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प्लान दोस्त की माँ को चोदने का

 सोनू और मैं अच्छे दोस्त थे मुझे पता था सोनू भी मेरी तरह चूत का प्यासा है। हम दोनो ने कुछ कॉल गर्ल को भी चोदा है। अब तो रोज मुझे उषा आंटी को चोदने के सपने आने लगे। मुझे पता था सोनू अपनी माँ को चोदने नहीं देगा और आंटी भी ऐसी औरत नहीं है, तो मैंने सोनू को फंसाने कि सोची और उसे कहा कि मेरी माँ आ रही है और सीमा आंटी (मेरे दूसरे दोस्त कि माँ जो गावं में रहती है जिसे मैं पहले चोद चुका था) को बुला लिया… मैंने सीमा आंटी को पहले ही प्लान बता दिया था कि आप मेरी माँ है। फ़िर एक दिन सोनू मेरे से मिलने आया मैं जानबुझ कर थोड़ी देर के लिए बाहर गया और इसी बीच सीमा ने सारे घर में झाड़ू और पोछा लगाया जिससे उसके मस्त बोबे सोनू को दिखे। उसके बाद वो रोज आने लगा और माँ के शरीर के मज़े लेने लगा। एक दिन मैंने उससे कहा कि कल मैं अपनी गर्लफ़्रैन्ड के साथ मसुरीं जा रहा हूँ। अगले दिन सोनू घर आया और माँ से पूछा राहुल कहाँ है। तो वो बोली वो तो कहीं गया है। शाम तक आयेगा उस दिन मैंने माँ को कुछ इस तरह से तरिके बताये ताकी वो आसानी से माँ को चोद ले। पहले माँ ने उसके कपड़ो पर पानी डाल दिया, सोनू ने अपने कपड़े बदल लिए फ़िर माँ न

कल रात पापा के दोस्त ने मम्मी को चोदा दारु पार्टी के बाद

 दोस्तों कल ही दारु का दूकान खुला और मेरे यहाँ रंगरेलियां शुरू हो गई। कल रात को मेरे यहाँ दारु पार्टी थी क्योंकी कल से दारु मिलना शुरू हो गया था दिल्ली में। दोस्तों मेरे पापा ज्यादा नहीं कमा पाते है छोटा बिज़नेस है पर उससे सही तरीके से घर नहीं चलता है। शुक्र है सुनील अंकल का जो मेरे परिवार को हेल्प करते हैं। मम्मी जब भी पापा को ताने देती है तो यही कहती है देखो सुनील जी को कितना कमाते हैं तुम मुझे क्या देते हो ? वो अपने बीवी को ये देते हैं ऐसे खाते हैं ऐसे रहते हैं। ऐसे घूमने जाते हैं और आप क्या करते हो आप ना कुछ मुझे ला कर देते हो ना सही से हमलोग खाते हैं। रोजाना चर्चा सुनील अंकल का। धीरे धीरे मेरी माँ जो की अभी 36 साल की है बहुत ही हॉट और सेक्सी है वो सुनील अंकल को कुछ ज्यादा ही केयर करने लगी। मैं भी जवान हो रही हूँ मुझे भी पता है कौन किसपर मर रहा है और कैसे लाइन दे रहा है ये मुझे सब समझ आता है। सुनील अंकल तीन महीने से मेरे घर कुछ ज्यादा ही आने जाने लगे। पहले तो पापा को थोड़ा ख़राब भी लगता था पर लॉक डाउन में सुनील अंकल ही सहारा बने। क्यों की सुनील अंकल चूत के चक्कर में मेरा भी घर चलाने ल

माँ की चुदाई उनके दोस्त ने की

 दोस्तो, मेरा नाममनु है और अभी मैं इन्जनियरिंग कर रहा हूँ। यह बहुत पुरानी घटना है.कहानी जयपुर(राजस्थान) की है जहाँ मेरे मामाजी भी काम के सिलसिले में ठहरे हुए थे और उनके साथ उनका एक अच्छा दोस्त भी था जिनका नाम महेश था। वो मेरी माँ को अच्छी तरह से जानते थे और मेरी माँ भी उनको जानती थी.अक्सर मामाजी के साथ उनसे भी मिलना हो जाता था पर मैं उनके सम्बन्ध को नहीं जानता था। मेरी यह कहानी मेरी माँ और उन महेश अंकल की है। जब मैं छोटा था तब ‘संभोग’ के बारे में नहीं जानता था लेकिन आज इतना बडा हो गया हूँ तो सब समझ में आता है कि उस दिन मेरी माँ और वो अंकल क्या कर रहे.. सबसे पहले मैं आपको मेरी माँ और उन अंकल का परिचय कराता हूँ। मेरी माँ एक घरेलू महिला हैं.गोरा रंग.उस वक्त उम्र 24 साल थी.कद 5 फ़ुट 3 इन्च और अंकल की उम्र करीब 50 और 55 के बीच की रही होगी। तो अब यहाँ मेरी कहानी शुरु होती है। एक दिन मेरी माँ ने मुझसे कहा- चलो.मामाजी से मिलकर आते हैं। उनका घर एक घुमावदार टीले पर था और थोड़े कच्चे मकान भी थे आसपास। जब हम मामाजी के घर पहुंचे तो महेश अंकल ने दरवाजा खोला.उन्होंने अन्दर आने के लिये बोला। मुझे देख कर

Dost Ki Mammy Sang Bus Me Masti

 Mera name Vaibhav hai aur mai 20 saal ka hu.Mai Kanpur city mein rehta hu aur mujhe umeed hai ki yeh story aap logon ko psnd aaegi. Ye baat aaj se kareeban 6 mahine ki hai, jb mai aur mere dost Shivam ko apne BBA course ke phle saal ke final paper dene jaana tha. Uske pitaji bhi hamare saath jaane waale the lekin unko kuch kaam aa gya iss wajah se wo nhi jaa paye. Hum log har baar sleeper bus se hi travel krte the (to jo readers sleeper bus se travel kr chuke hai ya krte rhte hai ye story unko har baar bus mein baithne pe yaad aaegi). Bus mein seats full hone se mene ek lower single apne liye aur uske theek saamne waali ek upper double book krwayi thi. Mai apna samaan leke bus stand pahucha to mene dekha ki Shivam ke pair mein chot lagi hai aur ek kaccha plaster bhi bandha hai aur uske saath ek halke gore rang ki aurat khadi hai. Mai uske pass pahucha to mujhe pta chla ki uska Scooty se accident ho gya tha aur hairline fracture hua hai pair mein aur uske Papa ki jagah uski mummy usse

भाभी की चुदाई दूधवाले से करवा दी

 ये सेक्स कहानी दो साल पुरानी है, जब भाई की वाइफ यानि भाभी मेरे घर दस दिन के लिए आई थीं और मैंने अपनी भाभी की चुदाई दूधवाले भैया से करवा दी थी। हम दोनों ननद भाभी आपस में एकदम खुली हुई थी तो बस बैठ कर सेक्स के विषय में बातें कर रहे थे। भाभी बोलीं- यार तूने कहा था कि तेरे दूधवाले का बहुत बड़ा है … मुझे भी मिलवा दे उससे … अब तेरे भैया में पहले जैसा दम नहीं रहा। मेरी भाभी की इतनी कामुक बातों को सुनकर आपका लंड खड़ा हो गया होगा। तो चलिए पहले आप सभी से भाभी का परिचय करवा देती हूँ … बल्कि आप खुद ही भाभी से उनका परिचय ले लीजिएगा। नमस्ते दोस्तो … मेरा नाम मोहिनी है। मेरा ये नाम बदला हुआ है। मेरी उम्र 27 साल की है, वजन 56 किलो है, हाइट 5 फिट 6 इंच है। मैं देखने में बहुत गोरी हूँ। फिगर साइज़ 34-29-37 का है। अब तक में 9 लोगों से चुदाई करवा चुकी हूँ और दसवां लंड अनिषा के घर पर दूधवाले का लेने वाली हूँ। दूध वाले का लंड 9 इंच लम्बा था। मैंने उसे कैसे पटाया था, ये सब आपको इस सेक्स कहानी में बताऊंगी। पति को कुछ काम से बाहर जाना था … और सास ससुर जी रिश्तेदार के घर पर गए हुए थे। वो भी 10-12 दिन बाद ही आने

नेता की बीवी की चूत चुदाई- 3

 हैलो फ्रेंड्स, मैं यतीन्द्र एक बार फिर आपको सलोनी भाभी की चुदाई की कहानी के तीसरे भाग को लेकर हाजिर हूँ। कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि मैंने भाभी को नंगी कर दिया था और उनकी मालिश का मजा ले रहा था। अब आगे : मैंने अपने तेल से सने हाथों को अपने पेट पर रगड़ दिया और भाभी के पेट के दोनों तरफ अपने घुटने रख कर बैठ गया। फिर मैं झुक कर सलोनी भाभी के एक चूचे को चूसने लगा और दूसरे के निप्पल को अपनी दो उंगलियों के बीच में हल्के से दबाते हुए पूरे हाथ से दबाने लगा। इससे सलोनी भाभी बहुत गर्म हो गईं और पागलों की तरह मेरे बालों में हाथ डाल कर मेरे सर को अपने मम्मों पर दबाने लगीं। मैंने 10 मिनट तक सलोनी भाभी के चुचे चूस चूस कर लाल कर दिया। भाभी के चूचों का लिसलिसा सा रस पीते हुए मैंने उनके भूरे रंग को निप्पल को गुलाबी कर दिया। सलोनी भाभी ‘आह … आह … और इस्स ।।’ की आवाजें निकालते हुए पागल होने लगीं और बोलीं- यार, तू इस खेल में पूरा जादूगर है। मैं सलोनी के पेट पर चुंबन करते हुए नीचे की तरफ बढ़ने लगा और चुत के पास अपने होंठों से फूंक मार कर सलोनी भाभी को तड़पाने लगा। फिर मैं नीचे हुआ और उनके पांव के

नेता की बीवी की चूत चुदाई- 2

 दोस्तो, मैं आपका दोस्त यतीन्द्र एक बार फिर आपको अपने स्टूडेंट की मम्मी सलोनी भाभी की चुत चुदाई की कहानी के सागर में डुबोने आ गया हूँ। स्टोरी के पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि मैं भाभी से पूछ रहा था कि उनकी और उनके पति के बीच चुदाई कितने अंतराल में होती है और वो मुझे सीधी बात न बता कर गोल मोल बातें कर रही थीं। मैंने उनसे आग्रह किया कि प्लीज़ आप अपने पति के साथ सेक्स के बारे में बताएं। तो उन्होंने मुझे बताया कि हम दोनों 15-20 दिन के औसत से ये सब करते हैं। पर कभी कभी 2 महीने तक का भी अंतर बन जाता है। अभी मुझे डेढ़ महीने से ऊपर हो गया है। मैंने उनसे आगे पूछा- क्या अभी तक कभी भी अपनी चुत नहीं चुसवाई है? इस पर भाभी शर्मा गईं और बोलीं- नहीं, मैंने बोला तो है कि वो गंदी जगह होती है। मैंने बोला- आप अभी स्नानघर में जाकर अपनी चुत साबुन से धोकर आइए, मैं आपकी चुत चूसूंगा, फिर देखिए आपको कितना अच्छा लगेगा। इस पर उन्होंने अपने दोनों हाथों से अपना मुँह छुपा लिया और बोलीं- तुम बहुत हॉट हो यार ।। अभी भी तुम्हारी पेंट में तंबू बना हुआ है। इस पर मैंने अपना खड़ा लंड देखा और भाभी हंसने लगीं। मैंने बोला- भाभी, आ

नेता की बीवी की चूत चुदाई- 1

 मेरा नाम यतीन्द्र सिंह है। मेरी उम्र 26 साल है, लंबाई पूरी 6 फीट की और वजन 75 किलो है। मैं दिल्ली में रहता हूँ। यह स्टोरी मेरे और एक विवाहित महिला के बीच के संबंधों की है। मैं आशा करता हूँ कि आप लोगों को पसंद आएगी। बात आज से 3 साल पहले की है। तब मैं सरकारी नौकरी के परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखता हूँ। इसलिए मेरे घर वाले मेरा खर्च ज़्यादा दिनों तक नहीं उठा सकते थे। मैंने खुद अपना खर्च उठाने की सोच कर होम ट्यूशन देने की सोची। मैंने अपने इस काम के लिए विज्ञापन करने के लिए कुछ पर्चे छपवाए। मैंने और मेरे एक दोस्त ने मिलकर ये विज्ञापन बहुत सी जगह पर चिपकाए। अगले दिन मुझे एक महिला का फोन आया, जो अपने 8वीं कक्षा के बच्चे को मुझसे पढ़वाना चाहती थी। मैंने उनसे उनके घर आने के लिए कह दिया। उस महिला ने अपना पता मुझे दे दिया … फोन नम्बर तो आ ही गया था। अगले दिन मैं उस महिला के दिए हुए पते पर पहुंच गया। ये किसी राजनीतिक पार्टी के बड़े नेता का आलीशन बंगला था। यहां मेरी मुलाक़ात बच्चे के माता-पिता से हुई। उस बच्चे का नाम अरुण था। कुछ औपचारिक बातों के बात मैंने अ

सुपरवाईज़र की बीवी ने मेरे लंड से प्यास बुझाई

 मैं राज शर्मा हूं और गुड़गांव में एक कंपनी में काम करता हूं। मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. मुझे चूत मारने का कुछ ज्यादा ही शौक है. जिस कंपनी में मैं काम करता हूं वहां पर मेरे सुपरवाइजर से मेरी अच्छी बनती थी. उसको सभी खन्ना कहकर बुलाते थे. वो मेरे काम से हमेशा संतुष्ट रहते थे और कंपनी में हमेशा मेरी मदद करते थे। खन्ना जी की उम्र 45 साल थी। मैं एक दो बार उनके घर भी जा चुका था. इसलिए उनकी बीवी से भी मेरी थोड़ी जान पहचान थी. नायिका उसकी बीवी ही है जिसका नाम आपको कहानी में अंदर पता चलेगा. उसकी बीवी 35 साल की थी. उन पति पत्नी की उम्र में फासला थोड़ा ज्यादा था. बीवी तो उनकी मस्त माल थी. बड़े बड़े बूब्स, भारी गांड, गोरी त्वचा, 34-30-34 का फिगर. जिसको देखकर किसी का भी लंड मचलने लगे। जब वो चलती थी तो उनकी गांड ऐसे मटकती कि नज़र हटाने का मन नहीं करता था। खन्ना जी के घर में उनकी बूढ़ी मां और उनका एक बेटा था। बेटा स्कूल जाया करता था और उनकी माता जी की नजर बहुत कमजोर हो चुकी थी. उनको देखने में दिक्कत होती थी. वो किसी को ठीक से पहचान नहीं पाती थी. ज्यादा पास जाने पर ही पहचान पाती थी. एक दिन

पार्क में मिली लेडी को पटा कर चोदा

 मेरा नाम परम है, मैं चंडीगढ़ में रहता हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि आपको यह गर्म कहानी अच्छी लगेगी। यह हॉट आंटी चुदाई कहानी लॉकडाउन से पहले की है। मैं शाम को अक्सर पार्क जाया करता था, इस बहाने से घूमना भी हो जाता, साथ में मस्त मस्त आंटियों और भाभियों को ताकना भी हो जाता था। वहां पार्क में कुछ दिनों से एक मस्त आंटी घूमने आने लगी थीं। आंटी देखने में गोल मोल सी माल किस्म की आइटम थीं, पर उनकी उम्र 35-40 के आस-पास की थी। कसम से उनके बड़े बड़े तरबूज देख कर बार बार उनको देखने का मन करता था। वैसे भी मुझे गोल मटोल माल ताकना बहुत पसंद हैं। मोटे मोटे मम्मों हाथ में लेकर दबाने और चूसने का मज़ा ही अलग है। पार्क में जिस समय आंटी एक्सरसाइज़ करती थीं, तो उनकी छातियां ऐसी हिलती थीं, जैसे कोई मदमस्त हथिनी उछल रही हो। आंटी की कमर से लेकर पिछवाड़े तक वो कयामत ही कयामत थीं। दोस्तो, मैं मानता हूँ कि पतली कमर … पतली फिगर का अलग मजा है मगर मोटे और भरे हुए फिगर का मजा कुछ ज्यादा ही अलग होता है। कुछ दिन तक तो मैं आंटी को देखता रहा। फिर धीरे धीरे करके मैंने उनके पीछे जाकर उनके घर तक जाना शुरू कर दिया। आंटी रोज रोज