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बहन को चुदवाने की मजबूरी

 हैल्लो दोस्तों, ये स्टोरी मेरी और मेरी बहन की है। मेरी बहन दिखने में बहुत सुंदर है और उसका नाम रितु है और उसकी हाईट 5 फुट 11 इंच और वो बिल्कुल दीपिका पादुकोण जैसी लगती है। मेरे एक गर्लफ्रेंड भी है और उसका नाम दीपशिखा है। दीपशिखा मेरी बहन की सबसे अच्छी दोस्त है और वो दोनों कॉलेज में एक ही क्लास में है।

मेरी बहन बहुत हॉट है और उसका फेस और बॉडी बहुत सुंदर है। कॉलेज के सारे लड़के उस पर मरते है और उनमें से मेरे कुछ दोस्त भी मेरी गर्लफ्रेंड और मेरी बहन को देखकर कमेंट करते रहते है। एक दिन में टॉयलेट में पेशाब करने गया था, तो बाहर कुछ लड़के-लडकियाँ बात कर रहे थे। उनमें मेरी गर्लफ्रेंड और मेरी बहन भी थी।

उनके जाने के बाद उनमें से एक लड़का बोला कि तुमने उन लड़कियों को देखा, जो अभी मिली थी, साली कमाल की थी ना, उन दोनों के बूब्स कमाल के थे। फ़िर उनमें से एक लड़के ने कहा कि मुझे तो छोटी वाली मस्त लगी, साली की गांड बड़ी मस्त थी, कहाँ रहती है? पता लगाना पड़ेगा। अब में ये सब सुन रहा था। फिर एक लड़का बोला कि वो छोटी वाली तो रितु है, वो बी.कॉम कर रही है और वो बड़ी वाली दीपा है। में तो रोजाना इन दोनों के नाम की मुठ मारता हूँ। फिर वो चले गये, लेकिन अब मेरा दिमाग खराब हो गया था और अब में भी रितु के बारे में सोचने लगा था।

फिर कुछ दिन के बाद एक खबर सुनने में मिली कि मेरी बहन रितु का किसी के साथ चक्कर है। अब में सोचने लगा कि ये बात कहीं सच तो नहीं है। फिर मैंने पता लगाया तो पता चला कि चेतन नाम का एक लड़का रितु के पीछे लगा हुआ है, वो लड़का गुंडागर्दी में था तो मैंने भी कुछ नहीं कहा। फिर मैंने रितु से ही पूछा कि क्या ये सच है? तो वो बोली कि नहीं भाई वो ऐसे ही मुझे परेशान करता रहता है। फिर मैंने रितु से कुछ नहीं कहा। फिर कुछ दिन के बाद चेतन मुझसे मिला और ऐसे ही बातें करने लगा।

एक दिन वो बोला कि मुझे तेरी बहन से दोस्ती करनी है, तो में कुछ नहीं बोला और वहाँ से चला गया। फिर अगले दिन वो मुझे फिर से मिला और मुझसे कहने लगा कि प्लीज मेरी तेरी बहन से सेटिंग करा दे, तो मैंने कहा कि में ये सब नहीं कर सकता। फिर उसने मुझे देखा और कहा कि आराम से कह रहा हूँ तो तू समझ ही नहीं रहा और उसने मुझे धक्का मार दिया।

उसके साथ के लड़को ने उसे रोका और मुझे उठाया और चेतन ने मुझसे रितु के फोन नंबर माँगे, तो मैंने उसे नंबर दे दिए। अब वो रोज़ रितु को फोन करता और परेशान करता। फिर एक रात को उसका फोन मेरे पास आया और उसने मुझे छत पर आने को कहा तो में छत गया और मैंने देखा कि वो हमारी ही छत पर था।

फिर उसने मुझसे कहा कि तेरी बहन की याद आ रही थी, तो मैंने उसे समझाया, लेकिन उसने मुझे एक थप्पड़ मारा और कहा कि साले साला है तो साला ही रह और चल नीचे। अब में डर गया था, लेकिन वो मेरे साथ ही नीचे आ गया, ज़ब सब सो रहे थे। फिर उसने मुझसे रितु का कमरा पूछा और रितु के रूम की तरफ जाने लगा, तो मैंने उसे रोका, लेकिन वो नहीं माना। जब रितु टीवी देख रही थी। फिर चेतन ने रितु को खिड़की से देखा और चला गया। फिर अगले दिन वो मुझे कॉलेज में मिला और मुझे एक कागज में कुछ दिया और कहा कि रात को रितु के दूध में उसे दे दूँ, तो मैंने उसे मना किया, लेकिन वो नहीं माना। फिर मैंने रात को वैसा ही किया और रितु के दूध में वो मिला दिया। फिर थोड़ी देर में चेतन भी आ गया और खिड़की में से देखने लगा। अब रितु टीवी देखते हुए अपनी आँखे बंद कर रही थी।

चेतन उसके रूम में चला गया। अब मुझे लगा कि रितु सबको चिल्ला कर जगा देगी, लेकिन वो कुछ नहीं बोली। फिर चेतन उसके पास गया और टीवी बंद कर दी और रितु के साईड में बैठ गया और अब मेरा दिल ज़ोर-जोर से धड़क रहा था कि अब क्या होगा?

फिर चेतन ने रितु की कमर में हाथ डाला और उसे अपनी तरफ़ खींच लिया, तो फिर रितु दीदी एकदम से होश में आई और वो चेतन से बोली कि तुम कौन हो? तो चेतन ने कहा कि में तुम्हारा राजा हूँ और तुम्हें अपनी रानी बनाने आया हूँ। फिर रितु चुप हो गई और उसकी तरफ देखन लगी और बोली कि तुम वही चेतन हो ना, तुम यहाँ से बाहर जाओ।

मुझे लगा कि अब चेतन का भांडा फूटेगा, लेकिन रितु के शोर करने से पहले ही उसने रितु के मुँह को दबा लिया। अब रितु उससे छूटने की कोशिश कर रही थी, लेकिन छूट नहीं पा रही थी। तभी चेतन ने रितु के होंठो को अपने होंठो से दबा लिया और अब ये देखकर मेरे पूरे बदन में अजीब सा करंट दौड़ पड़ा। अब रितु के मुँह से एम्म की आवाज़ आ रही थी।

थोड़ी देर के बाद रितु दीदी ने ज़ोर लगाना बंद कर दिया और वो शांत हो गई। अब चेतन रितु के ऊपर लेटकर आराम से उसके होंठो को चूस रहा था। अब दीदी की आँखे बंद थी और वो भी चेतन के होंठो को चूस रही थी। अब में ये सब देखकर बड़ा हैरान था और साथ ही साथ मुझे अजीब सा भी लग रहा था।

फिर मैंने देखा कि अब जब चेतन रितु के ऊपर लेटा हुआ था, तो रितु दीदी के बूब्स चेतन की छाती से दबे हुए थे और चेतन की पूरी बॉडी मेरी दीदी की बॉडी के ऊपर थी। अब चेतन मजे से उसके होंठो को चूस रहा था।

अब ये सब देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था। फिर चेतन ने अपना मुँह दीदी के होंठो से हटाया और उसने गले को चूमने लगा और इस वक्त रितु पूरे मजे ले रही थी। अब वो पूरे नशे में थी। फिर धीरे-धीरे चेतन रितु के गले से नीचे उसके बूब्स पर पहुँचा और दीदी के बूब्स बड़े-बड़े थे, दीदी का फिगर 37-30-36 था। अब चेतन दीदी की टी-शर्ट के ऊपर से ही उसके बूब्स को अपने मुँह से दबा रहा था। अब वो दीदी की टी-शर्ट के ऊपर से ही रितु के बूब्स को अपने मुँह में लेता और काट भी लेता था।

अब जैसे ही चेतन दीदी के बूब्स को काटता तो दीदी के मुँह से एक मज़ेदर सिसकी निकल जाती थी। फिर चेतन दीदी के बूब्स से नीचे होता हुआ, उसके पेट पर से होता हुआ उनकी जीन्स की चैन के ऊपर जाकर रुक गया और जीन्स की चैन के ऊपर अपना मुँह रख लिया। अब ये देखकर मेरा लंड बहुत बुरी तरह से खड़ा हो गया था।

अब रितु की आँखे बंद थी और वो साँसे बहुत तेज तेज ले रही थी। फिर चेतन रितु के ऊपर से हट गया और रूम का दरवाजा बंद करने के लिए खड़ा हुआ। फिर जब वो दरवाजा बंद करने आया तो में भी वहीं खड़ा था।

चेतन ने मेरी तरफ़ देखा और हँसने लगा, तो मैंने कुछ जवाब नहीं दिया। फिर जब वो दरवाजा बंद करने लगा तो मैंने उससे कहा कि में भी इसी रूम में सोता हूँ, तुम दरवाजा बंद मत करो। फिर उसने मुझसे कहा कि साले कोई आ गया तो क्या करेगा?

उसने मुझसे अंदर आने को कहा, तो में घबराया हुआ सा अंदर आया तो मैंने देखा कि रितु लेटी हुई थी और उसकी आँखे बंद थी। अब वो पूरी तरह से सेक्स के नशे में थी और अब में जाकर दूसरे बेड पर सो गया और वहाँ से सब देखने लगा।

फिर चेतन ने रूम बंद किया और मुझसे बोला कि साले तू पहला लड़का है, जो अपनी बहन की चुदाई लाइव देखेगा। अब मुझे ये सुनकर बहुत अजीब लगा, लेकिन गुस्सा नहीं आया, शायद अब में खुद रितु को चुदते हुए देखना चाहता था। फिर चेतन रितु के पास गया और उसके पास जाकर खड़ा हो गया। अब चेतन ने अपनी शर्ट उतार दी और फिर अपनी जीन्स भी उतार दी।

अब ये देखकर मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा था और अब मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि ये सब सच में हो रहा है। अब चेतन केवल अंडरवियर में था। फिर वो रितु के पास आया और वो उसके होंठो के पास गया ही था कि रितु ने ऊपर आकर चेतन के होंठो को चूसना शुरू कर दिया।

अब रितु ने चेतन के बाल पकड़ रखे थे और वो चेतन के होंठो को चूस रही थी। अब ये देखकर में बहुत हैरान हो गया था। फिर थोड़ी देर के बाद चेतन ने एकदम से रितु के बाल पकड़कर खुद से दूर किया और फिर दुबारा से उसके होंठो को चूसने लगा।

अब चेतन ने इतनी ज़ोर से उसे पकड़ रखा था कि रितु के हाथ चेतन के बालों में से छूट गये और उसने अपने हाथ हवा में कर लिए। फिर चेतन ने रितु को बेड पर धक्का मारा और वो बेड पर जा लेटी। फिर चेतन ने रितु की टाँगो को पकड़ा और अपने पास किया और रितु की जीन्स की बेल्ट हटा दी और फिर उसके जीन्स का बटन भी खोल दिया और रितु की चैन को खोलकर उसकी जीन्स को पैरों पर से पकड़कर खींचने लगा और रितु दीदी की जीन्स उतरने लगी। अब में सब देख रहा था। रितु ने लाल कलर की पेंटी पहनी थी।

फिर चेतन ने उसकी पूरी जीन्स उतार दी और उसके ऊपर आकर रितु की कमर में हाथ डालकर उसे उठाकर बैठा दिया और रितु ने अपने दोनों हाथ ऊपर कर लिए। फिर चेतन ने उसकी टी-शर्ट भी उतार दी। अब रितु ने ब्रा भी लाल कलर की ही पहन रखी थी।

अब में दीदी के बूब्स देखकर मचल गया था। दीदी के बूब्स बहुत बड़े-बड़े और गोरे थे और ब्रा एकदम फिट आ रही थी। अब दीदी बिल्कुल किसी ब्लू फिल्म की हिरोइन की तरह लग रही थी। अब चेतन रितु दीदी के पीछे से जाकर उनकी कमर की तरफ से उनसे चिपक गया और अपने हाथों से दीदी के बूब्स दबाने लगा। अब दीदी ने अपना सर पीछे करके चेतन के कंधे पर डाल दिया था और उसी तरह से चेतन के साथ मदहोश हो गई थी। फिर चेतन ने पीछे से रितु की ब्रा खोल दी और उसे हटा दिया।

अब दीदी की ब्रा निकलकर नीचे आ गिरी थी। अब दीदी का फेस मेरी साईड में था और में ये सब देखकर सुन्न रह गया था। मैंने पहली बार किसी के बूब्स देखे थे, दीदी के बूब्स बड़े सुडोल थे, गोरे थे। अब मेरा तो खुद का ही मन हो रहा था कि में उससे जाकर चिपक जाऊं। अब चेतन अपने हाथों से बूब्स को मसल और दबा रहा था।

उसने रितु का फेस अपनी साईड में किया और उसे लेटा लिया और बूब्स चूसने लगा। अब दीदी पूरी तरह से मदहोश थी और वो अपने फेस से हल्की-हल्की सिसकियां ले रही थी। अब चेतन रितु के बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा और इससे दीदी की सिसकियां भी बढ़ गई थी।

फिर चेतन ने ऋतु के बूब्स पर हल्का सा काटा, तो दीदी एकदम से हल्की सी चिल्लाई, तो चेतन ने फिर से दीदी के बूब्स पर काटा और दीदी हल्की सी चीखी। अब ये सब चेतन को बहुत पसंद आ रहा था। फिर उसने दीदी के दोनों बूब्स को अपने एक-एक हाथों से पकड़ा और अपना मुँह उन पर रख दिया और चूसने लगा।

अब वो पागलों की तरह चूसे जा रहा था, फिर उसने फिर से एक बूब्स की निपल को अपने मुँह में लिया और काटा, तो दीदी फिर से हल्की चिल्लाई। अब चेतन पागल हुए जा रहा था, अब वो बार-बार दोनों बूब्स पर काटे जा रहा था और दीदी चिल्लाए जा रही थी। फिर चेतन ने जल्दी से दीदी की पेंटी को उतारा और अब वो दीदी की पेंटी को इतनी जल्दी से उतार रहा था कि दीदी भी पेंटी के साथ थोड़ा सा निचे आई और फिर पेंटी फट गई।

फिर चेतन ने पेंटी को सूँघा और दीदी पर टूट पड़ा। फिर उसने अपना मुँह दीदी की चूत पर रख दिया और दीदी कि चूत को चूसने लगा। अब दीदी तो पागल हुए जा रही थी और चेतन भी दीदी की चूत को चूसे ही जा रहा था। अब दीदी का हाल देखकर ऐसा लग रहा था कि चेतन ने कोई पाईप लगाकर दीदी की चूत को पीना शुरू कर दिया हो।

अब दीदी बार-बार कभी अपने हाथ चेतन के सिर पर रखती, तो कभी अपने हाथ पीछे कर लेती, तो कभी ऊपर हो कर बैठ जाती, लेकिन अब चेतन बिना रुके उसकी चूत को बुरी तरह चूसे जा रहा था। अब काफ़ी देर तक चूसने के बाद दीदी ठंडी सी होकर लेट गई थी। फिर चेतन ने अपना मुँह ऊपर किया और अपना अंडरवेयर निकालकर फेंक दिया। उसका लंड पूरा तना हुआ था और काफ़ी मोटा भी था।

फिर वो दीदी के ऊपर लेटा और अपने लंड को उसकी चूत पर रख दिया और दीदी को कस कर गले लगा लिया और उनके होंठो को अपने होंठो से लॉक कर दिया और अपने लंड को अंदर दबाने लगा। अब धीरे-धीरे चेतन का लंड दीदी की चूत के अंदर जा रहा था, अब दीदी छूटने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वो हिल भी नहीं पा रही थी।

अब उसके मुँह से सिर्फ़ ह्म्‍म्महमममहम्म की आवाज़ ही आ रही थी। अब चेतन अपने लंड को अंदर डाले ही जा रहा था और लंड डालते हुए ऋतु को खून भी आ रहा था। अब जब उसका पूरा लंड दीदी की चूत के अंदर चला गया तो चेतन रुक गया और ऋतु का मुँह छोड़ा। अब मुँह के छूटते ही दीदी कहने लगी कि प्लीज बाहर निकाल लो बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज निकाल लो, लेकिन चेतन बोला कि चुप हो जा, लेकिन दीदी नहीं मानी और फिर चेतन ने दुबारा से दीदी का मुँह अपने हाथ से दबाया और अपना लंड पूरा बाहर निकाला और फिर से अंदर डाल दिया और फिर ऐसे ही करने लगा। अब ऋतु को देखकर लग रहा था कि वो बहुत दर्द में है, लेकिन चेतन उसे छोड़ने को तैयार नहीं था।

अब वो पूरी तेज़ी से झटके मार रहा था। अब में भी सब देख रहा था कि कैसे मेरी बहन की चुदाई हो रही है? और वो भी इतनी बेरहमी से। अब दीदी की आँखे बंद थी और वो मचल रही थी और चेतन लगातार झटके मारे जा रहा था। फिर काफ़ी देर के बाद वो रुका और मुझे बुलाया और बोला कि जल्दी से यहाँ आ, तो में उठकर उनके पास गया। अब दीदी को इतनी पास से नंगी देखकर में बहुत मस्त हो गया था। फिर चेतन ने मुझे अपना फोन दिया और कहा कि फोटो खींच, तो में हैरान हो गया।

मैंने उसे मना कर दिया, तो चेतन ने ऋतु के ऊपर लेटते हुए मुझसे कहा कि फोटो खींच वरना अच्छा नहीं होगा। फिर मैंने फिर भी मना कर दिया, फिर चेतन ने यहाँ वहाँ देखा और फिर अपना मुँह दीदी के बूब्स पर ले जा कर बोला कि तूने फोटो नहीं खीची तो में इसके बूब्स को खा जाऊंगा। फिर चेतन ने ऋतु दीदी के एक कान को अपने मुँह में लिया और अपने दातों से काटा, तो अब दीदी चिल्ला रही थी, लेकिन उनका मुँह बंद था, अब उनके कान पर से खून आ रहा था।

फिर चेतन ने कहा कि अब अगला नंबर बूब्स का है, तो अब में डर गया। फिर चेतन बूब्स के पास आया और दीदी के एक बूब को अपने मुँह में ले लिया और चबाने लगा। तो मैंने कहा कि ओके में तैयार हूँ, फिर उसने कहा कि एक फोटो तो ऐसे ही खींच ले। फिर मैंने चेतन की फोटो खींची। उस फोटो में उसने मेरी दीदी का एक बूब्स अपने दातों से पकड़ा हुआ था।

उसने अपना मुँह हटाया, लेकिन फिर भी बूब्स पर उसके दांत छप गये थे। फिर उसने काफ़ी स्टाइल में दीदी की फोटो चुदते हुए खिंचवाई और फिर दीदी को चोदने लग गया। फिर थोड़ी देर के बाद ही उसका पानी निकल गया और वो दीदी पर ही लेट गया और सुबह 4 बजे हमारे घर से गया। फिर वो दीदी को किस करके अपने कपड़े पहनकर चला गया।

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