मेरा नाम है केशव, और मै एक बहुत ही दुःखी आत्मा हूँ। इस के बहुत से कारण है पर जो सबसे खास है, वो है मेरे माँ और पापा के रिश्तों में आ रही दिक्कत है।
अभी मेरी आयु २० वर्ष है, और जो कहानी मैं आज बताने जा रहा हूँ उसे बताने में कही न कही मुझे बहुत शर्म भी महसूस हो रही है। खैर ज्यादा बकवास न करते हुए सीधे कहानी कीर्ति ओर रुख करते है।
मेरी माँ का नाम दीपिका है, उनकी आयु ४२ वर्ष है, उनका रंग गोरा, कजरी बड़ी-बड़ी आँखे, बाई गाल पे एक काला तिल, और उनका सेक्सी फिगर साइज़ ३६-२८-३६ है।
उनके बड़े बड़े लंबे काले बाल है, और उनकी ऊँचाई ५’६ है। वो हमेशा साड़ी पहनती है, और वो देखने मे एकदम रूप की देवी है।
मेरे पापा का नाम संगत है, और उनकी आयु ४६ वर्ष है। उनका रंग साँवला, और बदन गठीला है उनकी ऊँचाई ५’११ है। उनके सामने से थोड़े से बाल झड़ गए है, पर किसी भी युवा नवजवान से वो कम नही लगते है।
बात आज से ३ वर्ष पुरानी है, मेरे पिता और माँ में अब लड़ाई बहुत ज्यादा बढ़ गयी थी। मेरे पापा ने शराब पीना भी शुरू कर दिया था, और माँ को शक़ था कि पापा का किसी दूसरी औरत के साथ चक्कर चल रहा है।
पर मुझे यही लगता था, कि माँ बेवजह ही पापा पे शक़ करती है। बहुत बार मैंने माँ और पापा कीर्ति लड़ाई के बाद माँ को समझाने कीर्ति कोशिश करी, कि ऐसा कुछ भी नही है आप बेवजह ही पापा पे शक़ करती हैं।
पर माँ ये सोचती है कि मैं पापा के गुनाहों को छुपाने में उनकी मदद कर रहा हूँ। कई बार मैंने देखा है कि माँ इस बारे में अपनी एक सहेली से भी बात करती है, और उनका नाम कीर्ति है।
वो माँ के कॉलेज कीर्ति दोस्त है, और उसका खुद का तो तलाक हो चुका है और अब वो माँ को भी भड़काती रहती है।
कीर्ति – क्या हुआ क्यू रो रही थी?
दीपिका – अरे नही ऐसी कोई भी बात नही है।
कीर्ति – अरे वाह क्या सही कोशिश करती है, झूठ बोलने की ही ही ही ही।
दीपिका – झूठ मैं क्यू झूठ बोलूँगी।
कीर्ति – अपनी आंखें देखी है, कोई भी बता देगा कि तू रो रही थी!
दीपिका – अरे यार क्या बताऊँ संगत का किसी से चक्कर चल रहा हैं।
कीर्ति – अरे ये मर्द सभी एक जैसे ही होते है।
दीपिका – मुझे उनके कपड़ो पे किसी के बाल और किसी और औरत की परफ्यूम की खुशबू आ रही थी।
कीर्ति – अरे तुझे तो मैंने पहले ही बोला था, कि संगत भी ऐसा ही हैं। पर तु नही मानी और मेरे सलाह भी नही मानी तूने अब भुगत।
दीपिका – यार तू ऐसा क्यों कहती है? अब मैं तेरी हर बात मानूँगी पक्का।
कीर्ति – पक्का ना?
दीपिका – हाँ पक्का यार!
कीर्ति – तो सुन मैं ये मानती हूं, कि जैसे के साथ तैसा ही करना चाहिए। ये मर्द अपनी ही भाषा समझते है, तू भी उसके साथ वैसा ही कर जैसा वो तेरे साथ कर रहा है समझी न?
दीपिका – मतलब?
कीर्ति – तू भी उसे धोखा दे, तब उसे पता चलेगा कि धोका खाके कैसा लगता है!
दीपिका – यार पर कुछ गड़बड़ हो गयी तो?
कीर्ति – देख पहली चीज़ कुछ भी गड़बड़ नही होगी, अगर तू सही से करेगी तो।
दीपिका – और दूसरी?
कीर्ति – तू मज़े कर लेना भई और क्या!
दीपिका – नही यार मुझे ये ठीक नही लग रहा है।
कीर्ति – जैसी तरी मर्ज़ी, अपना काम बताने का था सो मैंने बात दिया।
ये उनकी बातें मैंने छुप कर सुनी थी, मेरे तो होश ही उड़ गए थे ये सोच कर कि ये औरत मेरी माँ को बहका रही है। उस बदचलन औरत बनाने पे तुली है।
खैर आज फिर से माँ और पापा की लड़ाई हो गई थी। माँ बहुत उदास थी, तो उन्होंने अपनी सहेली कीर्ति को फोन किया और उनके पास अपना दुखड़ा रोने लग गयी, वो बोल रही थी।
दीपिका – तो कभी भी सुधारने वाले ही नहीं है, मेरी तो इस उम्र में जिंदगी बर्बाद हो गई है।
और भी बहुत कुछ मेरी माँ ने उसे कहा, और फिर मैंने देखा कि माँ अपने कमरे में जा कर सो गई है। मैं भी अपने कमरे में गया और पोर्न देखने लग गया।
फिर मैंने मज़े से मुठ मारी और सो गया। तकरीबन दो घंटे बाद मेरी नींद खुली, तो शाम के ६:३० बज रहे थे। मैने अपने रूम से बाहर निकल कर देखा, तो माँ एक बैग तैयार कर रही थी। शायद वो कहीं जाने की तैयारी कर रही थी।
मैं – माँ कहाँ जा रही हो?
माँ ने मुझसे झूठ बोला – अपने अपने दोस्त के यहां जा रही हूँ।
उन्होंने मुझे कसम दी, की मैं अब मैं उनके पीछे न जाऊ। पर मुझे जानना था कि ये कहां जा रही है, तो मैंने सोचा कि शायद वो कीर्ति आंटी के यहां जा रही है।
फिर भी मैंने उनका पीछा किया, क्योकि अभी पापा को ऑफिस से आने में ३ घंटे बाकी थे। तो घर से पहले माँ निकली फिर और मै निकला, उन्होंने घर के थोड़े दूर से एक ऑटो लिया।
फिर मै उनके पीछे बाइक से मुंह पे कपड़ा बांध कर लग गया, ताकि वो मुझे देख ना सके। क्योकि वो अगर मुझे देख लेती तो उन्हें बहुत बुरा लगता, की मैंने उनकी कसम का मान नही रखा है।
वैसे आप लोगो को बता दूं, कि मैं इन फालतू चिजो को नहीं मानता हूँ। इसलिए मैं उनका पीछा कर रहा था, और मुझे डर था कि वो कुछ गलत ना कर बैठे खुद के साथ।
उनका ऑटो सीधे रेलवे स्टेशन जा कर रुका, वो ऑटो से उतरी ऑटो वाले को पैसे दिए और टिकट काउंटर के तरफ चल पड़ी। मै भी उधर ही चल पड़ा, माँ ने जैसे ही टिकट लेकर प्लेटफार्म के तरफ बड़ी।
तो मैंने भी झट से प्लेटफार्म टिकट लिया, और मैं उनके पीछे हो लिया। शाम के ७ बज गए थे और इस समय यहां कोई ट्रेन भी नहीं आने वाली थी, वैसे भी यहां सिर्फ छोटी पैसेंजर ट्रेन ही रुकती थी और उसका भी टाइम रात १० बजे था।
मै तो ये सोच कर पागल हो रहा था, कि ये यहां पर कर क्या रही है। फिर मैंने सोचा शायद ये किसी का इंतजार कर रही होगी, फिर मैंने देखा कि उन्होंने ब्रिज से पटरी पार करी और वो दूसरे प्लेटफार्म में जा कर बेंच पर बैठ गई।
उन्होंने अपना बैग भी वही पर रख लिया, और अपना मोबाइल निकाल कर देखने लग गयी। मेरी नज़र वही पास में खड़े एक आदमी पे पड़ी, देखने में वो एक दम काला था।
उसकी बड़ी सी टोंद थी और उसके मुंह में तम्बाकू था। वो थोड़ा मोटा सा और उसकी उचाई लगभग ५’९ होगी। उसने ढीली नीली जीन्स के ऊपर एक काली टी शर्ट और उसके ऊपर खाकि कलर की शर्ट डाली हुई थी।
देखने मै वो कोई ऑटो वाला या कोई ड्राइवर जैसा लग रहा था, उसने माँ को अकेले देख कर सीधे साइड में आकर उनके पास में खड़ा हो गया।
वो पीछे से माँ घूर रहा था, पर माँ का पूरा ध्यान मोबाइल में ही था। फिर एक कुत्ते की आवाज़ से एकदम से माँ का ध्यान टूटा, वहां उनके सामने एक कुत्ता एक कूत्ती को पीछे से चोद रहा था।
माँ थोड़े देर तक उनको ही देखती रही, ये देख कर उस पास खड़े वाले आदमी ने सही मौका देख कर वो उनके बगल में बैठ गया। माँ का ध्यान अभी भी सामने चल रही चुदाई पर ही था।
उस आदमी ने माँ की तरफ देखा, फिर धीरे से उसने अपना एक हाथ माँ के कंधे पे रख दिया। मुझे लगा कि माँ अभी इसका हाथ झटक देगी पर उनका ध्यान अभी भी सामने ही था।
इस मौके का फायदा उठा कर, उस आदमी ने माँ के कंधे को धीरे से मसलना शुरू कर दिया। फिर उसने इधर उधर देखा, कि उसे कहीं कोई देख तो नहीं रहा है।
फिर उसने माँ के साड़ी के पल्लू को हल्का सा सरका के उनका कंधा मसलना शुरू कर दिया। पर माँ का ध्यान अभी भी उस आदमी पर नहीं था, या वो मज़े लेने लगी थी मुझे वहां दूर से कुछ समझ नहीं आ रहा था।
इसके बाद उस आदमी ने धीरे से अपने हाथ को थोड़ा नीचे किया, और इधर उधर देखते हुए माँ के बूब्स पे हाथ रख कर उसे धीरे से दबाने और सहलाने लग गया।
ये देख कर मुझे गुस्सा आया, पर फिर मुझे माँ की कसम याद आयी। जो मै तो नहीं मानता था, पर माँ जरूर मानती थी। तभी माँ का ध्यान सामने से टूटा और वो अपने साइड में उस आदमी को देख कर चौंक गई।
पर तब तक उस आदमी की हिम्मत बहुत बढ गई थी, वो अपने हाथ में माँ के बूब्स पकड़कर अच्छे से मसलने लगा था, माँ ने उससे कुछ बोला पर मै वो सुन नहीं पाया।
क्योकि तभी एक ट्रेन बड़ी रफ्तार से हमारे बीच से गुजरी। इसके बाद उस आदमी ने माँ के कान में कुछ कहा, तो माँ मना करने लग गयी। पर फिर उसने थोड़ा ताकत का इस्तमाल किया, और वो मेरी माँ को खींच कर ले जाने लग गया।
माँ भी उसके साथ धीरे धीरे जा रही थी। उस प्लेटफार्म के दूसरे तरफ खाली पटरी पे बस एक डिब्बा था। वो माँ को उसी तरफ ले गया, फिर उसने इधर उधर देखा और डिब्बे का गेट खोला और माँ का हाथ पकड़ कर उन्हें अंदर खींच लिया।
माँ भी उसके साथ अंदर चली गईं, उसने धीरे से दरवाजा वापस धकाया और अंदर चले गए।
मै इस समय ब्रिज के दूसरे तरफ ही खड़ा, वहां से सब कुछ देख रहा था। फिर वहां से सीधा उस डब्बे की तरफ मैं भागा, मै इतनी जल्दी में था कि मैंने ब्रिज का उपयोग भी नहीं किया।
वहां जा कर मैं देखने लगा, तो उन्होंने अंदर से सारी खिड़कियां बंद कर दी थी। फिर मै घूम कर दूसरी तरफ गया, तो देखा उस तरफ का एक दरवाजा खुला था।
तो मै बिना आवाज़ किए अंदर घुस गया, और जिधर वो थे उस तरफ जाने लगा। चूंकि वो लोग पहले गेट से घुस थे और मै तीसरे वो भी दूसरे तरफ से।
तो जब मैने उनको देखा तो मै चौक गया, उस आदमी ने माँ के सारे कपड़े उतार दिए थे। अब माँ बस पैंटी में थी, और वो माँ को किस करके उनके बूब्स को मसल रहा था।
फिर उसने धीरे से अपना मोबाइल निकाला और माँ से बोला – तुम्हारी एक दो फोटो ले लेता हूं, बाद में मुठ मारने के काम आयेगी।
माँ ने उसकी तरफ गुस्से में देखा तो वो बोला – चिंता मत करो ये बस मेरे लिए है, और इसमें तुम्हारी शकल भी नहीं दिखेगी।
तो माँ ने रिलैक्स वाली नज़रों से उसे देखा, फिर उस आदमी ने माँ की फोटो लेनी शुरु कर दी। करीब ८-१० फोटो लेने के बाद उसने धीरे से कैमरे को वीडियो मोड में बदल दिया, और वो माँ वीडियो बनाने लग गया।
माँ को शायद इस बात का पता नहीं था, कि उनकी चुदाई की वीडियो बन रही है। फिर उस आदमी ने झट से माँ कि पैंटी भी निकाल दी, और उनकी चूत को वो सहलाने लग गया।
शायद उसने इतनी गोरी चूत पहले कभी नहीं देखी थी, इसलिए उसने जल्दी से अपनी जीन्स नीचे करी और फिर चड्डी भी नीचे कर दी। मैने देखा की उसका लन्ड कमसे कम ८ इंच का था।
उसने झट से अपना लन्ड माँ की चूत पे टिकाया और कस के एक उसने जोरदार धक्का मारा। उसका लंड आधा अंदर चला गया था, पर माँ कि चीख निकल गई।
फिर उसने इधर उधर देखे बिना ही थोड़ा सा लंड बाहर खींचा, और कस कर एक और धक्का मार दिया। अब उसका पूरा लन्ड माँ की चूत में समा गया था।
माँ इस बार और जोर से चीखी, तो उस आदमी ने एक हाथ माँ के मुंह पर रख दिया और वो धक्के मारने लग गया। माँ के चेहरे पर दर्द साफ दिख रहा था, पर उस आदमी को इससे कोई लेना देना नहीं था।
वो बस धक्के मर रहा था, माँ की आह उह की आवाज डब्बे में गूंज रही थी। पर उस आदमी को बड़ा मज़ा आ रहा था, उसने स्पीड बड़ा दी और माँ अब एन्जॉय करने लग गयी थी।
वो भी मस्ती से आह उह कर के सिसकारी भर रही थी। इतने में मैंने देखा कि माँ ने कस के उस आदमी को पकड़ लिया है, और वो जोर जोर से आवाज करती हुई झड़ गई।
पर उस आदमी ने रफ्तार काम नहीं करी थी, वो तो बस थप थप की आवाज और माँ की चूड़ियों की खन खन की आवाज के साथ चुदाई की आवाज आ रही थी।
फिर उसने धीरे से माँ कि टांगो को मोड कर उनके दोनों एड़ी उनके कान पास पहुंचा दिया, और दोनों हाथ से माँ के दोनों हाथो के नीचे से उनके गर्दन के पीछे पकड़ कर वो उन्हें जोर जोर से पेलने लग गया।
माँ की चूत ने एक बार और पानी छोड़ दिया था, पर वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। इसी तरह उसने फिर बहुत बुरी तरह माँ को १० मिनट और चोदा।
फिर माँ की चूत में ही वो माँ के साथ झड़ गया। उसने लगभग २५ मिनट तक माँ को जम कर चोदा था। फिर वो माँ के ऊपर से उठा और अपने फोन से माँ की चूत कि फांके खोल कर माँ का और उसका वीर्य बाहर आते हुए वो वीडियो को पूरा कर रहा था।
शायद माँ बहुत थक गई थी, तो वैसे ही पड़े पड़े आंख बंद करके लेटी रही। उस आदमी ने माँ से कहा – कोई बात नहीं मेरी जान ऐसे यही आराम कर लो, यहां कोई नहीं आता है। और मै अब तुम्हारे लिए पानी लेकर आता हूं।
इसके बाद उसने अपने कपड़े पहने और गेट खोल कर वो बाहर निकल गया। मै भी उसके पीछे पीछे हो लिया, फिर मैंने देखा उसने उधर एक टी स्टॉल से पानी की १० वाली बोतल ली और वापस जाने लग गया।
मैने उसकी तरफ देखा और स्माइल दी, तो वो मुझे अचरज से देखने लग गया। फिर मैंने धीरे से उसको बताया, कि अभी वो उधर जो चुदाई कर रहा था मैंने वो देख ली है।
फिर वो और मै वही बेंच पर बैठ कर बात करने लगे, तब उसने बताया कि उसका नाम लाखन है और वो ऑटो का ड्राइवर है। उसने इस औरत को यहां स्टेशन पर इतनी जल्दी आते देखा, क्योंकि अभी यहां कोई भी ट्रेन बहुत दर तक नहीं आने वाली है।
तो मैंने सोचा कोशिश कर के देख लेता हूं, अगर इसकी चूत मारने मिल गई तो मज़ा आ जाएगा। और देखो मुझे तो मज़ा आ गया, साली सालो से नहीं चुदी थी।
उसकी चूत से खून आ गया था, इसलिए बाहर नहीं आ रही है क्योकि उसकी अभी हालत चलने वाली ही नहीं थी। फिर उससे मैंने वो वीडियो मांगी।
तो उसने मुझसे ५० रुपए लिए और वो वीडियो दे दी। तो मै बोला – अब तुम इस वीडियो से उस औरत को ब्लैकमेल करोगे क्या?
वो – अगर जरूरत पड़ी तो करूंगा नहीं तो बेच दूंगा, मेरा एक इंटरनेट कैफे वाला दोस्त है जो ऐसे वीडियो को इंटरनेट पर डालता है और पैसे कमाता है।
और वो मुझे बता रहा था, कि मेरे जैसे काले आदमी जब ऐसी गोरी चिठी माल चोदते है, और जैसे मैने चोदा है ऐसे चोदते है तो वो वीडियो बहुत ही ज्यादा डिमांड वाली होती है।
मैं – वैसे अब तक कितनो को तूने ऐसे चोदा है?
वो – मैंने बहुतों को चोदा है, और मेरे पास बहुत सारी वीडियो भी है। पर इसको चोदने में मुझे आज बहुत मजा आया है।
मैं – अब क्या करोगे?
तो उसने जो बताया, उसे सुन कर मेरे होश उड़ गए।
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