की फांकों में रखा और बोलीं- अब तुम जोर से डालो.

मैंने लंड चुत में पेला और बिना किसी परेशानी के भाभी को चोदने लगा.

जब जब मैं स्पीड बढ़ाता तो वो ‘अअ ईई ऊऊऊऊ ..’ करने लगतीं.
इससे हम दोनों फंस सकते थे.

इसलिए मैंने तेज तेज चुदाई करना उचित नहीं समझा और स्लोली स्लोली भाभी की चुत में लंड अन्दर बाहर करने लगा.

करीब दस मिनट बाद भाभी करवट लेकर मेरी तरफ मुँह करके लेट गईं.
मैंने भाभी को चित किया और उनके दोनों पैरों को ऊपर कर दिया.

अब भाभी के पैर मेरे गले पर थे. मैं लंड डालकर भाभी की चुत चोदने लगा.
आज की ये सारी पॉजिशन मैं सेक्स वीडियो में देखकर आया था.

मुझे भाभी की चुदाई करते वक्त एक पल के लिए लगा कि मैं जो ये सब कर रहा हूँ, शायद वो गलत है.
मुझे एक विवाहित जोड़े के बीच में नहीं आना चाहिए था.

लेकिन यार चूत एक ऐसी शै होती है, जो कुछ भी करवा सकती है.

मैं तो वैसे भी अन्वेषी भाभी के फिगर और मम्मों का दीवाना था.

मैंने भाभी के पैर नीचे किए और उनके ऊपर पूरा चढ़ कर डिप्स लगाने लगा.

वो अचानक उठते हुए मुझसे चिपक गईं तो मैं समझ गया कि भाभी झड़ने वाली हैं.

उन्होंने मुझे अपने सीने पर झुका लिया था; अपने एक हाथ से मेरे बालों कस कर पकड़ लिया था और दूसरा हाथ अपने मुँह पे रख कर एकदम मद्धिम आवाज में ‘अअह एईई ..’ करने लगीं.

मैं रुका नहीं … बस चुदाई में लगा रहा.
भाभी झड़ कर शिथिल हो गई थीं.

थोड़ी देर बाद मैंने भाभी अपने लंड का पानी उनकी चूत में छोड़ दिया और भाभी के ऊपर ही गिर गया.
मैं भी लस्त हो गया था. भाभी और में दोनों चिपके हुए लेटे थे.

मैंने भाभी के कान में कहा- अब मुझे जाना चाहिए.
भाभी ने कहा- अभी नहीं, अभी रुको … अभी तुम्हें एक बार और मेरी चुदाई करनी है. इस बार पीछे वाले छेद की भी आग बुझानी है.

मैं भाभी की गांड मारने का प्रलोभन नहीं छोड़ सकता था. अनिकेत के जागने का कुछ भय था मगर मैंने भी हिम्मत बांध ली.

करीब 30 मिनट तक हम दोनों यूं ही लेटे रहे और आराम आराम से बातें करते रहे.

अब भाभी ने समय न गंवाते हुए नीचे आकर मेरे लंड को मुँह में ले लिया और उसे चुभलाने लगीं.
अंत में उन्होंने लंड चूस चूस कर खड़ा कर ही दिया.

वो उठकर मेरे ऊपर आ गईं. मैं नीचे रहा.

भाभी चुत में लंड लेकर गांड उछालने लगीं, इससे फिर से बेड हिलने लगा.
उन्हें इस बात की मानो कोई चिंता ही नहीं थी. मगर मैं सोच रहा था कि भाभी का पति अनिकेत जाग सकता था.

कुछ देर बाद भाभी की गांड भी मारनी थी, जिससे तो उसका चिल्लाना पक्का था.

मैंने भाभी को गोद में उठाया और बगल वाले रूम में ले गया.
वहीं उसके बेटे सोम का झूला लगा हुआ था.

मैंने भाभी को झूले पर बिठाया और मैं जमीन पर खड़ा रहा. भाभी के दोनों पैर ऊपर हवा में किए और फिर से चुदाई शुरू कर दी.

मैं खड़ी पोजीशन में लंड लगाए हुए था. मैं पूरी ताकत से अपने हाथों से झूले को आगे पीछे करता, इससे भाभी भी पीछे आगे होने लगी थीं.
जब मेरी तरफ आतीं, तो मेरा लंड भी पूरी दम से चुत के अन्दर जाता.
अन्वेषी भाभी ‘अअअ ईई ..’ कर रही थीं.

कुछ देर झूला झुलाते हुए चोदा, फिर मैंने पोजीशन बदली.

उधर एक टेबल रखी थी तो मैंने अपने मोबाइल का कैमरा चालू करके वहीं रख दिया और एक 15 मिनट का राउंड टेबल के सहारे लगाया, जो सब मोबाइल में कैद हो चुका था.

अब बारी थी भाभी की गांड मारने की … जिसकी वजह से मैं रुक गया था.
मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और उनकी गांड के छेद पर लंड रखकर तेल लगा कर सुपारे से गांड की मालिश की.

भाभी को मजा आने लगा और जैसे ही उन्होंने अपनी गांड के छेद को ढीला किया, उसी वक्त मैंने लंड गांड के अन्दर पेल दिया.

वो तो ‘उइ उइ यय एई मर गई ..’ करने लगीं.

मैंने जोर लगा लगा के गांड में पूरा लंड डाल दिया. कुछ देर में गांड ने लंड आसानी से लेना शुरू कर दिया था.

मैं थोड़ी देर गांड मारता, थोड़ी चूत को चोदता. आज भाभी के अपनी फैंटेसी पूरी करने के चक्कर में आंसू निकल आए थे.

वो अब कहने लगी थीं- अब रहने दो … बस अब छोड़ दो.

मगर मैं कहां मानने वाला था. इस बार चुदाई में एक घंटे से ज्यादा हो चुका था.
भाभी भी तीन बार झड़ चुकी थीं.

मैंने कहा- आज मैं नहीं मानने वाला भाभी जी. आज आप मना मत करो, आज मैं फुल मूड में हूँ.

झटके दे देकर मैंने अन्वेषी भाभी की गांड मारी. उनका चेहरा लाल हो गया था और पीछे गांड भी लाल हो गई थी.

मैंने अंतिम बार लंड निकाला और चूत में पेला दिया. धकापेल चुत चुदाई की और अपना पूरा पानी भाभी की चूत में भर दिया.

इस वक्त बहुत रात हो चुकी थी. मैं उनको उठा कर दरवाजे तक आया. उन्होंने मुझे बाहर निकाला और दरवाजे बंद कर लिए.

मैं भी अपने रूम पर आ गया. वो भी अपने पति अनिकेत के पास पहुंच गई होंगी.

जब मैं कमरे में आकर लेट गया तो सोचने लगा.
मुझे खुद पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मैं एक ऐसी प्यासी औरत को चोद कर आया हूँ, जिसका पति बगल में सो रहा था. ये रात मेरी सबसे हसीन रात थी.

इतनी जोरदार चुदाई के बाद भाभी अगले दिन 12 बजे उठीं. उनके पेट में बहुत दर्द हुआ.
उन्होंने मुझे मैसेज किया और दर्द की दवा पूछी.
मैंने उन्हें बता दी तो शायद अनिकेत दवा ले आया.

चार दिन बाद अनिकेत चला गया और मैं फिर से भाभी की चुदाई का मजा लेने लगा.

भाभी हफ्ते में 3 दिन मुझे चोदने का मौका देने लगीं. साथ ही भाभी मुझे महीने में पांच हजार रूपए खर्चे के लिए देने लगी थीं.

भाभी का पति जब घर आता, तब वो भाभी को चोदता, जब अनिकेत बाहर रहता, तब मैं भाभी को चोदता. अधिकांशत: तो मैं भाभी को रात में ही चोदने जाता था. लेकिन अन्वेषी भाभी कभी कभी छुट्टी वाले दिन को दिन में भी बुला लिया करती थीं.

फिर लॉकडाउन लगा, तो अनिकेत 4 महीने तक घर नहीं आ पाया. इस बीच मैं भी घर न जा सका था, इधर मुम्बई में ही फंस गया था.
लॉकडाउन में मैंने भाभी के साथ जमकर मजे किए.

एक साल में मैंने अन्वेषी भाभी की चूत का भोसड़ा बना कर रख दिया. अब तो वो अनिकेत से ज्यादा मुझे चाहने लगी हैं और उनकी इच्छा है कि उनके दूसरे बच्चे का बाप मैं बनूं.

दोस्तो, ऐसी मस्त लाइफ के लिए मैं भगवान का शुक्रगुजार हूँ कि मुझे एक ऐसी शादीशुदा औरत मिली, जिसे चोदने की मेरी दिली ख्वाहिश थी, अब भाभी की ख्वाहिश में बन गया हूं.

Comments

Popular posts from this blog

Dost ne Maa ko choda photoshoot ke bahane

Mere parivaar mein main, mera chhoṭa bhai, maa aur pitaji hain. Mere pitaji dubai mein ek safai company mein kaam karte hain. Main graduation 1st year me hun aur mera chhota bhai 11vi class mein. Humari aarthik sthiti ke kaaran mere pitaji kadi mehanat karte hain aur parivaar se door Dubai mein rahte hain. Meri maa 40 saal ki hain. Meri maa ka naam Savita hai aur unk lambai 5 feet 5 inch hai. Wo gori hain lekin thodi moti hain. Unhein saadiyon kaa bahut shauk hai. Wo bistar par jaane se pehle nighty pahanti hain. Meri graduation ki wajah se humein shahar mein shift hona pada. Yahan hum ek apartment mein rahte hain. Ab kahani par aate hain, mere sabse achchhe dost ka naam Rajeev hai. Uske pita ji business karte hain aur wo bhi aksar school ke baad apne pitaji ki madad karta hai. Hum padhai ek saath karte hain. Ek din hum donon mere ghar par padh rahe the aur shaam ke kareeb 7 baje the. Meri maa hamesha shaam ko prarthana ke samay se pahle snaan karti hain. Prarthana karne ke baad maa hu...

Dost ne Maa ko choda photoshoot ke bahane 2

 Jaisa aapne meri pehli kahani mein padha ... ab aage Life achhe se chal rahi thi aur Rajeev mujhe nayi nayi ladkiyon se milwa raha tha, jinke hushn ka main bharpoor maza le raha tha. Photoshoot ko lagbhag 1 mahina ho gaya tha. Rajeev mere ghar roz aata tha par sirf padhai karke chala jata tha. Mummy uske aane ka badi besabri se intezaar karti rahti thi aur jab uske aane ka samay hota to wo usse pehle saj dhaj kar ready rahti thi, taki wo unhein dekhe. Par Rajeev apni padhai par concentrate kar raha tha. Ek din jab rajeev ghar aaya to mummy ne mujhe market se kuchh samaan lane ke liye bola. Mujhe unpar doubt tha isliye maine bahar jaane ka naatak kiya aur unke bed room mein chhup gaya. Jab unhein vishwas ho gaya ki main bahar chala gaya hoon to mummy ne Rajeev se poochha. Tumhein ho kya gaya hai? Tum aajkal mujhe avoid kar rahe ho. Kya ab main tunhein achchhi nahin lagti? Rajeev: Aisi baat nahin hai. Aap mujhe ab bhi utni hi pasand ho jitni pehle thi. Main abhi sirf apni studies pa...

प्लान दोस्त की माँ को चोदने का

 सोनू और मैं अच्छे दोस्त थे मुझे पता था सोनू भी मेरी तरह चूत का प्यासा है। हम दोनो ने कुछ कॉल गर्ल को भी चोदा है। अब तो रोज मुझे उषा आंटी को चोदने के सपने आने लगे। मुझे पता था सोनू अपनी माँ को चोदने नहीं देगा और आंटी भी ऐसी औरत नहीं है, तो मैंने सोनू को फंसाने कि सोची और उसे कहा कि मेरी माँ आ रही है और सीमा आंटी (मेरे दूसरे दोस्त कि माँ जो गावं में रहती है जिसे मैं पहले चोद चुका था) को बुला लिया… मैंने सीमा आंटी को पहले ही प्लान बता दिया था कि आप मेरी माँ है। फ़िर एक दिन सोनू मेरे से मिलने आया मैं जानबुझ कर थोड़ी देर के लिए बाहर गया और इसी बीच सीमा ने सारे घर में झाड़ू और पोछा लगाया जिससे उसके मस्त बोबे सोनू को दिखे। उसके बाद वो रोज आने लगा और माँ के शरीर के मज़े लेने लगा। एक दिन मैंने उससे कहा कि कल मैं अपनी गर्लफ़्रैन्ड के साथ मसुरीं जा रहा हूँ। अगले दिन सोनू घर आया और माँ से पूछा राहुल कहाँ है। तो वो बोली वो तो कहीं गया है। शाम तक आयेगा उस दिन मैंने माँ को कुछ इस तरह से तरिके बताये ताकी वो आसानी से माँ को चोद ले। पहले माँ ने उसके कपड़ो पर पानी डाल दिया, सोनू ने अपने कपड़े बदल लिए फ़िर म...