मै परिणिति, पुणे की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र लगभग 28 साल है, और मेरी शादी हो चुकी है। शादी से पहले मै दिखने में बहुत ही हॉट और सेक्सी थी। अगर कोई लड़का एक बार मुझे देख लेता था , तो एक बार तो जरुर मेरे बारे में सोचता था। लड़के मेरे चहरे को देख कर मेरी चूची और चूत के बारे में सोच लेते थे।
वैसे भी मेरी बड़ी बड़ी आंखे, गाजर की तरह लाल लालो गाल, पतली और मलाई की तरह रसीली और मुलायम होठो को, तो कोई भी देख कर मुझ पर फ़िदा हो जाता था। और मेरे मम्मे तो काफी गजब कर थे, देखने से लगता था की कोई मीडियम साइज़ का बड़ा वाला निम्बू है। काफी मुलायम बिल्कुल रुई की तरह और सॉफ्ट भी।
एक बार छू लो तो हाथ हटाने का भी मन ना करे। और मेरी चूत तो कुछ दिनों तक कुवारी थी लेकिन मै एक लड़के के प्यार के चक्कर में पड़ कर अपनी चूत चुदवाली। जब मेरी चूत को पहली बार मेरे बोयफ़्रेंड ने चोदा तो मेरी चूत तो फट गई थी और मेरी चूत से खून भी निकलने लगा था।
फिर मेरे बोयफ़्रेंड ने मुझे समझाया। जब पहली बार चुदाई करो तो सील टूटने से खून निकलने लगता है। उसके बाद मैंने किसी से नही चुदवाया, और किसी को लाइन भी नही दिया लेकिन बहुत लड़के मेरे पीछे पड़े थे। बहुत से लड़के तो मेरे घर के आगे पीछे भी घूमा करते थे।
बहुत बार तो मेरे पापा कई लडको से पूछने लगते थे कि यहाँ क्यों घूम रहें हो। तो वो लोग बहाना बनाकर बता देते थे कि अपने दोस्त का इंतजार कर रहा हूँ। मेरी शादी को सात साल हो चुके है और मेरी शादी के बाद मेरे पति ने लगातार दो साल तक मेरी चुदाई और अपने लंड की प्यास मेरी चूत की चुदाई करके बुझाई।
लेकिन दूसरे साल मै प्रेग्नेंट हो गयी। उसके नौ महीने बाद मुझे एक लड़का हुआ। मैंने उसका नाम माधव रखा। धीरे धीरे हमारा बेटा बड़ा हो गया। अब वो पांच साल का होने वाला है। अब उसकी पढाई के लिये उसका एडमिशन करवाने का समय आ रहा था।
मै अपने बच्चे को पुणे के सबसे अच्छे स्कूल में पढाना चाहती थी। ताकि वो बड़ा होकर कुछ बन सके। मै नही चाहती थी की उसको बड़ा होकर भटकना पड़े। कुछ दिन पहले की बात है, मैंने अपने बेटे की एडमिशन के लिये पुणे के कई बड़े स्कूल में एप्लाई किया। लेकिन किसी स्कूल में उसका नाम नही आया।
फिर मेरे पति के दोस्त ने मुझे एक दलाल से मिलवाया, उन्होने कहा – “आप की मदत हो जायेगी जब और कोई काम हो तो मुझको बताना”। मैने कहा ठीक है। मेरे पति के दोस्त चले गये। मै और मेरा छोटा बेटा उस दलाल के साथ में बैठे थे।
वो मुझे ताड़ रहा था, मैने उसको नोटिस किया वो बार बार मेरे मम्मो को देख रहा था और अपने हाथ से अपने लंड को सहला रहा था। मुझे लगा की ये सायद ये मेरी चुदाई के बारे में सोच रहा है। मैंने उससे कहा – “आप मेरे बेटे का एडमिशन तो करवा देंगे।
तो उसने कहा – “हाँ मैडम हमारा काम यही है लेकिन आप को भी मेरे साथ कुछ मेहनत करना होगा”। मैंने उससे कहा – “आप जो कहेगे मै वो करूँगी लेकिन मेरे बेटे का एडमिशन हो जाये बस”। फिर उसने मुझसे कहा – “देखिये वैसे तो मै सबसे पैसे लेता हूँ लेकिन आप मुझको बहुत पसंद आ गयी है और मै आप को अपने बेड तक ले जाना चाहता हूँ। मै आप से पैसे भी नही लूँगा और आप का एडमिशन भी करवा दूँगा”।
उसकी बात सुनकर मुझे गुस्सा आ गया। मैंने उससे कहा – “आप ने मुझे समझ क्या रखा है मै कोई वैश्या नही हूँ जो तुम्हारे कहने पर तुम्हारे बेड पर चली जाउंगी। और रही बात एडमिशन की वो मै किसी तरह से करवा ही लुंगी”।
दूसरे दिन मुझे पता चला कि उस स्कूल का प्रधानाचार्य जो है वो घूशखोर और घूस लेकर वो एडमिशन कर लेता है। मै भी उससे मिलने दूसरे दिन पहुँच गई। मैंने वहां के प्रधानाचार्य से कहा – “आप जो पैसे कहेगे मै आप को दे दूंगी बस आप मेरे बेटे का एडमिशन कर लो”।
वहां का प्रधानाचार्य देखने में जवान था, मैंने देखा वो भी मुझे देख रहा था और काफी मूड में लग रहा था। मैंने कहा – “सर बस किसी तरह हो गये तो ठीक होता मै बड़ी उम्मीद लेकर आई हूँ”। तो उसने कहा – “आप चिन्ता मत करिये बस आप आपने बच्चे को यहाँ भेजने के बारे में सोचिये।
लेकिन उससे पहले मै बता दूँ मै सबसे तो तीन लाख रूपये लेता हूँ लेकिन मै आप के लिये कुछ छूट कर दूँगा। आप मुझको केवल एक लाख रूपये दे देना और साथ में मै आप के जिस्म के साथ में खेलना चाहता हूँ। तुम चाहो तो जितना मैंने कहा है उतना मुझे दे दो और अपने बेटे का एडमिशन करवालो या फिर घर जाओ। और तुम चाहो तो एक दिन का समय भी ले लो। लेकिन कल तक बता देना”।
उसकी बात सुनकर मुझे गुस्सा तो बहुत आया लेकिन मै वह से चुपचाप चली आई। मैंने उसके बारे में रात भर सोचा मैंने सोचा अगर कहीं और मौका ना मिले तो इसलिए मैंने सोच लिया था की मै अपने बेटे के एडमिशन के लिये कुछ भी करुँगी।
मैंने सुबह ही स्कूल के प्रधानचार्य को फोन किया और उससे कहा – “मै तैयार हूँ। उसने मुझसे कहा – “ठीक है आज स्कूल में आओ”। और अकेले आना, मैंने उनसे कहा – बच्चे को अकेला कहा छोडूगी। तो उसने कहा ठीक है उसको भी साथ ले आना। मैंने कहा ठीक है मै आ जाउंगी।
मै उनके ऑफिस पहुंची। मैंने माधव का फॉर्म भर कर दे दिया। उसके बाद प्रधानाचार्य शरद ने कहा चलो मेरे साथ मेरे फाम हाउस पर हम वही अपनी चुदाई पूरी करेगे। मै अपने बच्चे के साथ शरद के फाम हाउस पर उसके साथ में पहुंची। उसने मेरे बच्चे को कुछ खिलौने दे दिए खेलने के लिये और मै और शरद दोनों उसके बेडरूम में चले गये।
उसने जल्दी से अपने कपडे उतार दिए, और मुझको बेड पर लिटा दिया। पहले तो शरद ने मेरी साडी के पल्लू को हटाया, और मेरे मम्मो को सहलाते हुए अपने हाथ को मेरी चूची से नीचे की तरफ ले जाने लगा और मेरे कमर को सहलाते हुए वो मेरे कमर को चूमने लगा।
मुझे अच्छा लग रहा था लेकिन शादी से बाद दूसरे मर्द से चुदवाना पाप होता है लेकिन अपने बेटे के लिये मैंने ये पाप कर लिया। कुछ देर बाद जब उसका पूरा मूड बाद गया, तो वो मेरे मम्मो में अपना मुह रगड़ते हुए मेरे गले को पीते हुए मेरी होठो को पीने लगा।
उसने मेरे होठो को अपने जीभ से चाटते हुए मेरे होठो को चूसने लगा और साथ में मेरे मम्मो को सहलाते हुए मेरे कमर को सहला रहा था। जिससे मेरे अंदर की ज्वाला भडक उठी और मेरे जिस्म की गर्मी से मेरा पूरा बदन गरम हो गया।
मैने भी जोश में आ कर शरद से किसी दो प्रेमी जोड़े की तरह लिपट गई और उसके बदन को सहलाते हुए उसके होठो को पीने लगी। अब हम दोनों बड़ी मस्ती से एक दूसरे के होठो को पीने लगे। शरद मुझे और ज्यादा जोश में लाने के लिये मेरे होठो को काटते हुए मेरे मम्मो को भी दबा रहा था।
मै बहुत ज्यादा मचल रही थी और मै उससे और कस कर चिपकने लगी और और उसके होठो को और भी प्यार से पीने लगी। बहुत देर तक होठो को पीने के बाद उसने मेरे साडी को निकाल दिया। फिर उसने मेरे ब्लाउज के बटन को खोलने लगा। और मेरी चिकनी और मुलायम चूची धीरे धीरे दिखने लगी थी।
ब्लाउज निकाने के बाद उसने मेरे मम्मो को चुमते हुए मेरे काले ब्रा को भी निकाल दिया। मेरी गोरे मम्मो को देखने के बाद शरद तो खुश हो गया। उसने मुझसे कहा – “वाह तुम्हारे मम्मे तो बहुत ही गोरे और मुलायम भी है”। उसने मेरे मम्मो को पहले जानवरों की तरह खूब दबाया, जिससे मेरी चूची दर्द हो रही थी और मै धीरे धीरे सिसक रही थी।
फिर कुछ देर बाद उसने मेरे बूब्स को अपने जीभ से चाटने लगा और कुछ ही देर में मेरे मम्मो को अपने मुह में भर कर पीने लगा। वो मेरे मम्मो के निप्पल को चूस चूस कर मेरे दूध पीने की कोसिस कर रहा था, लेकिन अब मेरी चूची से दूध नही आते है।
शरद मेरे मम्मो को बार बार दबा दबा ककर पी रहा था। और मै .. अहह अहह उफ़ उफ्फ्फ ऊफ .. करके सिसक रही थी। लेकिन मजा तो बहुत आ रहा था। बहुत देर तक मेरे मम्मो को पीने के बाद उसने मेरे कमर को पीते हुए मेरे पेटीकोट के नारे को खोल दिया और निकाल कर फेक दिया।
फिर मेरी पैंटी को उसने धीरे से खीचा और जिससे मेरी चूत की झांट थोड़ी सी दिखने लगी। कुछ देर में उसने मेरी पैंटी निकाल दी और मेरे बुर को देख कर उसके मुह में पानी आ रहा था और उसका लंड और भी खड़ा हो रहा था। उसने मेरी चूत को पहले अपने हाथो की उंगलियों से सहलाने लगा और फिर धीरे धीरे मेरी चूत में अपने उंगलियो को डालने लगा।
कुछ ही देर में उसकी उंगलियां मेरी चूत की गहरे को नापने के लिये अंदर तक जाने लगी। वो अपने सभी उंगलियो को मेरी चूत के अंदर डाल रहा था और साथ मेरी जब उंगली अंदर जाती तो उसको अंदर ही हिलाने लगता जिससे मै कामोत्तेजना से पागल होकर अपने मम्मो को मसलते हुए … अहह अहह.. अहह.. ओह्ह… ओह.. ओह्ह्ह्ह …. उनहू उनहू हा हा सी …. करके चीख लगती।
कुछ ही देर में मेरा बुरा हाल हो गया मै तडपते हुए चीख रही थी, लेकिन जब मेरी चूत से पानी निकलने लगा तब मुझे कुछ राहत मिली। लेकिन शरद फिर भी लगातार मेरी चूत में उंगली कर रहा था जिससे लगातार मेरी चूत से पानी निकल रहा था।
जब मेरी चूत से पानी निकाल रहा था तो ऐसा लग रहा था की मेरे शरीर में करंट दौड़ रहा हो और मेरे पेट में एक मरोड़ उठ रही थी जो मेरे पूरे बॉडी में फ़ैल रही थी। कुछ देर बाद मेरी चूत के पानी को निकलने के बाद उसने बड़ी जल्दी से अपने लंड को पकड़ा और चूत के छेद से मिलते हुए मेरी चूत पर अपना लंड पटकने लगा।
जिससे मै थिरक उठती और अपने मम्मो को मसलने लगती। फिर उसने अपने लंड को को पहली ही बार में जोर लगा कर मेरी चूत में डाल दिया। मुझे ऐसा लगा कही मेरे प्राण ही ना निकाल जाये। उसका मोटा लंड मेरी चूत को चोदने लगा। कुछ ही देर में मेरी चूत में उसका लंड घच्च घच्च अंदर बाहर हो होने लगा।
जिससे उसकी कमर मेरे कमर में लड़ रही थी और चट चट चट चट की आवाज़ आ रही थी। वो लगातार मेरी चूत अपना लंड डाल रहा था। जब शरद का लंड मेरी चूत में अंदर के जाता तो मेरी चूत की किनारे पर एक रगड़ लगती जिसका दर्द बहुत ही तेज था.
और … आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी…..प्लीसससससस……..प्लीसससससस, उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…” माँ माँ….ओह माँ…उनहू उनहू उनहू … अहह आह दर्द हो रहा है .. जरा आराम से चोदो … अह्ह्ह ..कह कर मै चीख रही थी।
कुछ देर बाद शरद ने अपने लंड को निकाल लिया और फिर मुझे किस करने लगा। कुछ देर तक किस करने के बाद उसने फिर मेरी चूत को चोदने के लिये अलग पोस में आ गया। वो खुद लेट गया और मुझको अपने बैठने के लिये कहा।
मै उसके लंड के बराबर में थी उसने पहले अपने लंड की मेरी बुर में डाल लिया और फिर मेरी कमर को ऊपर नीचे करने लगा। धीरे धीरे वो तेजी से मेरी चूत में लंड डालने लगा। कुछ देर बाद मै खुद ही ऊपर नीचे होने लगी मुझे भी मजा आने लगा। मै तो एकदम उसके लंड को अपने चूत के अंदर कर लेती थी। जिससे शरद मचल जाता था।
बहुत देर तक मेरी चुदाई करने के बाद उसने अपने लंड को मेरे दोनो मम्मो के बीच में रख दिया और मेरे मम्मो को दबा लिया और जल्दी जल्दी पेलने लगा। वो अपनी पूरी ताकत लगा मेरी चुचियो के बीच में चोद रहा था। कुछ देर बाद उसके लंड से शुक्राणु निकने लगा और मेरी मुह और गले को सफेद कर दिया। मुझे तो घिन आ रही थी। लेकिन शरद ने मुझसे जबरदस्ती उसको चटवाया। चाटने पर पाता चला स्वाद अच्छा है।
चुदाई के बाद भी उसने मेरी मम्मो और चूत से बहत देर तक खेला। फिर उसने मुझसे कहा – “मै तुमसे एक भी रूपये नही लूँगा अगर तुम हर हफ्ते में एक बार मेरा बिस्तर गरम के दिया करो तो”। मैंने मना कर दिया मैंने कहा – “मै आप को पैसे दे दूंगी”। और अगर मेरे पति को पता चल गया तो वो मुझे घर से बाहर कर देंगे। इस तरह मैंने अपने बेटे के एडमिशन के लिये स्कूल के प्रिंसपल से चुदवाया।
Mere parivaar mein main, mera chhoṭa bhai, maa aur pitaji hain. Mere pitaji dubai mein ek safai company mein kaam karte hain. Main graduation 1st year me hun aur mera chhota bhai 11vi class mein. Humari aarthik sthiti ke kaaran mere pitaji kadi mehanat karte hain aur parivaar se door Dubai mein rahte hain. Meri maa 40 saal ki hain. Meri maa ka naam Savita hai aur unk lambai 5 feet 5 inch hai. Wo gori hain lekin thodi moti hain. Unhein saadiyon kaa bahut shauk hai. Wo bistar par jaane se pehle nighty pahanti hain. Meri graduation ki wajah se humein shahar mein shift hona pada. Yahan hum ek apartment mein rahte hain. Ab kahani par aate hain, mere sabse achchhe dost ka naam Rajeev hai. Uske pita ji business karte hain aur wo bhi aksar school ke baad apne pitaji ki madad karta hai. Hum padhai ek saath karte hain. Ek din hum donon mere ghar par padh rahe the aur shaam ke kareeb 7 baje the. Meri maa hamesha shaam ko prarthana ke samay se pahle snaan karti hain. Prarthana karne ke baad maa hu...
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